अब रेहड़ी-फड़ी व खोखे वाले भी ले सकेंगे 10 हजार तक बैंक लोन, पढ़ें पूरी खबर

punjabkesari.in Tuesday, Jun 30, 2020 - 12:51 PM (IST)

जालंधर(खुराना): कोरोना वायरस के कारण कई महीने लंबे चले लॉकडाऊन के चलते अर्थव्यवस्था में चिंताजनक हद तक गिरावट आई थी जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रभावित लोगों को सहायता उपलब्ध करवाने के लिए 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज की घोषणा की थी, जिसके तहत उन्होंने रेहड़ी, फड़ी और खोखे वालों के लिए पी.एम. स्वनिधि योजना भी लॉन्च की थी जिसके तहत शहरी क्षेत्रों में रेहड़ी-फड़ी व खोखे लगाने वाले स्ट्रीट वैंडर बैंकों से 10 हजार तक का लोन बिना सिक्योरिटी ले सकेंगे। 

अब जालंधर में भी इस योजना को लागू करने के प्रयास चल रहे हैं जिनके चलते आज निगम कमिश्नर करनेश शर्मा की अध्यक्षता में एक बैठक हुई। बैठक दौरान तहबाजारी विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि शहर में जिन 12,014 स्ट्रीट वैंडरों की पहचान हो चुकी है और उनके आई कार्ड बन चुके हैं। उन्हें 10 दिन के भीतर आई कार्ड वितरित कर दिए जाएं और जिस स्ट्रीट वैंडर की पहचान नहीं हो पा रही उसे पब्लिक नोटिस के माध्यम से सूचित किया जाए। कमिश्नर करनेश शर्मा ने बताया कि नए बन रहे स्ट्रीट वेंङ्क्षडग जोन में सिर्फ रजिस्टर्ड स्ट्रीट वैंडरों को ही स्थान अलाट किए जाएंगे और जल्द ही निगम एक रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू करने जा रहा है जिसके बाद ही यह स्ट्रीट वैंडर बैंकों से लोन प्राप्त करने के हकदार होंगे। आज हुई बैठक दौरान लीड बैंक मैनेजर के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।

स्ट्रीट वैंडिंग जोन सर्वे के मुख्य अंश
-40 प्रतिशत जालंधर निवासी पंजाबी हैं।
-60 प्रतिशत प्रवासी दूसरे राज्यों से हैं।
-52 प्रतिशत स्ट्रीट वैंडर स्थिर यानी पक्का और एक स्थान पर अड्डा लगाते हैं। 
-48 प्रतिशत स्ट्रीट वैंडर एक जगह से दूसरी जगह आते जाते हैं।
-70 प्रतिशत स्ट्रीट वैंडर 35 साल से कम उम्र के हैं। 
-7 वार्डों में 50 प्रतिशत से ज्यादा स्ट्रीट वैंडर रजिस्टर्ड हैं।
-फोकल प्वाइंट वार्ड में सबसे ज्यादा 3000 वैंडर रजिस्टर्ड है।
-शहर के 12,000 से ज्यादा स्ट्रीट वैंडर 100 तरह का सामान 
बेचते हैं।


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Vaneet

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