पंजाब में 22 लाख बेरोजगार युवाओं की फौज और सियासी दंगल

punjabkesari.in Friday, Mar 29, 2019 - 11:02 AM (IST)

जालंधर। (सूरज ठाकुर) लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पंजाब के सियासी दल अभी इसी ताने-बाने में उलझे हुए हैं कि किस उम्मीदवार को कौन से हलके से चुनावी रण में उतारा जाए। मुद्दों पर एक दूसरे को घेरने की कोशिशें तभी जोर पकड़ेंगी जब सियासी अखाड़े में बिसात पूरी तरह से बिछ जाएगी। फिलवक्त आपको बताने जा रहे हैं सूबे में बढ़ती जा रही बेरोजगारों की उस फौज के बारे में जो चुनाव में एक अहम रोल निभाने वाली है। इस चुनाव में बढ़ती हुई बेराजगारी पूरे देश में एक ज्वलंत मुद्दा है, पंजाब की बात करें तो यहां पर करीब 22 लाख बेरोजगार युवा नौकरियों के लिए छटपटा रहे हैं। यह एक बड़ा स्थानीय मसला है जिस पर शिरोमणि अकाली दल, भाजपा, आम आदमी पार्टी और अन्य दल सत्तासीन कांग्रेस को घेरने की कोशिश करेंगे। आरोपों और प्रत्यारोपों की इस सियासत का नजारा यह बेरोजगार युवा मतदान होने तक देखते रहेंगे।

क्या कहते हैं क्रिड के आंकड़े...
सेंटर फॉर रिसर्च इन रूरल इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट (क्रिड) के आंकड़े कहते हैं कि पंजाब में इस वक्त 22 लाख से ज्यादा बेरोजगार युवा हैं। अभी तक सरकार द्वारा लगाए गए रोजगार मेलों से युवाओं को पर्याप्त नौकरियां नहीं मिल पाई हैं। स्थिति यह है कि रोजगार मेलों में आवेदन करने वाले 100 में से 10 युवाओं को ही नौकरी मिल पाई हैं। प्राइवेट सेक्टर जहां इन युवाओं की रोजगार की मांग को पूरा नहीं कर पा रहा है, वहीं उन्हें करीब 10 हजार रुपए तक का ही रोजगार मुहैया करवा पा रहा है। युवाओं का कहना है कि उनको उनकी शैक्षणिक योग्यता के अनुसार भी नौकरियां नहीं मिल पा रही है। जिसके चलते सूबे में यह समस्या गंभीर रूप धारण करती जा रही है। 

5 लाख से ज्यादा रोजगार मुहैया करवाने का दावा...
बेरोजगार युवाओं के अभिवावक उनकी प्रोफेशनल डिग्रियों पर लाखों रुपए खर्च करते हैं। ऐसे में यह युवा कहते हैं कि उन्हें रोजगार मेलों से मिलने वाला रोजगार उनसे किया जा रहा मजाक लगता है। पंजाब सरकार का दावा है कि रोजगार मेलों के आयोजन से 5 लाख से ज्यादा बेरोजगारों को नौकरी दी है। सरकार का दावा है कि बीते दो सालों में इन रोजगार मेलों में पंजाब व देश के विभिन्न राज्यों से पहुंचने वाली मल्टीनेशनल कंपनियां युवाओं को रोजगार के लिए चयनित करती हैं। 

नौकरी के इंतजार में आयु सीमा पूरी कर गए 38 हजार बेरोजगार...
सरकारी नौकरियों की बात करें तो पिछले 12 साल से राज्य में 38 हजार ऐसे लोगों की फौज खड़ी हो गई है, जो सरकारी नौकरी के लिए निर्धारित 37 साल की आयु सीमा को पार कर चुकी है। इन लोगों की आयुसीमा न तो अकाली-भाजपा राज में बढ़ाई गई और न ही कांग्रेस के राज में है। इन बेरोजगारों को उम्मीद थी कि नौकरी पाने की उम्र भी पड़ोसी प्रदेश हरियाणा के पैटर्न पर 42 साल तक कर दी जाएगी। जेनरेशन विभाग पंजाब में पिछले करीब 12 सालों में करीब 2.56  लाख बेरोजगार युवक और युवतियों  को रजिस्टर्ड किया है।

सरकारी नौकरियों के इंतजार में बूढ़े हो रहे युवा... 
होशियारपुर -1822, लुधियाना 3535, फिरोजपुर -3195, अमृतसर -3000, फरीदकोट -1851, फतेहगढ़ साहिब -1560, तरनतारन -1545, कपूरथला-1200, बरनाला-1081, बठिंडा-1018, मानसा 542, मोगा -340, मुक्तसर साहिब -200, पठानकोट- 4063, मोहाली -4049, रूपनगर-3679। 

लोकसभा चुनाव से पूर्व करवाए गए सर्वे में पंजाब...
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने लोकसभा चुनाव से पहले विश्व का संभवत: अभी तक का सबसे बड़ा मतदाता सर्वेक्षण करवाया है, जिसमें देश के लगभग सभी राज्यों को शामिल किया गया है। इस सर्वे में पंजाब के 13 लोकसभा क्षेत्रों को शामिल किया गया है। जिसमें कहा गया है कि 51.70 फीसदी वोटरों की सबसे पहली प्राथमिकता है कि राज्य में बेहतर रोजगार के साधन मुहैया करवाए जाएं। सर्वे में सरकार की 5 अंकों में से 1.97 रेटिंग की गई है। बहरहाल यह राज्य की ही नहीं पूरे देश के लिए गंभीर समस्या है। अब देखना यह है कि लोकसभा चुनाव में बेरोजगारों की इस फौज चुनाव में  कैसे उम्मीदवार अपनी ओर खींचने की कोशिश करते हैं।

क्या कहते हैं भाजपा प्रधान श्वेत मलिक... 
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व राज्यसभा सदस्य श्वेत मलिक कहते हैं कि कांग्रेस ने हर घर में एक व्यक्ति को तो नहीं पर अपने दो चहेतों की बेरोजगारी जरूर दूर कर दी है। पहला रोजगार पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के ओवरएज पोते को नौकरी देकर दिया। दूसरा रोजगार नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी डॉ. नवजोत कौर सिद्धू को वेयरहाउस कारपोरेशन का चेयरपर्सन बनाकर दिया गया है।

क्या कहते हैं भगवंत मान
आम आदमी पार्टी के पंजाब प्रधान भगवंत मान कहते हैं कि पंजाब सरकार युवाओं को उनकी योग्यता के मुताबिक नौकरियां देने में नाकाम रही है। वह कहते हैं कि युवाओं को स्मार्टफोन नहीं, नौकरियां चाहिएं। जब युवाओं के पास रोजगार होगा तो स्मार्ट फोन वे खुद ही खरीद लेंगे।

क्या कहते हैं बादल
पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री व शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल कहते हैं कि कांग्रेस सरकार को अस्तित्व में आए दो वर्ष बीत चुके हैं। उनका कहना है कि चुनाव से पहले कैप्टन ने वादा किया था कि वह हर घर में नौकरी देगें, जबकि रोजगार के नाम पर प्राइवेट काम देकर लोगों को मात्र गुमराह किया जा रहा। वह कहते हैं कि युवाओं को स्मार्टफोन देने के भी सब्जबाग दिखाए। 

कैप्टन का दावा हर दिन दिया 800 लोगों को रोजगार...
उधर सूबे के सीएम कैप्टन अमरेंद्र सिंह का दावा है कि 2 साल के कम समय में 5.62 लाख रोजगार यानी हर दिन औसतन 800 रोजगार देना सरकार की सबसे बड़ी सफलताओं में से एक हैं। जहां तक स्मार्टफोन की बात है, यह प्रक्रिया पहले ही शुरू की जा चुकी है। पिछली सरकार से विरासत में मिली वित्तीय हालत को देखते हुए यह हमारे लिए प्राथमिकता नहीं हो सकती थी। अन्य बड़ी चिंताएं थीं जिन्हें प्राथमिकता देने की आवश्यकता थी। 

Suraj Thakur