सिद्धू की बाजवा से जफ्फी करतारपुर साहिब का रास्ता खुलवाने में सहायक हुई तो इसका विरोध क्यों?

punjabkesari.in Tuesday, Aug 21, 2018 - 08:23 AM (IST)

जालंधर (बुलंद): पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के अवसर पर इमरान खान के निमंत्रण के बाद गत दिवस पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू पाकिस्तान पहुंचे तथा उन्होंने पाक आर्मी चीफ बाजवा के गले मिलकर उन्हें जफ्फी डाली। उसके बाद पाक आर्मी चीफ ने  सिद्धू से कहा कि आगामी गुरु नानक देव जी के 550वें गुरु पर्व पर पाकिस्तान भारत के सिखों के लिए करतारपुर साहिब के लिए रास्ता खोलने जा रहा है। इस पर सिद्धू ने उन्हें धन्यवाद भी दिया।

इस पर भारत में सिद्धू के खिलाफ लगातार बयानबाजी जारी है। इतना ही नहीं यू.पी. में तो एक जगह सिद्धू के खिलाफ देशद्रोह का केस भी दर्ज किया गया।  बात सिख नेताओं की करें तो कईयों ने सिद्धू का समर्थन किया है पर कई धार्मिक नेताओं ने सिद्धू द्वारा पाक आर्मी चीफ से जफ्फी डालने का विरोध भी किया है। विभिन्न सिख नेताओं के इस प्रकार के विचार सामने आए-

जत्थेदार वडाला के लंबे संघर्ष का है नतीजा : गुरप्रताप सिंह वडाला
नकोदर से विधायक व लंबे समय तक करतारपुर साहिब के लिए रास्ता लेने की अरदास करने वाले स्व. जत्थेदार कुलदीप सिंह वडाला के बेटे गुरप्रताप सिंह वडाला ने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा पाक जनरल बाजवा से मिलना व करतारपुर साहिब के लिए रास्ता खोलने पर चर्चा करनी अच्छी पहल है। 

जत्थेदार कुलदीप सिंह वडाला 2001 से लगातार हर माह हिंद-पाक बॉर्डर पर करतारपुर साहिब के लिए रास्ता खोलने की अरदास करते रहे थे, जो उनकी बनाई संस्था द्वारा आज भी जारी है। सिद्धू का पाकिस्तान अपने दोस्त के प्रधानमंत्री बनने के कार्यक्रम में जाना और वहां करतारपुर साहिब के रास्ते बारे चर्चा होना एक स्वाभाविक सबब बना है। इसके लिए सिखों को खुश होना चाहिए व आशा करनी चाहिए कि ङ्क्षहद-पाक रिश्तों में खुशनुमा माहौल बने।

सिद्धू की पाकिस्तान फेरी सिखों के लिए रही सुखद : भाई मोहकम सिंह 
मामले बारे पंथक नेता व यूनाइटिड अकाली दल के प्रधान भाई मोहकम सिंह ने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू से पहले भी अनेकों नेता पाकिस्तान गए हैं। वहां के नेताओं से जफ्फियां डालकर आए हैं। कभी कोई नेता वहां की गाय-भेडें़ उठा लाया, कोई कारगिल का युद्ध लेकर आया पर तब तो किसी को कोई ऐतराज नहीं हुआ लेकिन अगर सिद्धू सुख का संदेश लेकर आए हैं कि गुरु नानक साहिब के 550वें गुरु पर्व पर करतारपुर साहिब के लिए रास्ता खुलेगा तो इसके लिए समूची सिख कौम को खुशी मनानी चाहिए। सिख विरोधी नेताओं के बयानों के पीछे लगकर सिद्धू का विरोध नहीं करना चाहिए, क्योंकि जो लोग सिद्धू का विरोध कर रहे हैं, वे असल में सिखों के लिए पाकिस्तान सरकार के करतारपुर साहिब का रास्ता खोलने के फैसले से परेशान हैं।  

72 साल से सिखों को जिसका इंतजार था, वह होने वाला है : जरनैल सिंह
मामले बारे आप पार्टी दिल्ली के वरिष्ठ नेता जरनैल सिंह का कहना है कि पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में सिद्धू ने जनरल बाजवा से गले मिलकर और करतारपुर साहिब के लिए रास्ता खुलवाने की बात करके सिखों के 72 सालों के इंतजार को खत्म करने की ओर पहल की है। सिद्धू ने जफ्फी पाक आर्मी चीफ को नहीं बल्कि करतारपुर साहिब के लिए रास्ता खोलने की बात करने वाले शख्स को डाली है। अगर यह रास्ता खुलता है तो सिख अपने गुरु साहिब के 550वें गुरुपर्व पर पाकिस्तान के करतारपुर साहिब के खुले दर्शन कर सकेंगे। इसके लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पॉजीटिव अप्रोच अपनाकर सहमति प्रकट करके सिखों को करतारपुर साहिब के दर्शनों की अनुमति देनी चाहिए तथा पाकिस्तान से बात करके गुरुपर्व पर सिख भाईचारे को बिना वीजा पाकिस्तान के सारे गुरुद्वारों के दर्शन करवाने का जिम्मा लेना चाहिए।

सिद्धू का पाकिस्तानी आर्मी चीफ से जफ्फी डालना देशहित में नहीं : हरिंद्र सिंह खालसा
मामले बारे ‘आप’ के फतेहगढ़ साहिब से सांसद चुने जाने वाले हरिंद्र सिंह खालसा ने कहा कि सिद्धू का जनरल बाजवा से जफ्फी डालना तो सबने देखा है पर पाक आर्मी चीफ का बयान किसी ने नहीं सुना कि वह करतारपुर साहिब के लिए रास्ता खोलेंगे। उन्होंने कहा कि सिद्धू जैसे प्रोफैशनल एंटरटेनर की बातों को कौन गंभीरता से लेगा। सिद्धू पाक आर्मी चीफ से रास्ता खुलवाने बारे बात करवाकर अपना मन प्रसन्न कर सकते हैं पर देश की जनता देश की मान-मर्यादा को मिट्टी में मिलाने वाले सिद्धू को माफ नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का कहना कि करतारपुर साहिब के लिए रास्ता खोलने बारे गंभीरता से विचार होगा, यह सिर्फ एक डिप्लोमैटिक बयान है और कुछ नहीं।

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