बहन से भाई ने 4 बार किया दुष्कर्म का प्रयास

punjabkesari.in Saturday, Aug 31, 2019 - 12:46 PM (IST)

लुधियाना(ऋषि): फरवरी-मार्च महीने में छठी कक्षा की छात्रा से उसके बड़े भाई ने 4 बार घर पर ही दुष्कर्म करने का प्रयास किया। घबराई बच्ची ने पहले दिव्यांग मां को सारी दास्तान सुनाई, जिसके  5 माह बाद चाइल्ड हैल्पलाइन नंबर-1098 पर शिकायत की। इसके बाद थाना डिवीजन नं.-2 की पुलिस की तरफ से दुष्कर्म के आरोप में केस दर्ज किया गया है। 

एस.एच.ओ. इंस्पैक्टर सुरिन्द्र चोपड़ा के अनुसार आरोपी भाई की पहचान बिट्टू (19) के रूप में हुई है, जो नूरवाला रोड पर प्राइवेट नौकरी करता है। आरोपी के 5 भाई-बहन हैं। हैल्पलाइन नंबर पर की शिकायत में 13 वर्षीय पीड़िता ने बताया कि वह घर के पास ही बने प्राइवेट स्कूल में पढ़ती है। फरवरी व मार्च महीने में उसके बड़े भाई ने घर में अकेले होने का फायदा उठाकर 4 बार उसके कपड़े उतारे। इतना ही नहीं उससे अश्लील हरकतें कर शारीरिक संबंध बनाने का प्रयास किया। अंतिम बार शिवरात्रि की रात उससे गलत काम करने का प्रयास किया। इसके बाद मां ने उसे डांटा और बेटी के पास जाने से रोका। पुलिस के अनुसार आरोपी को अदालत में पेशकर 2 दिन का पुलिस रिमांड हासिल किया गया है, वहीं बच्ची का सिविल अस्पताल से मैडीकल करवाया गया। पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड में पढऩे वाले बच्चों की किताबों के पीछे चाइल्ड हैल्पलाइन नंबर लिखा हुआ है। छात्रा ने उसी नंबर पर फोन किया। इसके बाद एन.जी.ओ. ने बच्ची से स्कूल जाकर संपर्क साधा और इसकी जांच करने के बाद पुलिस को सूचना दी। 

7 दिन लगे संपर्क साधने में
हैल्पलाइन नंबर के को-आर्डीनेटर हर्षदीप ने बताया कि गत 21 अगस्त रात लगभग 8.30 बजे बच्ची ने अपने घर के नंबर से फोन कर उन्हें सारी बात बताई। उसने बताया कि वह जिस स्कूल में पढ़ती है, वहां पर नीले और सफेद रंग के कपड़े पहने जाते हैं। अगले दिन सुबह एन.जी.ओ. की तरफ से जनकपुरी से लेकर जगराओं पुल तक सभी स्कूलों में जाकर देखा गया, लेकिन कामयाबी हाथ न लगी। बीमार होने के चलते बच्ची 1 दिन स्कूल नहीं आई, जबकि 3 दिन छुट्टी होने के चलते संपर्क न हो सका। जिस दिन बच्ची स्कूल आई तो प्रिंसीपल ने एन.जी.ओ. को फोन किया, जब उन्होंने बच्ची से बात की तो पहले वह सहमी हुई थी, लेकिन बाद में सारा सच बता दिया। 

महीने में आ रही 40 से ज्यादा शिकायतें
दुष्कर्म का मामला एन.जी.ओ. की तरफ से दर्ज करवाया गया है, ताकि बच्ची पर किसी प्रकार का दबाव न बनाया जा सके। इसके चलते बच्ची फिलहाल आश्रम में रहेगी। वहीं हर्षदीप के अनुसार महीने में 40 से ज्यादा हैल्पलाइन पर बच्चों द्वारा फोन कर अपने शिकायतें बताई जा रही हैं। 

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