पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम में हुए गबन को लेकर साधू सिंह धर्मसोत को मंत्री पद से हटाया जाएः बैंस

punjabkesari.in Saturday, Aug 29, 2020 - 09:32 PM (IST)

जालंधर (बुलंद): पंजाब सरकार कोरोना को लेकर बेहद हास्यप्रद फार्मूले अपना रही है। विधानसभा में पत्रकारों को दाखिला नहीं दिया गया पर जो विधायक कोरोना पॉजिटिव थे, वह विधानसभा में सेशन का हिस्सा थे। पंजाब में सरकार को शायद लगता है कि शाम 7:00 बजे से लेकर सुबह 5:00 बजे तक कोरोना चलेगा। इसलिए सिर्फ इसी समय के दौरान कर्फ्यू लगाया गया है। इन बातों का खुलासा लुधियाना से विधायक सिमरजीत सिंह बैंस ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए किया। बैंस ने कहा कि 1 दिन का विधानसभा सेशन पंजाब के लोगों के मुद्दे और उनकी समस्याएं उठाने के लिए कितना कारगर है यह मुख्यमंत्री बता सकते हैं। अगर यही सेशन 10 दिन का होता है तो क्या सबको कोरोना हो जाना था, पंजाब सरकार पंजाब के मुद्दों व लोगों की समस्याओं को लेकर लापरवाह है। 

बैंस ने कहा कि पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप जो केंद्र सरकार ने दलित विद्यार्थियों के लिए शुरू की थी इस मुद्दे पर पंजाब सरकार बेहद लापरवाह है। लाखों दलित विद्यार्थियों का भविष्य खतरे में डाल दिया गया है। केंद्र सरकार से पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप का पैसा लेने के बाद पंजाब सरकार उसे अपने निजी कार्यों के लिए इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने कहा कि दलित विद्यार्थियों के लिए आए पैसे में एक बड़ा स्कैम हो गया है। इसके लिए पंजाब सरकार के मंत्री जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि एडिशनल चीफ सेक्टरी ने अपनी रिपोर्ट में पंजाब सरकार के मंत्री साधू सिंह धर्मसोत पर आरोप लगाए हैं कि उनके अधीन पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम में करोड़ों रुपए के घपले हुए हैं। कल लोक इंसाफ पार्टी के द्वारा विधानसभा में धरना लगाया गया था कि इस मामले में खुद कैप्टन अमरेन्द्र सिंह बयान दें परंतु हमारे में मुंह खोलने को तैयार नहीं है। 

बैंस ने कहा कि हमने मुख्यमंत्री से मांग की है कि पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम में हुए घपले को लेकर साधू सिंह धर्मसोत की छुट्टी की जाए और सारे मामले की जांच सीबीआई को सौंपी जाए। इसके साथ ही मंत्री के करीबी उन सारे अधिकारियों पर भी कार्रवाई हो जिन्होंने दलित विद्यार्थियों के लिए केंद्र सरकार से आए पैसे का गबन किया है तांकि भविष्य में कोई भी दलित छात्रों के साथ इस प्रकार के गड़बड़ी करने की कोशिश ना करे। उन्होंने कहा कि एडिशनल चीफ सेक्टरी की रिपोर्ट के अनुसार 39 करोड़ का कोई हिसाब ही नहीं है जो दलित विद्यार्थियों के लिए आए पोस्ट मैट्रिक स्कीम का पैसा विभिन्न संस्थाओं से वापिस लिया गया था| बैंस ने कहा कि मामले बारे चीफ सेक्रेटरी करन अवतार सिंह ने विभाग के डिप्टी ट्रैक्टर को सस्पेंड किया था पर विभाग के मंत्री धर्मसोत इस सस्पेंशन को रद्द किया।

उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार दलित विद्यार्थियों को पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप का लाभ नहीं दे रही जिस कारण लगातार इस स्कीम के तहत दलित छात्रों ने कॉलेजों में दाखिला लेना कम कर दिया है। उन्होंने कहा कि पंजाब में दलित विद्यार्थियों के साथ जो धक्का हो रहा है हमने उसके खिलाफ कल लोक इंसाफ पार्टी की ओर से विधानसभा में रोष प्रदर्शन किया था। परंतु बेहद अफसोस की बात है कि मुख्यमंत्री सारे मामले में कोई कार्रवाई करने को तैयार नहीं है। इसलिए लोक इंसाफ पार्टी 1 सितंबर को सारे जिला हेड क्वार्टरों पर डिप्टी कमिश्नरों को मांग पत्र देगी इसमें मांग की जाएगी कि साधू सिंह धर्मसोत को मंत्रीपद से हटाया जाए। पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम की घपले की सारी जांच सीबीआई से करवाई जाए।

Mohit