2019 में विवादों में घिरे रहे सिद्धू,करना पड़ा विरोध का सामना

punjabkesari.in Wednesday, Dec 25, 2019 - 04:10 PM (IST)

जालंधरः पंजाब की सियासत में 2019 का साल पूर्व स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिद्धू के लिए कुछ खास नहीं रहा। वह इस साल भी काफी विवादों में रहे। आज हम आपको उन विवादों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके कारण वह अपनी पार्टी और विरोधी दलों की नजरों में चुभते रहें।

सिद्धू का पाकिस्तान दौरा
दरअसल पंजाब की राजनीति में नवजोत सिद्धू के सितारे उस समय गर्दिश में आ गए थे, जब 2018 में वह अपने दोस्त इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान गए थे। वहां उन्होंने पाक सेना प्रमुख बाजवा को गले लगाया था। एक फौजी होने के नाते यह बात मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह को भी काफी चुभी था। कैप्टन और उसके कई मंत्रियों ने उस समय सिद्धू का विरोध किया था।

सिद्धू की तरफ से पुलवामा हमले पर टिप्पणी करना
 फरवरी 2019 में पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले पर नवजोत सिंह सिद्धू की टिप्पणी ने भी नया विवाद छेड़ दिया था। उन्होंने कहा कि था कुछ लोगों के कारण आप पूरे देश (पाकिस्तान) को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते। अपने इस बयान कारण सिद्धू को काफी आलोचना का सामना करना पड़ा था। इसके बाद सिद्धू ने भारत की तरफ से पाक में की गई 'एयर स्ट्राईक' पर भी सवाल उठाए थे। इस कारण एक बार फिर उन्हें कैप्टन के विरोध का सामना करना पड़ा।

सिद्धू की कपिल शर्मा शो से छुट्टी होना 
पुलवामा हमले और एयर स्ट्राईक पर दिए बयानों पर विवाद इतना बढ़ गया कि सिद्धू की कपिल शर्मा के शो से छुट्टी हो गई।

सिद्धू का राहुल गांधी को कैप्टन मानना

सिद्धू द्वारा मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह की जगह राहुल गांधी को अपना कैप्टन बताने के बयान ने इन दोनों के बीच कड़वाहट पैदा कर दी। दरअसल, चुनाव प्रचार के लिए तेलंगाना दौरे पर गए नवजोत सिद्धू ने कैप्टन की नाराजगी पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए बड़े बेबाक अंदाज के साथ कहा था कि 'कौन कैप्टन... मेरा कैप्टन तो राहुल गांधी हैं। हालांकि सिद्धू ने कैप्टन को  अपने पिता सामान कहा परन्तु उनका यह बयान कैप्टन को बहुत चुभा, जिसके बाद कैप्टन के मंत्रियों ने सिद्धू  के इस बयान की निंदा करते हुए अमरेंद्र सिंह को ही अपना और पंजाब का कैप्टन बताया।

फ्रेंडली मैच वाले बयान ने भी छेड़ा नया विवाद
 मेरा कैप्टन का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि लोकसभा मतदान दौरान सिद्धू ने नया पंगा ले लिया। उनके बठिंडा रैली दौरान फ्रेंडली मैच ने नया विवाद खड़ा कर दिया। हालांकि सिद्धू ने किसी का नाम नहीं लिया परन्तु न चाहते हुए या फिर जान-बूझकर कैप्टन सिर बादलों के साथ मिले होने का आरोप लगा दिया गया। इस पर पहली बार चुप्पी तोड़ते हुए कैप्टन ने कहा थे कि सिद्धू पंजाब के मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। इस कारण  वह इस तरह की बातें करके पार्टी और उनका अक्स खराब कर रहे हैं।

कैप्टन ने सिद्धू के सिर फोड़ा हार का ठीकरा
यह मामला यही नहीं रुका और कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने पंजाब के शहरी क्षेत्रों में हार का ठीकरा सिद्धू के सिर पर मढ़ दिया। इसने सिद्धू और कैप्टन बीच दूरियों को और बढ़ा दिया। इसके इलावा नवजोत सिंह सिद्धू इस बार ट्विटर  पर भी खूब सक्रिय रहे । उन्होंने ट्विटर पर खूब शेरो-शायरी करते हुए विरोधियों पर तंज कसे।

कैप्टन की तरफ से सिद्धू का विभाग बदलना 
सिद्धू और कैप्टन का विवाद यही नहीं रुका। उनसे खफा कैप्टन ने उनका विभाग ही बदल दिया। कैप्टन की यह कार्रवाई सिद्धू को नागवारा गुजरी उन्होंने नया मंत्रालय लेने से इंकार कर दिया।

सिद्धू की तरफ से मंत्री पद से इस्तीफा देना
मंत्रालय बदलने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू  राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से भी मिले थे। लोकसभा मतदान में मिली करारी हार से दुखी राहुल ने भी उन क कोई बात नहीं सुनी। फिर सिद्धू ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इसकी जानकारी सिद्धू ने टविट्टर के जरिए दी थी, जिसमें सिद्धू ने लिखा था कि उन्होंने 10 जून को पंजाब मंत्रिमंडल में से इस्तीफा दे दिया है।

 करतारपुर कॉरीडोर खुलने पर सिद्धू ने की थी इमरान की जी भर कर तरीफ
करतारपुर कॉरीडोर के उद्घाटन दौरान भी नवजोत सिद्धू ने खूब मुख्य सुर्खियां बटोरी थी। सिद्धू को उद्घाटन समारोह में शामिल होने के लिए पाकिस्तान की तरफ से न्योता दिया गया था ।  यहां उन्होंने अपने भाषण में इमरान खान की खूब प्रशंसा की और विरोधियों पर निशाने साधे थे। इन विवादों के कारण नवजोत सिंह सिद्धू पूरा साल विरोधियों की नजरों में चुभते रहे हैं। अब देखना होगा नया  साल उनके राजनीतिक जीवन में क्या बदलाव लेकर आता है।

 

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