खेल सामान निर्यातकों पर दाम कम करने का दबाव, केंद्र सरकार से मदद की गुहार

punjabkesari.in Saturday, Jun 29, 2019 - 11:04 AM (IST)

जालंधर(नरेश): पाकिस्तान की चरमरा रही अर्थव्यवस्था व करंसी की बुरी हालत का सीधा असर भारत के खेल सामान निर्माताओं पर पड़ना शुरू हो गया है। डालर के मुकाबले पाकिस्तान का रुपया 164 तक लुढ़क गया है जबकि भारतीय रुपया 69 रुपए प्रति डालर पर है। पाक करंसी की कीमत भारतीय करंसी के मुकाबले ढाई गुणा हो जाने के कारण पाकिस्तानी खेल सामान निर्माता भारत के मुकाबले सस्ता सामान बेचने की स्थिति में आ गए हैं। इससे आयातक भारतीय निर्यातकों पर दाम करने का दबाव बना रहे हैं, जिसके चलते चिंतित निर्यातको ने केंद्र सरकार से मदद मांगी है।

रोजगार पर पड़ेगा असर
भारत का खेल सामान निर्यात करीब 1900 करोड़ रुपए का है।  पाकिस्तान का खेल सामान निर्यात पहले ही भारत के मुकाबले दोगुणा है। यदि पाकिस्तान की स्थिति न सुधरी तो वह भारतीय निर्यातकों के खरीददारों पर भी कब्जा कर सकता है। खेल सामान निर्यात इंडस्ट्री स्माल स्केल इंडस्ट्री है और इस उद्योग से लाखों की संख्या में लोगों को रोजगार मिलता है। ऐसे में यदि इंडस्ट्री का निर्यात प्रभावित हुआ तो इसका सीधा असर देश में रोजगार की स्थिति पर भी पड़ेगा।  बता दें कि देश मे जालंधर और मेरठ खेल सामान निर्माण के 2 बड़े केंद्र हैं और दोनों स्थानों के खेल सामान निर्यातकों को अंतर्राष्ट्रीय बाजार में पाकिस्तान से बड़ी चुनौती मिल रही है। आजादी से पूर्व देश मे खेल सामान निर्माण का बड़ा केंद्र पाकिस्तान का स्यालकोट ही था लेकिन आजादी के बाद भारत मे जालंधर खेल उद्योग के बड़े केंद्र के तौर पर उभरा और बाद में मेरठ में भी खेल उद्योग ने अपने पैर पसारे और अब इन दोनों स्थानों पर खेल उद्योग चुनौतियों का सामना कर रहा है।
 
क्या कहना है गण्यमान्यों का

अमरीका और चीन के मध्य चल रही ट्रेड वार से भरतीय निर्यातकों को फायदा होने की उम्मीद जगी थी लेकिन पाकिस्तान के बिगड़े हालात ने हमारे लिए नई ङ्क्षचता खड़ी कर दी है। करंसी की कीमत कम होने से पाकिस्तानी निर्यातक विश्व बाजार में भारत के मुकाबले सस्ता सामान ऑफर कर रहे हैं और ग्राहक पाकिस्तान को प्राथमिकता देने लगे हैं। यदि भारत सरकार ने तुरंत हमें पाकिस्तान के मुकाबले खड़ा करने के लिए कोई कदम न उठाया तो देश की स्पोर्ट्स गुड्स इंडस्ट्री के लिए यह काफी बड़ा झटका साबित हो सकता है।’’     —महेश चड्ढा, चेयरमैन स्पोर्टैक्स


हम हर मामले में पाकिस्तान से आगे हैं लेकिन सिर्फ  खेल सामान निर्यात ही एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें पाकिस्तान हमें मात देता है। पाकिस्तान का खेल सामान निर्यात हमारे मुकाबले कहीं ज्यादा है। ऐसा पाकिस्तान सरकार द्वारा खेल सामान निर्यातकों को दी गई सुविधाओं के चलते है। दोनों देशों में कच्चे माल की कीमत और लेबर के खर्च में कोई खास अंतर नहीं है लेकिन पाकिस्तान सरकार इस उद्योग को लेकर गंभीर है। इसके अलावा अब उन्हें सस्ती करंसी का भी फायदा है। सरकार हमें पाकिस्तान के मुकाबले खड़ा करने के लिए स्थिति का जायजा लेने के बाद कोई इब्सेटिव दे तो हम पाकिस्तान को कड़ी टक्कर दे सकते हैं।’’     —अलकेश कोहली, पूर्व चेयरमैन स्पोर्टैक्स

Author

Naresh Kumar