मौड़ ब्लास्ट की जांच हेतु एस.आई.टी. गठित

punjabkesari.in Sunday, Nov 24, 2019 - 09:22 AM (IST)

बठिंडा(विजय): 2017 के विधानसभा चुनावों के कुछ दिन पहले 31 जनवरी को पूर्व विधायक व डेरा प्रमुख के नजदीकी रिश्तेदार हरमंदर सिंह जस्सी द्वारा की जा रही कांग्रेस की रैली में अचानक कार से बम विस्फोट हुआ था, जिसमें जस्सी को उड़ाने की साजिश रची गई थी। इस विस्फोट में 6 लोगों की मौत व 13 घायल हुए थे, लेकिन 3 वर्ष गुजरने के बावजूद पुलिस इस साजिश को पर्दाफाश करने में असफल रही। हाईकोर्ट में की गई याचिका के आधार पर न्यायालय ने पंजाब सरकार से 3 महीने में मौड़ बम ब्लास्ट की घटना से पर्दा उठाने की रिपोर्ट मांगी है।

इस संबंधी डी.जी.पी. पंजाब दिनकर गुप्ता द्वारा ए.डी.जी.पी. ईश्वर सिंह के नेतृत्व में नई एस.आई.टी. गठित की गई है जिसमें बठिंडा के आई.जी. अरुण मित्तल, रूपनगर के आई.जी. अमित प्रसाद, एस.एस.पी. डा. नानक सिंह को भी शामिल किया गया है। गुरजीत सिंह पातड़ा द्वारा हाईकोर्ट में एडवोकेट मोहिंद्र जोशी द्वारा याचिका दायर कर इस घटना की जांच की मांग उठाई गई थी जिस पर उच्च न्यायालय ने संज्ञान लेते हुए पंजाब सरकार को नए सिरे से निर्देश जारी किए हैं। इससे पहले रणबीर खटड़ा के नेतृत्व में एस.आई.टी. गठित की गई थी जिसमें बठिंडा के पूर्व एस.एस.पी. स्वपन शर्मा भी शामिल थे।

कूकर बम से किया था विस्फोट
बम विस्फोट के लिए असामाजिक तत्वों ने लाल रंग की मारुति कार में कूकर रखकर विस्फोट किया था जिसकी खूब चर्चा भी हुई थी। पुलिस ने कूकर बनाने वाली कम्पनी व बेचने वाले दुकानदार को ढूंढने के लिए 2 वर्ष खराब कर दिए लेकिन उनके हाथ कुछ नहीं लगा था। आखिर इसके तार डेरा सच्चा सौदा से जुड़े नजर आए। खटड़ा की एस.आई.टी. ने इस घटना का पर्दाफाश करते हुए कुछ डेरा प्रेमियों पर मामले भी दर्ज किए थे और बम ब्लास्ट में उपयोग की गई कार को डेरे में ही तैयार किया गया था।

डेरे के 3 अनुयायियों को किया था नामजद
डेरे के 3 अनुयायी जिनमें डबवाली का गुरतेज सिंह काला, संगरूर का अमरीक सिंह, हरियाणा पिहोवा के अवतार सिंह को इस मामले में नामजद किया गया था। पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार कर पूछताछ भी की थी तथा इसका पर्दाफाश कर पुलिस को अगली कार्रवाई के लिए निर्देश जारी कर दिए थे लेकिन मामले को पुलिस आगे ले जाने में असफल रही। जांच में पाया गया था कि कार पर स्कूटर का नंबर लगा हुआ था और उसकी पहचान छुपाई गई थी। विस्फोट दौरान मौके पर 3 व्यक्तियों की तुरंत मौत हुई थी जिनमें अशोक कुमार, बरखा रानी पुत्री अशोक कुमार, हरपाल पाली निवासी जस्सी शामिल थे। कुछ दिन बाद 3 अन्य जिनमें सौरव सिंगला, रिपन दीप व जपसिमरन सिंह ने बाद में दम तोड़ दिया था। बम ब्लास्ट में कुल 13 व्यक्ति घायल हुए थे जिनका लम्बे समय तक उपचार चलता रहा।

कॉल डिटेल में डेरे का हुआ था पर्दाफाश
दिल दहलाने वाली इस घटना के बाद तत्कालीन एस.एस.पी. स्वपन शर्मा ने जब जांच दौरान इसकी कॉल डिटेल निकाली तो उसमें पाया गया कि विस्फोट दौरान डेरे में 16 बार फोन किए गए थे। इसके बाद जांच की दिशा डेरे की ओर घुमा दी गई तथा इसकी परतें खुलती चली गईं। चोरी की कार को डेरे में भी पेंट किया गया था तथा वहीं से तैयार कर मौड़ ब्लास्ट में प्रयोग किया गया था।

क्या थी साजिश
अभी तक यह बात सामने नहीं आई कि विस्फोट में डेरा प्रेमियों का हाथ था या किन्हीं अन्य लोगों का। अभी तक इस बात का खुलासा भी नहीं हुआ कि यह साजिश हरमंदर सिंह जस्सी को मारने के लिए की गई थी या उसे चुनावों में जिताने के लिए सहानुभूति हासिल करने के लिए। बेशक इस हमले में हरमंदर सिंह जस्सी बाल-बाल बच गए थे लेकिन 6 लोग बेमौत मारे गए थे, जबकि 13 बुरी तरह घायल हुए थे। अब देखना यह है कि नई गठित की गई एस.आई.टी. इस मामले में क्या प्रगति कर पाएगी? हाईकोर्ट ने केवल 3 महीने का ही समय दिया है जिसके चलते ईश्वर सिंह ने शुक्रवार को इस संबंध में पहले बैठक भी की है व एस.आई.टी. में शामिल अधिकारियों को कुछ निर्देश भी जारी किए हैं। 

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Sunita sarangal