आतंक के खात्मे तक पाकिस्तान के साथ व्यापार नहीं :सोमप्रकाश

punjabkesari.in Tuesday, Jun 04, 2019 - 10:52 AM (IST)

जालंधर(नरेश कुमार): केंद्रीय उद्योग एवं वाणिज्य राज्य मंत्री सोमप्रकाश ने साफ किया है कि पाकिस्तान के साथ आतंकवाद के खात्मे से पहले ट्रेड को लेकर किसी तरह की कोई बात नहीं होगी। अपना पद संभालने के तीसरे दिन जालंधर के पंजाब केसरी कार्यालय पहुंचे सोमप्रकाश ने साफ किया कि पाकिस्तान के साथ व्यापार देश की सुरक्षा की कीमत पर नहीं हो सकता। इस दौरान उन्होंने अपने विभाग के समक्ष चुनौतियों के अलावा पंजाब के उद्योगों  के विकास के साथ-साथ अपने हलके होशियारपुर के विकास को लेकर भी चर्चा की। पेश है सोमप्रकाश के साथ पूरी बातचीत:

प्र.: मोदी सरकार ने विभागों को 100 दिन का एजैंडा बनाने का लक्ष्य दिया है, आपका काम कहां तक पहुंचा है?
उ.: मैंने अभी तीन दिन पहले ही मंत्रालय संभाला है लिहाजा मैं अपने विभाग में 100 दिन के भीतर किए जाने वाले कार्यों को लेकर अध्ययन कर रहा हूं। यह विभाग बहुत बड़ा है। इसमें देश के व्यापार के साथ-साथ उद्योग व इससे जुड़े कई संगठन भी हैं। लिहाजा  हर पक्ष के साथ माइक्रो लैवल पर बातचीत करने के बाद ही 100 दिन का एजैंडा तैयार किया जा सकेगा। इस पर हमने काम शुरू कर दिया है।

प्र.: अमरीका ने हाल ही में भारत को दिए गए प्रोफैशल ट्रेड स्टेटस को खत्म कर दिया। इससे सरकार कैसे निपटेगी?
उ.: यह दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन विभिन्न देशों के मध्य होने वाले व्यापार के तहत इस तरह के कदम अक्सर उठा लिए जाते हैं। मेरे मंत्रालय के अफसर इसके प्रभावों का अध्ययन कर रहे हैं और इस अध्ययन के बाद इसके नफा-नुक्सान के बारे में टिप्पणी की जा सकती है लेकिन जहां तक अमरीका के फैसले का सवाल है उसे अपने फैसले लेने का अधिकार है।

प्र.: भारत-पाक के मध्य व्यापार ठप्प है, इसको लेकर क्या विभाग कोई नई शुरूआत कर सकता है?
उ.: पाकिस्तान जब तक भारत में आतंकवाद को प्रोत्साहित करना बंद नहीं करता उसके साथ किसी तरह का व्यापार नहीं किया जा सकता। भारत सरकार ने पाकिस्तान से आयात होने वाले सामान पर जो 200 फीसदी ड्यूटी बढ़ाई है उसे वापस लेने का फिलहाल सरकार का कोई इरादा नहीं है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रुख बड़ा साफ है कि पाकिस्तान के साथ आतंकवाद के खात्मे से पहले कोई बात नहीं की जाएगी। हमारे लिए देश की सुरक्षा और देश पहले है, व्यापार तो चलता ही रहता है, जब देश सुरक्षित होगा तो व्यापार भी कर लिया जाएगा।

प्र.: इंडस्ट्री संकट के दौर से गुजर रही है, निर्माण गतिविधियां धीमी हो गई हैं, इसका समाधान कैसे निकालेंगे?
उ.: इस पर मंत्रालय में लगातार चर्चा चल रही है। हम उन कारणों की तह में जाने की कोशिश कर रहे हैं जिनके चलते निर्माण गतिविधियों में कमी आई है। इंडस्ट्री की फीडबैक और मंत्रालय के अफसरों के अध्ययन के बाद इसके जो भी कारण सामने आएंगे उनका समाधान करने की कोशिश की जाएगी।

प्र.: चीन के साथ बढ़ रहे व्यापार घाटे पर काबू पाने के लिए क्या योजना है?
उ.: यह बात सही है कि भारत का चीन से आयात लगातार बढ़ रहा है जबकि चीन को किया जाने वाला निर्यात उस मात्रा में नहीं बढ़ा है। अब मंत्रालय में पीयूष गोयल जैसे अनुभवी मंत्री हैं। उनके अलावा हरदीप पुरी जैसे अनुभवी ब्यूरोक्रेट भी मंत्रालय को देख रहे हैं। मेरा प्रशासनिक अनुभव भी इसमें काम आएगा। हम कोशिश करेंगे कि जो सामान भारत में बन सकता है चीन से उसका निर्यात कम किया जाए ताकि चीन के साथ होने वाले व्यापार घाटे पर काबू पाया जा सके।

प्र.: ईज आफ डूइंग बिजनैस रैंकिंग में सुधार के लिए क्या नीति अपनाई जाएगी?
उ.: पिछले साल भारत ने इस रैंकिंग में लंबी छलांग लगाई थी और भारत 190 देशों की सूची में 77वें स्थान पर पहुंच गया था। भारत की रैंकिंग में पिछले साल 23 अंकों का सुधार हुआ था और इस साल इस रैंकिंग के पहले 50 देशों में आने का लक्ष्य है। इसके लिए जमीनी स्तर पर काम किया जाएगा। फिलहाल इस पर अध्ययन किया जा रहा है और अध्ययन के बाद निवेशकों को काम करने का सुगम माहौल मुहैया करवाया जाएगा। कोशिश की जाएगी कि इंडस्ट्री के सारे काम एक ही छत के नीचे कम समय में हो जाएं ताकि भारत की रैंकिंग इस मामले में सुधर सके। 

बेरोजगारी पर राज्य सरकारें भी करें सहयोग
प्र.: बेरोजगारी दर 45 साल के निचले स्तर पर है, को लेकर सरकार की क्या योजनाएं हैं?
उ.: यह चिंता का विषय है लेकिन सरकार इसके प्रति गंभीर है क्योंकि युवाओं को रोजगार मुहैया करवाना सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। यह काम राज्य सरकारों के साथ मिलकर तालमेल के जरिए ही हो सकता है। केंद्र अपने स्तर पर इंडस्ट्री को राहत देकर और नए निवेशकों को आकर्षित करके रोजगार के मौके पैदा कर सकता है लेकिन इसमें राज्यों को भी बराबर योगदान डालना पड़ेगा। केंद्र की योजनाओं का क्रियान्वयन यदि राज्य स्तर पर ठीक ढंग से हो तो मिलेजुले प्रयास से बेरोजगारी की दर में कमी आ सकती है। 

प्र.: विदेशी निवेश 6 साल के निचले स्तर पर है इसमें सुधार के लिए क्या योजना है?
उ.: विदेशी निवेश को आकॢषत करने के लिए विभिन्न विभागों के मध्य तालमेल की जरूरत होती है क्योंकि इसमें वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के साथ-साथ वित्त मंत्रालय, बिजली मंत्रालय और राज्य सरकारों का भी योगदान होता है क्योंकि उद्योगों को मिलने वाली प्रशासनिक मंजूरियां राज्य सरकार के स्तर पर दी जाती हैं। मेरा मंत्रालय सभी विभागों और राज्य सरकारों के साथ तालमेल के जरिए विदेशी निवेशकों के लिए माहौल बनाने का प्रयास करेगा। फिलहाल तो इस बात पर अध्ययन किया जा रहा है कि विदेशी निवेश में गिरावट के कारण क्या हैं। इन कारणों के समाधान की कोशिश की जाएगी और देश में विदेशी निवेश बढ़ाया जाएगा क्योंकि रोजगार के सृजन के लिए विदेशी निवेशकों का आना बहुत जरूरी है।

प्र.: स्टार्टअप इंडिया योजना के तहत शुरू हुए स्टार्टअप्स अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहे, इसके लिए क्या कदम उठाए जाएंगे?
उ.: देश के युवा काफी प्रतिभाशाली हैं और भारतीय आई.टी. प्रोफैशनल्स का डंका पूरी दुनिया में बजता है इसके बावजूद यदि स्टार्टअप्स की सफलता में रुकावटें आ रही हैं तो इसका जमीनी स्तर पर अध्ययन करने की जरूरत है क्योंकि कई बार योजना से जुड़े पहलुओं पर पूरी तरह से काम न होने के कारण भी योजना सफल नहीं हो पाती। लिहाजा सरकार  माइक्रो लैवल पर अध्ययन कर  सफलता के रास्ते निकालेगी।

पंजाब के साथ तालमेल से करूंगा औद्योगिक विकास

प्र.: अपने गृह राज्य पंजाब में औद्योगिक विकास के लिए आप क्या प्रयास करेंगे?
उ.: वैसे तो मुझे पूरे देश में औद्योगिक विकास के लिए काम करना है क्योंकि मैं केंद्रीय मंत्री हूं लेकिन पंजाब से होने के नाते पंजाब के लोगों की मुझसे उम्मीदें अपेक्षित हैं। मैं पंजाब सरकार के अफसरों के साथ तालमेल के जरिए केंद्र की योजनाओं का पूरा लाभ पंजाब को दिलाने की कोशिश करूंगा। इस मामले में पंजाब का मेरा लंबा प्रशासनिक अनुभव भी काम आ सकता है क्योंकि मुझे पंजाब के वर्क कल्चर के अलावा ब्यूरोक्रेसी के काम करने का भी अंदाजा है लिहाजा ये सारी चीजें मेरे लिए मददगार होंगी और मैं पंजाब को केंद्रीय योजनाओं का ज्यादा फायदा दिला पाऊंगा।

प्र.: स्थानीय इंडस्ट्री को शिकायत है कि क्लस्टर व्यवस्था में काफी खामियां हैं जिसके चलते यह सफल नहीं हो पा रही, इसके लिए क्या कदम उठाए जाएंगे?
उ.: इस मामले में इंडस्ट्री के साथ बातचीत करके उनके फीडबैक के आधार पर ही कार्रवाई की जा सकती है। कई बार सरकार की बेहतरीन योजनाओं का भी कुछ कमियों के चलते लोगों को फायदा नहीं मिल पाता। सरकार इस मामले में उद्योगपतियों से बात करेगी और क्लस्टर व्यवस्था की खामियों को दूर किया जाएगा ताकि 
जमीनी स्तर पर उद्योगपतियों को इसका फायदा मिल सके। 

होशियारपुर की मांगें संबंधित मंत्रालयों के समक्ष उठाऊंगा

प्र.: आपके अपने हलके होशियारपुर को आपसे बहुत उम्मीदें हैं, होशियारपुर के लिए क्या करेंगे?
उ.: होशियारपुर के लोगों की उम्मीदें जायज हैं। इन्हीं लोगों ने इतने प्यार और समर्थन के साथ मुझे लोकसभा में भेजा है, लिहाजा हलके के लोगों के लिए मैं हर पल हाजिर हूं। मैं होशियारपुर के विकास के लिए पूरी तनदेही के साथ काम करूंगा और बतौर सांसद मुझे जारी होने वाले एम.पी. लैड फंड की एक-एक पाई होशियारपुर के विकास के लिए खर्च करूंगा। 

प्र.: क्या चुनाव से पूर्व होशियारपुर के लोगों के साथ कोई बड़ा वायदा किया था?
उ.: मेरा वायदा सिर्फ इलाके के विकास का था और उस वायदे को निभाने के लिए मैं ईमानदारी के साथ हरसंभव कोशिश करूंगा। बतौर मंत्री मैं अन्य विभागों के साथ तालमेल कर सकता हूं। ट्रांसपोर्ट मंत्रालय, वित्त मंत्रालय, इंडस्ट्री मंत्रालय, रेलवे मंत्रालय के संबंध में अपने हलके की मांगों को संबंधित मंत्रालयों तक आसानी से पहुंचा कर उन्हें पूरा करवा सकता हूं और अपने हलके की हर मांग को पूरा करवाने का मैं हरसंभव प्रयास करूंगा। कंडी एरिया होने के कारण इलाके की समस्याएं भी अन्य इलाकों की तुलना में ज्यादा हैं पर मैं ज्यादा से ज्यादा समस्याओं का समाधान करवाऊंगा। 

Naresh Kumar