SIT की जांच पर पूर्व मुख्यमंत्री ने उठाए सवाल- नेता बोले बादल नहीं चाहते हो कार्रवाई

punjabkesari.in Saturday, Nov 17, 2018 - 08:42 AM (IST)

पठानकोट/चंडीगढ़ (शारदा/भुल्लर): पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद सुनील जाखड़ ने बादलों से एस.आई.टी. द्वारा पूछताछ करने के संबंध में कहा कि जो भी विवादास्पद मुद्दे हैं, उनकी जांच होनी चाहिए, क्योंकि कानून से ऊपर कोई नहीं है।

बेअदबी मामले को लेकर एस.आई.टी. जो भी कर रही है, बिल्कुल ठीक कर रही है। बेअदबी हुई है, निर्दोष लोगों पर गोली चली है, उसके लिए बादल अपनी जिम्मेदारी से भाग नहीं सकते। उन्होंने कहा कि जांच टीम के दोनों अधिकारी ए.डी.जी.पी. प्रबोध कुमार और आई.जी. कुंवर विजय प्रताप सिंह बहुत बढ़िया अफसर हैं। ऐसे अफसरों की जांच पर सवाल उठाना उनकी बौखलाहट को दर्शाता है। प्रकाश सिंह बादल और सुखबीर बादल कानून से ऊपर नहीं हैं। जाखड़ ने कहा कि अगर बादल विधानसभा सत्र में पूर्व जस्टिस रणजीत सिंह कमीशन की रिपोर्ट पर हुई बहस पर मौके पर जवाब दे देते तो यह नौबत नहीं आती। 

बादल परिवार नहीं चाहता कि बेअदबी करने वाले पकड़े जाएं : वेरका
वहीं, कांग्रेस विधायक एवं पंजाब कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता डॉ. राज कुमार वेरका ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर डीफेम करने के आरोप लगाने पर अकाली दल बादल को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि बादल परिवार नहीं चाहता कि बेअदबी करने वाले आरोपी पकड़े जाएं, उलटा मुख्यमंत्री पर झूठे आरोप लगाने की कोशिश की जा रही है। बादल परिवार पहले कहता था कि जस्टिस रंजीत सिंह कमीशन की रिपोर्ट गलत है, यह कांग्रेस सरकार के साथ मिलकर बनाई गई है, लेकिन जब स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम गठित करके जांच शुरू की गई तो इसे राजनीति से प्रभावित कहा जा रहा है। अब जस्टिस रंजीत सिंह कमीशन की रिपोर्ट उन्हें सच्ची लगने लगी है। 

मजीठिया, चीमा और वलटोहा जैसों की ही एस.आई.टी. बना दें मुख्यमंत्री : दादूवाल
बरगाड़ी इंसाफ मोर्चे ने एस.आई.टी. की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल से पूछताछ के तरीके को गोंगलुओं से मिट्टी झाड़ने जैसा बताया है। मोर्चे के मुख्य नेता और सिख प्रचारक संत बलजीत सिंह दादूवाल ने कहा कि पूछताछ सिर्फ ड्रामेबाजी है। इससे अच्छा होता कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर बादलों के आस-पास घूमने वाले अकाली नेताओं बिक्रम सिंह मजीठिया, डॉ. दलजीत सिंह चीमा और विरसा सिंह वलटोहा जैसों की ही एस.आई.टी. बना दें।

उन्होंने कहा कि बादल के आगे एस.आई.टी. अधिकारियों ने नतमस्तक होकर कुछ मिनटों के लिए रस्मी तौर पर एक-दो सवाल पूछ कर कार्रवाई की। उससे स्पष्ट है कि कैप्टन अमरिंदर और बादलों के बीच खिचड़ी पहले ही पक चुकी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री चाहे कानून के अनुसार कार्रवाई को आगे बढ़ाने की बात कर रहे हैं, लेकिन जस्टिस रणजीत सिंह की जांच रिपोर्ट भी तो कानूनी थी, जिस पर विधानसभा में बहस हुई। विधानसभा ही कानून बनाती है तो फिर इस रिपोर्ट पर ही क्यों कार्रवाई नहीं हो सकती? 

बादल से पूछताछ एक ड्रामेबाजी : भगवंत मान
तपा मंडी में संगरूर लोकसभा हलके से सांसद और आम आदमी पार्टी के प्रधान भगवंत मान ने कहा कि बरगाड़ी कांड में पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल से पूछताछ एक ड्रामेबाजी से ज्यादा कुछ नहीं है, क्योंकि कैप्टन सरकार और बादल आपस में मिले हुए हैं। 

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