कैप्टन द्वारा आपत्ति जताने पर मुख्यमंत्री रेस से बाहर गए सिद्धू और रंधावा

punjabkesari.in Monday, Sep 20, 2021 - 03:21 PM (IST)

लुधियाना (हितेश): पंजाब सरकार में लंबी चली खींचतान के बाद आखिर में कांग्रेस हाईकमान द्वारा पंजाब की कमान चरणजीत सिंह चन्नी को सौंप दी गई। लेकिन राजनीतिक गलियारों में नवजोत सिद्धू व सुखजिंद्र सिंह रंधावा को मुख्यमंत्री न बनाने के लिए कैप्टन अमरेंद्र सिंह के विरोध को सबसे बड़ी वजह माना जा रहा है, क्योंकि कैप्टन द्वारा इस्तीफा देने से पहले ही सुनील जाखड़ को जिम्मेदारी सौंपने की तैयारी शुरू हो गई थी, जिसको लेकर कोई टिप्पणी करने की बजाय कैप्टन ने सिर्फ इतना ही कहा था कि हाईकमान को जो काबिल लगे, उसे मुख्यमंत्री बनाएं। 

विधायकों की तरफ से जाखड़ के नाम पर ऐतराज जताने के बाद रंधावा की बारी आई तो सिद्धू ने भी अपना नाम आगे कर दिया परन्तु इस संबंधी कैप्टन के तेवरों के मद्देनजर सिद्धू का नाम पीछे कर दिया गया, जिसमें कैप्टन ने यह भी साफ कर दिया था कि सिद्धू एक विभाग नहीं चला सका, मुख्यमंत्री की कुर्सी कैसे संभालेंगे। कैप्टन ने सिद्धू के पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ संबंधों को जोड़ने और पंजाब की अंदरूनी सुरक्षा को खतरा बताने के बाद दूसरी पार्टियों की तरफ से मुद्दा बनाया जाने लगा, जिस कारण विवाद खड़ा होने के डर से हाईकमान ने सिद्धू से किनारा कर लिया। यदि रंधावा की बात करें तो उन्होंने कैप्टन के तेवरों के मद्देनजर उनको पिता समान बता कर माहौल ठंडा करने की कोशिश की परन्तु रंधावा का नाम भी कैप्टन के कट्टर विरोधियों में गिना जाता है और कैप्टन कह चुके हैं कि उनके खेमे को नजरअंदाज करने पर फ्लोर टैस्ट की नौबत आ सकती है। जिसके कारण सिद्धू और रंधावा का पत्ता काटने के बाद कैप्टन के एक और विरोधी चन्नी की बारी आई तो दलित का विरोध करने की बजाय फिलहाल कैप्टन ने बधाई दे दी है।
 

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Content Writer

Subhash Kapoor

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