सिख्स फॉर जस्टिस का होने लगा विश्वव्यापी विरोध

punjabkesari.in Monday, Jun 01, 2020 - 03:13 PM (IST)

जालंधर(सोमनाथ): पिछले कुछ महीनों में सिख्स फॉर जस्टिस के मुट्ठी भर लोग, जो खालिस्तान आंदोलन का प्रचार कर रहे हैं, के खिलाफ वैश्विक प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं तथा सिख्स फॉर जस्टिस का कड़ा विरोध हो रहा है। इसका ताजा उदाहरण कनाडा में एस.एफ.जे. का विरोध और पंजाब के लुधियाना के गांव गिल के सरपंच हरप्रीत सिंह मीका के नेतृत्व में एस.एफ.जे. के पोस्टर ब्वॉय का पुतला फूंके जाने से मिलती है। यही नहीं, सिख्स फॉर जस्टिस की उदासी महंतों के साथ तुलना की जाने लगी है। अमरीका में पंजाब फाऊंडेशन के चेयरमैन सुक्खी चाहल ने बताया कि सिख्स फॉर जस्टिस के खिलाफ शुरू हुआ विश्वव्यापी विरोध 1920 के गुरुद्वारा सुधार लहर की भी याद दिलाता है। मुझे लगता है कि जिस तरह से उदासी महंतो से गुरुद्वारों का नियंत्रण लेने के लिए आंदोलन किए गए थे, उसी तरह के आंदोलन की पुनरावृत्ति आज हमारे पवित्र स्थानों को अपराधियों से मुक्त करने के लिए शुरू की जानी चाहिए। गुरु नानक सिख गुरुद्वारा सरी, बी.सी. कनाडा में हाल ही में हुआ एक विवाद इसका एक उदाहरण है। इस विवाद में गुरुद्वारा साहिब के अध्यक्ष हरदीप सिंह निज्जर शामिल थे। निज्जर रैफरैंडम 2020 आंदोलन और कनाडा में एस.एफ.जे. के मुख्य समर्थकों में से एक अग्रिम पंक्ति का कार्यकत्र्ता भी है।

पन्नू बताए-सरी स्थित गुरुद्वारा साहिब में हरदीप निज्जर के विवाद के पीछे क्या कारण है?
सुक्खी चाहल ने 28 मई को एक ट्वीट में सिख्स फॉर जस्टिस के स्वयंभू कानूनी सलाहकार गुरपतवंत सिंह पन्नू से हरदीप सिंह निज्जर और गुरु नानक सिख गुरुद्वारा सरी, बी.सी. कनाडा के अन्य लोगों के बीच हुए विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करने को कहा है। चाहल ने कहा, ‘‘हरदीप सिंह निज्जर को भारत में घोषित अपराधी माना गया है और वह एक वांछित अपराधी है। कुछ साल पहले वायरल हुई एक वीडियो में उसे बी.सी. मिशन में अन्य लोगों को पंजाब में आतंकी गतिविधियों के लिए खतरनाक हथियारों की ट्रेनिंग देते हुए दिखाया गया है। यही नहीं, फरवरी 2018 में अमृतसर में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के साथ बैठक में पंजाब के मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह द्वारा वांछित व्यक्तियों की सूची सांझी की थी। कैप्टन ने ट्रूडो से आग्रह किया कि वे ऐसे तत्वों को कनाडा की धरती का उपयोग करने की अनुमति न दें जो भारत की शांति को भंग करना चाहते हैं और यह भी चेतावनी दी कि ऐसे तत्वों का कनाडा में लंबे समय तक रहना कनाडा की अपनी सुरक्षा के लिए खतरनाक हो सकता है।

पाकिस्तान के इशारे पर नाचने वाले निज्जर को प्रधान कैसे बनाया?
निज्जर के मामले में चाहल ने कहा कि वह यह समझने में विफल रहे हैं कि ऐसे अपराधियों को दूसरे देशों में प्रवेश और शरण क्यों मिल जाता है तथा ऐसे अपराधी विदेशों में गुरुद्वारों के महत्वपूर्ण पदों पर कब्जा करने में कैसे कामयाब हो जाते हैं? इस तरह की गतिविधियों के पीछे की मंशा पर प्रकाश डालते हुए चाहल ने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि ये लोग अपनी मातृभूमि भारत के खिलाफ शोर मचाकर अपनी शरण के दावों को मजबूत बनाने की कोशिश करते हैं। वे स्पष्ट रूप से पाकिस्तान की द इंटर-सर्विसीज इंटैलीजैंस (आई.एस.आई.) जैसी भारत विरोधी ताकतों से सहायता प्राप्त कर रहे हैं। उनका अन्य उद्देश्य सिख धार्मिक स्थलों को नियंत्रित कर संगत के पैसे का दुरुपयोग करना है।’’ निज्जर को कनाडा में एस.एफ.जे. का प्रमुख प्रतिनिधि कहा जाता है, जिसे गुरपतवंत सिंह पन्नू ने नियुक्त किया है। यह स्पष्ट है कि केवल वे लोग जो हिंसा और समाज में घृणा को बढ़ावा देने में विश्वास करते हैं, उन्हें एस.एफ.जे. का प्रतिनिधित्व करने के लिए नियुक्त किया जाता है। ऐसा क्यों? घटना के बारे में विस्तार से बताते हुए चाहल ने कहा, ‘‘जैसा कि प्राप्त जानकारी से पता चलता है कि निज्जर के साथ 22 मई को हुई लड़ाई उनके तानाशाही तरीके के कारण हुई है, क्योंकि निज्जर कोरोना वायरस के चलते पंजाब में फंसे एन.आर.आईज. को अनधिकृत चार्टर से कनाडा लाने के लिए हजारों कनाडाई डॉलर इका करने की योजना बना रहे थे। इसके लिए उसने गुरु नानक सिख गुरुद्वारा, सरी, बी.सी. का चयन किया था, जिसके वह खुद अध्यक्ष हैं। वहां पैसा इका किया गया। इसके पीछे निज्जर का एकमात्र उद्देश्य संगत के बीच अपनी लोकप्रियता बढ़ाना था, जिसको लेकर विवाद हो गया।


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