विश्व पृथ्वी दिवस पर विशेष : कुदरत दे रही बार-बार चेतावनी, अब भी नहीं समझे तो...

punjabkesari.in Saturday, Apr 22, 2023 - 03:37 PM (IST)

फगवाड़ा (जलोटा): कोई लाख चाहे या दावे कर लें लेकिन हकीकत यही है कि पृथ्वी ही हमारा एकमात्र घर है और इसका स्वास्थ्य और स्थिरता मानव जीवन के लिए महत्वपूर्ण है। यदि पृथ्वी पर जलवायु सामान्य हैं तो ही जीवन है और यदि कुदरत इसमें बदलाव करती है तो पूरी मानव सभ्यता पलक झपकते ही लोप हो सकती है। लेकिन त्रासदी यह है कि हमारे प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी से लेकर विश्व के सर्वोच्च बड़े राजनेताओं द्वारा उक्त मुद्दे पर गहरा चिंतन और अहम घोषणाएं करने के बावजूद धरती पर हालात दिन-ब-दिन बद से बदतर होते चले जा रहे हैं।

कुदरत हमें बार-बार चेतावनी दे रही है लेकिन बेमौसमी बरसात, बर्फबारी, बाढ़ और सूखे जैसे हालात देखने के बाद भी हम इन चेतावनी भरे कुदरती जनसंदेशों की निरंतर अनदेखी ही करते चले जा रहे है। अगर अब भी नहीं समझे तो भयानक परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। विडंबना यह है कि यदि धरती पर जीवन ही नहीं होगा तो फिर यह प्रगति, पैसा और ताकतवर से ताकतवर बनने की पूरी दुनिया में मची हुई हौड़ का मतलब ही क्या बाकी रहेगा? इसी मुद्दे को लेकर हर साल 22 अप्रैल को दुनिया भर के लोग विश्व पृथ्वी दिवस मनाते हैं जो हमारे ग्रह की रक्षा के महत्व की याद दिलाता है।

पृथ्वी को बचाने का महत्व

पृथ्वी परस्पर जुड़े और अन्योन्याश्रित भागों की एक जटिल प्रणाली है जो जीवन को बनाए रखती है। जैसा कि हम सब जानते हैं कि जिस हवा में हम सांस लेते हैं, उससे लेकर हमारे द्वारा पिया जाने वाला पानी, पृथ्वी ही वह सब कुछ प्रदान करती है जो हमें जीवित रहने के लिए मूल रूप से चाहिए। हालांकि, मानव गतिविधियों ने ग्रह पर अत्यधिक दबाव डाला है, जिससे पारस्थितिक तंत्र और जैव विविधता को अपरिवर्तनीय नुक्सान हुआ है।

जलवायु परिवर्तन पृथ्वी के सामने सबसे महत्वपूर्ण खतरों में से एक

धरती पर निरंतर बढ़ते तापमान, पिघलती बर्फ की परतें, और चरम मौसम की घटनाएं पहले से ही हमारे ग्रह पर गहरा प्रभाव डाल रही हैं। समुद्र का स्तर बढ़ रहा है और पूरे पारिस्थितिक तंत्र को नष्ट किया जा रहा है जिससे पौधे और पशु प्रजातियों का नुकसान हो रहा है। जलवायु परिवर्तन मानव स्वास्थ्य के लिए भी खतरा पैदा करता है जिसमें हीटस्ट्रोक, सांस लेने संबंधी बीमारियों और संक्रामक रोगों की घटनाओं में वृद्धि होती है।

प्रदूषण है सबसी बड़ी समस्या

धरती पर तेजी से बढ़ रहा हर प्रकार का प्रदूषण सबसे बड़ी समस्या है जो पृथ्वी और उसके निवासियों के स्वास्थ्य को खतरे में डाल रहा है। हवा और पानी में जहरीले रसायनों से लेकर हमारे महासागरों में प्लास्टिक कचरे तक प्रदूषण पारिस्थितिक तंत्र और वन्यजीवों को नुक्सान पहुंचा रहा है। प्रदूषण के कारण जैव विविधता का नुकसान भी जलवायु परिवर्तन के लिए ग्रह के लचीलेपन को कम करता है जिससे यह चरम मौसम की घटनाओं और अन्य पर्यावरणीय आपदाओं के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाता है।

विश्व पृथ्वी दिवस हमारे ग्रह की रक्षा के महत्व के वैश्विक अनुस्मारक के रूप में कर रहा कार्य

विश्व पृथ्वी दिवस पहली बार 1970 में मनाया गया था और तब से यह पर्यावरण की हर प्रकार से रक्षा करने, इस दिशा में जनमानस को जागरूक करने और हो रहे जलवायु परिवर्तन संबंधी दुनिया को सर्तक करने में अहम रोल अदा कर रहा है। विश्व पृथ्वी दिवस का लक्ष्य लोगों को पृथ्वी की रक्षा करने और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए कार्रवाई करने के लिए प्रेरित करना है। शैक्षणिक घटनाओं, सोशल मीडिया अभियानों और अन्य गतिविधियों के माध्यम से, दुनिया भर के लोग ग्रह पर मानव गतिविधियों के प्रभाव के बारे में सीखते हैं और वे मदद करने के लिए क्या कर सकते हैं।

कार्बन को कम करने और पानी को रिसाइकिल करने की है सख्त जरूरत

विश्व पृथ्वी दिवस का एक और आवश्यक पहलू टिकाऊ प्रथाओं को बढ़ावा देने में इसकी भूमिका है। लोगों को अपने कार्बन पदचिह्न को कम करने, पानी और ऊर्जा को रिसाइकिल करने, संरक्षित करने और अन्य स्थायी व्यवहारों को अपनाने की सख्त जरूरत है। अंत में विश्व पृथ्वी दिवस पर्यावरण संरक्षण का समर्थन करने वाले नीतिगत परिवर्तनों की वकालत करने का एक अवसर भी है। सरकारें और व्यवसाय ग्रीनहाऊस गैस उत्सर्जन को कम करने, वन्यजीवों की रक्षा करने और सतत् विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नई पहल और नीतियों की घोषणा करने के लिए विश्व पृथ्वी दिवस का उपयोग एक मंच के रूप में कर सकते हैं।

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News Editor

Urmila