सिख संगठनों पर हिंसक हुई पुलिस,प्रदर्शनकारियों पर की पानी की बौछारें

punjabkesari.in Monday, Jul 22, 2019 - 04:33 PM (IST)

 मोहाली(नियामियां): सी.बी.आई. की ओर से बरगाड़ी बेअदबी मामले को लेकर दाखिल क्लोजर रिपोर्ट वापस लेने की मांग को लेकर चंडीगढ़ स्थित सी.बी.आई. 
दफ्तर में मांग पत्र देने जा रहे सिख जत्थेबंदियों के प्रतिनिधियों पर चंडीगढ़ पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और पानी की बौछारें कीं जिससे कई सिख नेता घायल हो गए।प्रतिनिधि मांग कर रहे थे कि सी.बी.आई. दफ्तर तक मांग पत्र देने के लिए जाने दिया जाए, परंतु चंडीगढ़ पुलिस ने सिखों की पगडिय़ां उतार फैंकी। पुलिस की कार्रवाई के कारण लगभग आधे दर्जन के करीब व्यक्ति जख्मी हो गए जिन्हें अस्पताल में दाखिल करवाया गया है। 

सी.बी.आई. की ओर से बेअबदी मामले में क्लोजर रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल करने के रोष पर सिख जत्थेबंदियों ने चंडीगढ़ स्थित सी.बी.आई. दफ्तर के घेराव का कार्यक्रम बनाया था। इसके तहत सोमवार सुबह से ही पंजाब के अलग-अलग क्षेत्रों से सिख जत्थेबंदियों के कार्यकर्ता गुरुद्वारा अंब साहिब पहुंचने शुरू हो गए थे। गुरुद्वारा साहिब में सिख जत्थेबंदियों ने रैली करने के बाद रोष मार्च और धरने का नेतृत्व करने के लिए 5 सदस्यीय कमेटी का गठन किया, जिसमें मास्टर संतोख सिंह, भाई सुखजीत सिंह खोजा, भाई विसाखा सिंह, भाई हरप्रीत सिंह मक्खू और भाई सुरजीत सिंह इयाली को शामिल किया गया। इसके बाद रोष मार्च फेज-9 की तरफ से होते हुए चंडीगढ़ रवाना हो गया। 

बुड़ैल जेल के पीछे चंडीगढ़ पुलिस ने बैरीकेड लगाकर मार्च को रोक लिया। जब मार्च में शामिल कार्यकर्ताओं ने बैरीकेड से आगे जाने की कोशिश की तो चंडीगढ़ पुलिस ने पानी की बौछारें करनी शुरू कर दी जिससे कई कार्यकत्र्ताओं की पगडिय़ां उतर गई। इस दौरान चंडीगढ़ पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी दागे और रोष मार्च को चंडीगढ़ में दाखिल होने से रोक दिया। इस पर मार्च में शामिल लोगों ने मौके पर ही धरना शुरू कर दिया। इसके बाद चंडीगढ़ पुलिस के अधिकारियों की ओर से धरनाकारियों के साथ बात कर पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को सी.बी.आई. के दफ्तर मांग पत्र देने के लिए सहमत कर लिया। इसके बाद प्रतिनिधिमंडल ने सी.बी.आई. डायरैक्टर को मांग पत्र सौंपा, जिसमें मांग की गई है कि क्लोजर रिपोर्ट तुरंत वापस ली जाए और बरगाड़ी मोर्चों की मांगें मान कर संबंधित बनती कार्रवाई की जाए। सिख जंथेबंदियों ने यह मांग भी की कि जेलों में बंद सजा पूरी कर चुके सिख कैदियों को रिहा किया जाए। बाद में यह धरना खत्म कर दिया गया। 

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