मिलिट्री फैस्टः किसी ने धारा 370 को खत्म करने का लिया पक्ष तो किसी ने जताया विरोध

punjabkesari.in Monday, Dec 16, 2019 - 09:00 AM (IST)

चंडीगढ़(पाल): कश्मीर के मौजूदा हालातों को अति संवेदनशील बताते हुए कश्मीर माहिरों ने असंवैधानिक ढंग से धारा-370 को रद्द करने के लिए केंद्र के फैसले की आलोचना की। यह धारा भारत के जम्मू-कश्मीर के साथ संबंधों को मजबूत करती है। मिलिट्री फैस्ट के आखिरी दिन आर.एस.एस. विचारक-कम-भाजपा के राष्ट्रीय जनरल सचिव राम माधव और कांग्रेस के सांसद मनीष तिवारी के साथ धारा-370 और आतंकवाद के खात्मे पर पैनल विचार-चर्चा के दौरान आर. एंड ए.डब्ल्यू. प्रमुख ए.एस. दुलत और मनोज जोशी ने जोर देकर कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का इंसानियत, लोकतंत्र और कश्मीरियत का नारा ही इस उलझे मसले का एकमात्र हल था।  दुलत ने कहा कि कश्मीर बुरी तरह बेजान है और राज्य के निवासी दिल्ली से निराशा की भावना महसूस कर रहे हैं।

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केंद्र सरकार ने संविधान की भावना को कुचला
सीनियर कांग्रेसी नेता मनीष तिवारी ने केंद्र पर आरोप लगाते हुए कहा कि हमारे संविधान की भावना को कुचल कर एक राज्य को शासित प्रदेश में बांट कर केंद्र सरकार द्वारा एक खतरनाक मिसाल कायम की गई। हम राज्यों का एक संघ है और जम्मू-कश्मीर को बांट कर जो किया गया है, वह सबसे अधिक निंदनीय कदम है जो हमारे संविधान और राजनीति के लिए गंभीर नतीजों का परिणाम है।

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370 को लोकतांत्रिक तरीके से रद्द किया गया था : राम माधव 
राम माधव ने कहा कि धारा-370 को लोकतांत्रिक तरीके से रद्द किया गया था, जिसमें यह बताया गया था कि पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला जैसे राजनीतिक कैदियों को जल्द रिहा किया जाएगा। कश्मीर में राजनीतिक गतिविधियों को जारी रखने की प्रक्रिया जारी है। पूर्व रॉ चीफ दुलत के कश्मीर में शांत हालात न मानने के मुद्दे पर बोलते हुए माधव ने कहा कि कश्मीरियों को कभी भी शांत नहीं जाना जाता। वहां के लोग 70 सालों से आर्टिकल -370 के साथ जी रहे हैं और अब वे इसके बिना जिंदगी का तजुर्बा कर रहे हैं। यह सरकार का उठाया एक दिलेराना कदम है और मुझे यकीन है कि नई स्थिति इसके विकास और भारत के साथ इस क्षेत्र के पूर्ण एकीकरण को यकीनी बनाएगी। 

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