स्कूली बच्चों और आम जनता के सफर को लेकर STA ने उठाया अहम कदम

punjabkesari.in Monday, Mar 07, 2022 - 02:47 PM (IST)

चंडीगढ़ (राजिंदर) : स्कूली बच्चों व आम आदमी की सुरक्षा संबंधी स्टेट ट्रांसपोर्ट अथारिटी (एस.टी.ए.) ने अहम कदम उठाए हैं। इसके तहत स्कूली वाहनों और टैक्सियों में पैनिक बटन और व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पैनिक बटन को पुलिस कंट्रोल रूम के साथ जोड़ा जाएगा, इससे गाड़ी में सफर करना और भी ज्यादा सुरक्षित हो जाएगा। विभाग अपने सेक्टर-18 स्थित कार्यालय के रिकार्ड रूम में कंट्रोल रूम बनाने जा रहा है, जिसके लिए एजेंसी को हायर किया जा रहा है। विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि वे सभी यात्री वाहनों पर पैनिक बटन के साथ ट्रैकिंग सिस्टम लगाना अनिवार्य करने जा रहे हैं, जिसके लिए कार्यालय में कंट्रोल रूम भी बनाया जा रहा है।

इस काम के लिए इच्छुक एजैंसियां 11 मार्च तक आवेदन कर सकती हैं और इस दिन बोलियां खोली जाएंगी। अंतिम एजेंसी को 30 दिनों के भीतर काम पूरा करना होगा। एस.टी.एय के अतिरिक्त सचिव के.पी.एस. माही गिल ने कहा कि स्कूल बसों और टैक्सियों के अलावा ऑटो में पैनिक बटन और ट्रैकिंग सिस्टम को भी अनिवार्य बनाने का प्रयास किया जा रहा है, जिसके लिए फाइल सचिव ट्रांसपोर्ट को मंजूरी के लिए भेजी गई है। यह फाइल आगे केंद्र को भी भेजी जा सकती है। फिलहाल इस ट्रैकिंग सिस्टम को सिर्फ टैक्सियों और स्कूल बसों में लगाने का प्रयास किया जा रहा है।

चालक की सीट के पीछे बटन-
प्रोजेक्ट के तहत विभाग टैक्सियों में ड्राइवर की सीट के पीछे एक चिप लगाएगा। साथ ही पैनिक बटन की सहूलत भी दी जाएगी। पैनिक बटन दबाते ही कंट्रोल रूम की टीम काम करेगी। सूचना मिलने के बाद टीम को तत्काल प्रतिक्रिया के साथ कार्रवाई करनी होगी। विभाग इस तकनीक का उपयोग टैक्सियों और स्कूल बसों में सुरक्षित यात्रा के लिए करेगा। इसकी नियमित मॉनिटरिंग की जाएगी। इसके लिए विशेष टीम तैनात की जाएगी और अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय की जाएगी।

एस.टी.ए. के पास 2 हजार टैक्सियां रजिस्टर्ड-
राज्य ट्रांसपोर्ट अथारिटी के पास 2 हजार टैक्सियां व 1500 स्कूल बसें रजिस्टर्ड हैं। इन सभी पर ट्रैकिंग सिस्टम लगाने के निर्देश दिए जाएंगे। ऐसा न करने में  के परिणामस्वरूप वाहन पास नहीं किया जाएगा और कोई परमिट नहीं मिलेगा। नए लगभग सभी वाहनों पहले से ही यह सिस्टम लगा हुआ है। इसके अलावा विभाग के पास 6500 सी.एन.जी. तथा एल.पी.जी. ऑटो रजिस्टर्ड हैं। 64 इलेक्ट्रिक और 1100 ई-कार्टस रजिस्टर्ड हैं। हालांकि प्रशासन फिलहाल लोगों को ज्यादा से ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है, जिसके लिए हाल ही में इलेक्ट्रिक पॉलिसी जारी की गई है। गौरतलब है कि चंडीगढ़ में ओला-उबर की ज्यादातर कैब रजिस्टर्ड नहीं हैं लेकिन जो रजिस्टर्ड हैं उन सभी पर ट्रैकिंग सिस्टम और पैनिक बटन लगाना होगा।

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News Editor

Kamini

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