रेमडेसिविर इंजैक्शन की कालाबाजारी रोकने के लिए पंजाब सरकार ने उठाया सख्त कदम

punjabkesari.in Sunday, May 09, 2021 - 12:26 PM (IST)

चंडीगढ़ (शर्मा): पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री के दिशा-निर्देशों के मुताबिक खाद्य और ड्रग प्रबंधन (एफ.डी.ए.) विभाग ने कालाबाजारी को रोकने के लिए मुख्य कार्यालय में रेमडेसिविर इंजैक्शन मॉनिटरिंग सैंटर स्थापित किया है। उन्होंने लोगों से अपील की कि इंजैक्शन खरीदने के लिए घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि स्वास्थ्य विभाग के गोदामों में रेमडेसिविर की कोई कमी नहीं है।

कोविड संबंधी दवाओं की कालाबाजारी और जमाखोरी पर ङ्क्षचता व्यक्त करते हुए मंत्री ने कहा कि खाद्य और ड्रग प्रबंधन (एफ.डी.ए.) को निर्देश दिए गए हैं कि कोई भी थोक व्यापारी, डिस्ट्रीब्यूटर या रिटेलर ऐसी गतिविधियों में शामिल पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। पंजाब सरकार ने टीके की शीशी पर मरीज का नाम और आई.पी.डी. नंबर लिखना लाजिमी कर दिया है जिससे कोविड केयर सैंटर में खाली शीशी को नष्ट करने से पहले आसानी से पड़ताल की जा सके। 60 ड्रग कंट्रोल अफसरों की तैनाती की गई है जिससे पंजाब में दवाओं की सप्लाई पर तीखी नजर रखी जा सके।
एफ.डी.ए. को निर्देश दिए गए कि राज्यभर में कोविड संबंधी या कोविड प्रबंधन वाली दवाओं की कीमतों और स्टॉकों की निगरानी की जाए और उल्लंघन करने वाले विक्रेता के विरुद्ध तुरंत कार्रवाई की जाए।

मंत्री ने कहा कि सभी कैरिंग और फारवर्ड एजैंट, डिपो इंचार्ज, थोक विक्रेता और डिस्ट्रीब्यूटर की तरफ से रेमडेसिविर इंजैक्शनों की निरंतर सप्लाई को बनाए रखा जाए। मंत्री ने बताया कि डीलरों/स्टॉकिस्टों को दवाओं के उचित और जरूरी स्टॉक को बनाए रखने और वितरण पर सख्त नियंत्रण रखने संबंधी निर्देश दिए गए हैं।

उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने 21 अप्रैल से 9 मई तक 50,000 टीके अलॉट किए थे जबकि 41,056 ही प्राप्त हुए। 20,450 टीके सरकारी कोविड केयर सैंटरों और सरकारी मैडीकल कालेजों को बांटे जा चुके हैं और 20,606 टीके निजी कोविड केयर सैंटरों को बांटे गए हैं। भारत सरकार के अनुसार 9 से 16 मई तक 35,000 रेमडेसिविर टीके प्राप्त होंगे। सरकारी और निजी अस्पतालों को बांटने के बाद स्वास्थ्य विभाग के पास स्टॉक में 4913 रेमडेसिविर इंजैक्शन, 60,000 डैक्सामैथासोन-4 एम.जी. इंज. और 25 लाख पैरासीटामोल की गोलियां आदि उपलब्ध हैं।  

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Content Writer

Tania pathak