सोनिया ने 50 मिनट की मीटिंग में सिद्धू की एक नहीं सुनी, हाथ जोड़कर वापस लौटे

punjabkesari.in Saturday, Jul 17, 2021 - 11:18 AM (IST)

चंडीगढ़(अश्वनी कुमार): कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी के साथ नवजोत सिंह सिद्धू की मुलाकात से पहले मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह के ओ.एस.डी. नरेंद्र भाम्बरी ने कांग्रेस अध्यक्षा से मुलाकात की। कहा जा रहा है कि भाम्बरी की मुलाकात के बाद पूरी सियासत ही बदल गई। भाम्बरी अपने साथ मुख्यमंत्री का लिखा एक पत्र लेकर पहुंचे थे। 

इस पत्र में क्या लिखा था, इसका भाम्बरी ने कोई खुलासा नहीं किया लेकिन कहा जा रहा है कि इस पत्र में मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह ने कांग्रेस अध्यक्षा को अपने इस्तीफे का प्रस्ताव दिया था। मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में लिखा था कि अगर कांग्रेस हाईकमान सिद्धू को अध्यक्ष बनाने का फैसला ले चुकी है तो इस पत्र को उनका इस्तीफा समझा जाए। हालांकि वीरवार को मुख्यमंत्री कार्यालय ने स्पष्ट किया था कि मुख्यमंत्री के इस्तीफे की चर्चाएं बेमानी हैं। यह अलग बात है कि नरेंद्र भाम्बरी की मुलाकात के बाद 10 जनपथ की पूरी तस्वीर अचानक बदल गई। 

इसके बाद पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाने की चर्चाओं पर अचानक सन्नाटा पसर गया है। सिद्धू शुक्रवार दोपहर दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी के आवास 10 जनपथ पर पहुंचे, लेकिन करीब 50 मिनट मुलाकात के बाद मौन धारण किए केवल हाथ जोड़कर वापस रवाना हो गए। उन्होंने अपनी कार का शीशा तक नीचे नहीं किया।

उधर, एक दिन पहले तक नवजोत सिद्धू को पंजाब प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष लगाने का इशारा करने वाले पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत के भी सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद सुर बदले-बदले नजर आए। उन्होंने न केवल एक बार फिर सिद्धू को अध्यक्ष बनाने की चर्चाओं से कन्नी काट ली बल्कि यह तक कह दिया कि जब तक कांग्रेस अध्यक्षा बात को क्लीयर नहीं करतीं, तब तक उन्हें भी इस बात की जानकारी नहीं हो सकती कि उनका अंतिम निर्णय क्या होगा। जैसे ही आदेश सुनाया जाएगा, बता दिया जाएगा। रावत ने कहा कि वह कांग्रेस अध्यक्षा को अपना नोट सबमिट करने आए हैं। हालांकि देर रात तक हाईकमान के स्तर पर कोई निर्णय नहीं सुनाया गया।

सिद्धू और हरीश रावत की सोनिया गांधी से मुलाकात अचानक नहीं हुई बल्कि उन्हें कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी ने तलब किया था। कहा जा रहा है कि सोनिया गांधी ने सिद्धू को अध्यक्ष बनाने की चर्चाओं पर कड़ा संज्ञान लिया। पंजाब के कई वरिष्ठ नेताओं ने भी हाईकमान के स्तर पर अपनी नाराजगी जाहिर की। इसी के चलते सोनिया गांधी ने वीरवार देर रात सिद्धू और रावत को फोन कर शुक्रवार दिल्ली पहुंचने का आदेश सुनाया।

कहा जा रहा है कि 10 जनपथ पर मुलाकात के दौरान सोनिया गांधी ने हरीश रावत से सीधा सवाल पूछा कि आखिर किसके आदेश से सिद्धू को अध्यक्ष बनाने की बात कही गई? इस पर हरीश रावत ने कहा कि उन्होंने एक बातचीत के दौरान केवल इतना ही कहा था कि सिद्धू को अध्यक्ष बनाने के आसपास फैसला आ सकता है। इस पर सोनिया गांधी ने हरीश रावत को खरी-खरी सुनाते हुए कहा कि जब कांग्रेस हाईकमान ने कोई फैसला तय ही नहीं किया है तो अध्यक्ष पद के आसपास फैसला सुनाने की बात क्यों की गई? कहा जा रहा है कि हरीश रावत जो नोट सबमिट करने आए थे, वह दरअसल एक लिखित स्पष्टीकरण था। सोनिया गांधी ने हरीश रावत को यह भी कहा कि भविष्य में आधिकारिक घोषणा से पहले किसी भी तरह की बयानबाजी से बचें।

उधर, सिद्धू के साथ बातचीत में भी कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी खासी नाराज दिखाई दीं। उन्होंने सिद्धू को पंजाब कांग्रेस में खेमेबंदी को लेकर आगाह करते हुए कहा कि कांग्रेस में सबको साथ लेकर चलने की रीत रही है। उस पर जब कोई आधिकारिक निर्णय नहीं लिया गया है तो उन्होंने किस आधार पर मंत्रियों, विधायकों के साथ बैठकों का सिलसिला शुरू कर दिया और उनके समर्थकों ने किस आधार पर बधाइयां देनी व पोस्टरबाजी शुरू कर दी। कहा जा रहा है कि सिद्धू ने अपनी बात रखने की कोशिश की, लेकिन सोनिया गांधी ने कोई बात नहीं सुनी इसीलिए सिद्धू मौन धारण किए हुए रवाना हो गए। 

टाइम लाइन
सुबह :
पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू दिल्ली के लिए रवाना। दिल्ली में सोनिया गांधी से मुख्यमंत्री के ओ.एस.डी. नरेंद्र भाम्बरी की मुलाकात।
दोपहर : सिद्धू दिल्ली पहुंचे, 10 जनपथ पर हरीश रावत के साथ सिद्धू सोनिया गांधी से मिले।
बाद दोपहर : हरीश रावत का यू-टर्न, कहा हाईकमान का फैसला ही होगा अंतिम फैसला।
शाम : ढोल-मिठाई की तैयारियां, पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यालय पर ढोल की थाप।
देर शाम : जश्न शांत, सस्पैंस बरकरार, कांग्रेस हाईकमान ने नहीं की कोई घोषणा।

जो डर रहे हैं, पार्टी छोड़ कर जा सकते हैं: राहुल गांधी 
पंजाब कांग्रेस पर सस्पैंस के बीच राहुल गांधी का एक बड़ा बयान आया है। राहुल गांधी ने कांग्रेस को छोड़कर जाने वाले या छोड़ने की बात कहने वालों को सीधा संदेश दिया है। एक बातचीत के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस को निडर लोग चाहिएं। बहुत सारे लोग हैं, जो डर नहीं रहे हैं, वे सब हमारे हैं, उन्हें अंदर लाओ और जो पार्टी में रहकर डर रहे हैं, उन्हें बाहर निकालो। वे आर.एस.एस. में जाएं। ऐसे लोग नहीं चाहिएं, जरूरत नहीं है। कांग्रेस की आइडियोलॉजी निडरता की है। यह उनका बेसिक संदेश है। 


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Content Writer

Sunita sarangal

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