पवित्र स्वरूप मामले में SGPC के यू -टर्न पर सिक्ख जत्थेबंदियों ने की कार्यवाही की मांग

punjabkesari.in Sunday, Sep 06, 2020 - 08:27 PM (IST)

जालंधर (चावला): शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के प्रधान गोबिन्द सिंह लोंगोवाल की तरफ से श्री गुरु ग्रंथ साहब जी के 328 पवित्र स्वरूपों के मामले पर अपने पहले फ़ैसले से पीछे हटने के किये ऐलान के बाद 35 सिक्ख जत्थेबंदियाँ और गठजोड अलायंस सिक्ख आरगेनाइजेशन्स के वक्ते सुखदेव सिंह फगवाड़ा और परमपाल सिंह ने अपना प्रतीकर्म दिया है। उन्होंने कहा कि गोबिन्द सिंह लोंगोवाल की तरफ से किया यह ऐलान कि जांच समिति की तरफ से सिफारिशों अनुसार पहले लिए गए फ़ैसलों के मुताबिक गुरू ग्रंथ साहब जी के पवित्र सरूपों की गुंमशुदगी मामलो में मुलजिमों ख़िलाफ़ फ़ौजदारी मुकदमे दर्ज करने से पीछे हटने से साफ़ है कि अब समेत अपने लोंगोवाल सभी मुलजिमों को बचाना चाहते हैं क्योंकि अब सब से बड़ा डर लोंगोवाल को यह सता रहा है कि अगर किसी भी आरोपी पर फ़ौजदारी मुकदमा दर्ज करवाया तो शिरोमणि समिति में उन की सरप्रस्ती अंतर्गत घोटालों का पर्दाफाश किसी न किसी मुलाज़ीम ने कर देना है।

उन्होंने कहा कि जो नया बहाना लोंगोवाल ने आज बनाया है कि हम इस मामलो में पुलिस की दखल अंदाजी नहीं चाहते तो लोंगोवाल जवाब दे कि हर साल जून महीने शिरोमणि समिति की मर्ज़ी के साथ दरबार साहब परिक्रमा में हर तरफ पुलिस को तैनात कर नौजवानों की आवाज़ क्यों दबाई जाती है, अगर कोई श्री अकाल तख़्त साहब जाकर अरदास भी कर रहा होता तो दरबार साहब परिक्रमा में तैनात पुलिस कर्मचारी उसी वक्त उसकी गिरफ़्तारी भी कर लेते हैं और हर वक्त दरबार साहब परिक्रमा के अंदर सिविल वर्दी में घूम रहे पुलिस मुलाजिमों का पूरा कंट्रोल होता है, क्या उस वक्त पुलिस की दख़ल अन्दाज़ी आपकी सहमति के साथ नहीं ?

वास्तव में लोंगोवाल समेत अपने और समुचित अंतरिम समिति जो कि इन मामलों में वास्तव में आरोपी है सब को बचाना चाहते हैं अपने ही कुछ दिन पहले किये ऐलान से हटना कि अब यह अकाल तख़्त साहब के किये हुए निर्देशों का उल्लंघन नहीं? उन्होंने यह भी कहा कि श्री अकाल तख़्त साहब से आए हुक्मों को यह अपनी सहूलियत मुताबिक इस्तेमाल कर लेते हैं और अगर राजनितिक तौर पर फिट न बैठे तो उन निर्देशों का उल्लंघन भी कर देते हैं। 

उन्होंने मांग की कि गुरू साहब के पवित्र स्वरूप कब और कहाँ भेजे गए हैं की सारी सूची जनतक की जाये और अगर यह सूची जनतक नहीं की गई तो बात साफ़ है कि गुरू साहब के पवित्र स्वरूप राजनितिक फ़ायदों के लिए किसी ऐसी जगह पर भेजे गए हैं। उन्होंने लोंगोवाल के किये गए आज के ऐलान की सख़्त शब्दों में निंदा करते जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह से अपील की कि जल्द ही शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के प्रधान गोबिन्द सिंह लोंगोवाल और रजिन्दर सिंह मेहता समेत सभी मुलजिमों को श्री अकाल तख़्त साहब तलब कर सभी के इस्तीफे ले कर सख़्त पाबंदी लगाई जाये। 


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Tania pathak

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