टैक्स से छूट वापस लेने की मांग पर केंद्र ने  झाड़ा पल्ला कहा,मामला राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में

punjabkesari.in Tuesday, Apr 17, 2018 - 01:31 PM (IST)

चंडीगढ़ (बृजेन्द्र): किसानों विशेषकर अमीर किसानों को कृषि कमाई पर टैक्स में मिलने वाली छूट को लेकर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका में केंद्र सरकार की ओर से इंकम टैक्स (मुख्यालय) के डिप्टी कमिश्नर का एफीडैविट सरकार द्वारा पेश किया गया। एडवोके ट  एच.सी. अरोड़ा की इस याचिका में डिविजन बैंच में सुनवाई के दौरान सरकार द्वारा एफीडैविट में बताया गया कि कृषि कमाई पर टैक्स संविधान में राज्य सूची की एंट्री 46 में आती है। ऐसे में केवल राज्य सरकार कृषि कमाई पर टैक्स लागू करने संबंधी कानून बनाने के लिए सक्षम है। ऐसे में इस विषय पर केवल राज्य सरकारों द्वारा विचार किया जाना बनता है। 

 

मामले में केंद्र सरकार ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में पल्ला झाड़ते हुए कहा कि यह मामला राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में है। डिप्टी कमिश्नर ऑफ इनकम टैक्स (हेडक्वार्टर) विवेक वर्धन की तरफ से जवाब दायर कर कहा गया कि एग्रीकल्चर इनकम पर टैक्स स्टेट लिस्ट का सब्जेक्ट है। ऐसे में राज्य सरकार को इस मामले में फैसला लेने का अधिकार है। 

 

केंद्र ने कहा है कि टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन रिफोर्मस कमीशन ने अपनी थर्ड रिपोर्ट की सिफारिशों में कहा है कि राज्य सरकार यदि प्रस्ताव पारित करे तो ही केंद्र सरकार एग्रीकल्चर इनकम के मामले में फैसला ले सकती है। जस्टिस अजय कुमार मित्तल व जस्टिस अनुपिंदर सिंह गरेवाल की खंडपीठ ने मामले पर एक जून के लिए अगली सुनवाई तय की है। एडवोकेट एचसी अरोड़ा की तरफ से दाखिल जनहित याचिका में इनकम टैक्स एक्ट 1961 की धारा 10 (1) के तहत एग्रीकल्चर इनकम से टैक्स में पूरी तरह छूट दिए जाने को खारिज करने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि अमीर किसानों के हित में यह मनमाना फैसला है। बड़े उद्योगपति, ट्रांसपोर्टर्स, शराब कारोबारी अपने बिजनेस से होने वाली इनकम को एग्रीकल्चर इनकम में दर्शाते हुए देश के रेवेन्यू को नुकसान पहुंचाते हैं। अमीर किसानों को इसका लाभ देने का कोई औचित्य नहीं है। 
 

Sonia Goswami