पवित्र स्वरूपों के मामले में श्री अकाल तख्त साहिब ने भाई लौंगोवाल को सुनाई धार्मिक सजा

punjabkesari.in Saturday, Sep 19, 2020 - 11:30 AM (IST)

अमृतसर(अनजान): गुरुद्वारा श्री रामसर साहिब में 2016 में हुई आगजनी की घटना के दौरान श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के 328 पवित्र स्वरूपों के लापता होने पर बेअदबी संबंधी पांच सिंह साहिबान ने 2016 की व मौजूदा कार्यकारिणी और प्रधान भाई गोबिन्द सिंह लौंगोवाल और संगीन दोषों में तनख्वाहिया करार दिए गए सुच्चा सिंह लंगाह को अमृतपान करवाने में मदद करने वालों को भी धार्मिक सजा (सेवा) सुनाई।

सुच्चा सिंह लंगाह को अमृतपान करवाने वालों को भी किया तलब
श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा तनख्वाहिया करार दिए गए सुच्चा सिंह लंगाह को बीते दिनों अमृतपान करवाने वाले शिरोमणि कमेटी मैंबर गुरिन्द्रपाल सिंह गोरा, वस्सण सिंह जफरवाल और प्रो. सरचांद सिंह को भी श्री अकाल तख्त साहिब पर तलब करके धार्मिक सजा सुनाई गई। इन तीनों द्वारा संगत व पांच सिंह साहिबान के सामने अपना गुनाह कबूल करने उपरांत अपने घर में खुद एक सहज पाठ करना या ग्रंथी सिंह से करवा कर सुनना। पांच दिन पास के गुरुद्वारा साहिब में एक घंटा सेवा करनी और दो दिन श्री हरिमंदिर साहिब में एक घंटा सेवा करनी और कीर्तन सुनना। सेवा समाप्त होने उपरांत श्री अकाल तख्त साहिब पर 1100 रुपए की कड़ाह प्रशाद की देग करवाने और 1100 रुपए गुरु की गोलक में डालने की सेवा लगाई।

मौजूदा प्रधान लौंगोवाल व कार्यकारिणी को सुनाई यह धार्मिक सजा
बेशक मौजूदा प्रधान भाई गोङ्क्षबद सिंह लौंगोवाल व कार्यकारिणी सदस्यों को श्री अकाल तख्त साहिब पर तलब नहीं किया गया था, परंतु फिर भी भाई लौंगोवाल व कार्यकारिणी सदस्यों ने संगत से श्री अकाल तख्त साहिब की फसील तले खड़े होकर माफी मांगी। उन्होंने कहा कि चाहे उस समय यह कार्यकारिणी नहीं थी, परंतु मौजूदा समय में जिन मुलाजिमों या अधिकारियों ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के स्वरूपों की भेंटे लालच वश अपनी जेबों में डालीं उसके लिए सारी कार्यकारिणी श्री अकाल तख्त साहिब व संगत से माफी मांगती है। जिस पर पांच सिंह साहिबान ने पहले उन सभी को वाहेगुरुसिमरन करते श्री हरिमंदिर साहिब की परिक्रमा करने का आदेश दिया। 

इसके उपरांत ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने धार्मिक सजा का ऐलान करते हुए कहा कि प्रधान शिरोमणि कमेटी सहित सभी कार्यकारिणी मैंबर एक अखंड पाठ साहिब गुरुद्वारा श्री रामसर साहिब व एक अखंड पाठ साहिब श्री अकाल तख्त साहिब पर करवाने के साथ-साथ तीन दिन लगातार एक घंटा सारागढ़ी सराय से लेकर दर्शनी ड्योढ़ी तक झाडू लगाने की सेवा करेंगे। इसके अलावा 17 सितम्बर से 17 अक्तूबर तक किसी भी जनतक समागम में हिस्सा नहीं लेंगे, परन्तु 28 तारीख का बजट अजलास बुलवा सकेंगे।

2016 की कार्यकारिणी को लगाई गई यह धार्मिक सजा
पांच सिंह साहिबान, जिनमें श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह, ज्ञानी रघुबीर सिंह जत्थेदार तख्त श्री केसगढ़ साहिब, ज्ञानी रणजीत सिंह गौहर जत्थेदार तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब, श्री हरिमंदिर साहिब के ग्रंथी ज्ञानी गुरमिन्द्र सिंह और श्री अकाल तख्त साहिब के पांच प्यारे भाई मंगल सिंह ने श्री अकाल तख्त साहिब की फसील से पहले 2016 की कार्यकारिणी के सदस्यों को संगत के सामने खड़े होकर गले में पल्ला डालकर अपने गुनाह कबूल करने के लिए कहा और बाद में इन सदस्यों में सीनियर उप-प्रधान रघुजीत सिंह विर्क, जूनियर उप-प्रधान केवल सिंह बादल, महासचिव सुखदेव सिंह भौर के अलावा अंतरंग कमेटी मैंबर सूबा सिंह डबवाली, रामपाल सिंह बहणीवाल, राजेन्दर सिंह मेहता, मोहन सिंह बंगी, गुरबचन सिंह करमूंवाला, दयाल सिंह कौल्यांवाली, भजन सिंह शेरगिल, सुरजीत सिंह गढ़ी, निर्मल सिंह जौलांकला, करनैल सिंह पंजौली और मंगल सिंह को पवित्र स्वरूपों की हुई बेअदबी के मामले में पश्चाताप के तौर पर श्री अखंडपाठ साहिब न करवाने पर धार्मिक सजा लगाते हुए कहा कि सभी मैंबर अपने घर में एक-एक सहज पाठ आप करें और जो नहीं कर सकते, वे ग्रंथी सिंह से करवा कर खुद सारा पाठ सुनें, यह सब एक माह के अंदर करना होगा, जिसने खुद सहज पाठ करना है, वह दो माह का समय भी ले सकता है। जितनी देर सहज पाठ चलता रहेगा, उतनी देर पास के किसी भी गुरुद्वारा साहिब में रोजाना ही अपनी शारीरिक सामथ्र्य अनुसार सेवा करनी है। इसके अलावा एक साल तक शिरोमणि कमेटी के अंदर कोई भी पद हासिल नहीं करना है। यह मैंबर जायदाद सब-कमेटियों में कार्यशील रहेंगे, लेकिन और किसी विशेष कमेटी में शामिल नहीं होंगे। इस आदेश की शिरोमणि कमेटी को पालना करवाने के लिए भी हिदायत की।

निहंग सिंह की पगड़ी उतारने वाले भी होंगे पांच प्यारों सम्मुख पेश
ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने यह भी आदेश दिया कि धरने पर बैठे सिंहों के साथ हुए आपसी टकराव समय जिन अधिकारियों और कर्मचारियों से अपना बचाव करते समय निहंग सिंह की पगड़ी उतरी, वह भी अमृतपान करवाने वाले दिन पांच प्यारों सम्मुख पेश होंगे।

Vaneet