विद्यार्थियों के विदेश में पढ़ने के सपने को साकार करती है चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी

punjabkesari.in Saturday, May 26, 2018 - 02:55 PM (IST)

चंडीगढ़ः वर्तमान समय में युवा अपने करियर के प्रति और ज्यादा जागरूक हो पेशा प्रमुख कोर्सों की तरफ आकर्षित हो रहा है। जिस कारण विश्व की यूनिवर्सिटियों को अपने पाठ्यकर्म में समय की मांग के मुताबिक बदलाव लाने की जरूरत है। उक्त विचार चंडीगड़ यूनिवर्सिटी घड़ूंआं के उप कुलपति डा. आर. एस. बावा ने  जालंधर में पत्रकारों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए ।

 

इस दौरान चंडीगड़ यूनिवर्सिटी द्वारा पंजाब के युवाओं को ऑनलाइन करियर काउंसलिंग की सुविधा देने के मकसद के साथ ऑनलाइन पोर्टल का भी शुभारंभ किया । डा. बावा ने कहा कि इन्टरनेट और सोशल मीडिया के बढ़ते रुझान के मद्देनजर यूनिवर्सिटियों को बिजनस ऐनालाईटिकस, आरटीफिशिअल इंटेलिजेंस, मैकाट्रौनिकस, ऐरोसपेस इंजीनियरिंग तथा लाउड कम्प्यूटिंग जैसे भविष्य मुखी क्षेत्र शुरू करने की जरूरत है। चंडीगड़ यूनिवर्सिटी घड़ूंआं इस दिशा में कदम रखते हुए साल 2018 में न्यूटरीशन और डाईटैटिकस, इंटीरियर डिज़ायनिंग, और ऐकचूरियल सायंसज़ जैसे विषयों संबंधित डिगरी शुरू करने जा रही है।


डा. बावा ने कहा कि पंजाब के अलग-अलग क्षेत्रों से कुल 6000 विद्यार्थी इस समय अलग-अलग कोर्सों में  ग्रैजूएशन या मास्टर डिगरी की पढ़ाई कर रहे हैं, जिन में से कुल 1800 विद्यार्थी पंजाब के दोआबा इलाके से हैं। दोआबा के इन विद्यार्थियों के विदेश में पढ़ने के सपने को चंडीगड़ यूनिवर्सिटी ने प्राथमिकता देते हुए 180 से ज्यादा चोटी की विदेशी यूनिवर्सिटियों के साथ अकादमिक गठबंधन करके पूरा करने की कोशिश की है।


वाइस चांसलर ने बताया कि यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे विद्यार्थियों को अमरीका, कनाडा, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, यूरोपीय यूनियन, की चोटी की यूनिवर्सिटियों में इंटरनशिप, ड्यूल डिगरी, सांझी खोज, अंत्र राष्ट्रीय स्तर तक की स्कालरशिप और विद्यार्थी एम्सचेन्ज प्रोगराम और इंटरनेशनल प्लेसमेंट के लुभावने मौके मिल रहे हैं और पिछले एक साल के दौरान ही 500 से ज़्यादा विद्यार्थियों को अलग -अलग यूनिवर्सिटियों में यह मौके प्राप्त हो रहे हैं। इसके साथ ही विद्यार्थियों को विशेष स्कालरशिप तथा इससे संबंधित सहायता भी दी जाती है। इतना ही नहीं पंजाब के कुल विद्यार्थियों में से 1096 विद्यार्थियों को यूनिवर्सिटी में अपनी डिगरी करने के दौरान नौकरी हासिल हुई है जबकि इन के में 230 विद्यार्थी ऐसे हैं जिन को एक से ज्यादा कंपनियों की तरफ से नौकरी की पेशकश की गई है।

 

दोआबा क्षेत्र की यदि बात की जाए तो यहां से जालंधर शहर के रहने वाले कंप्यूटर साइंस के विद्यार्थी रणजीत सिंह को 4 कंपनियों की तरफ से नौकरी की पेशकश की गई है। इसके साथ ही फगवाड़ा की रहने वाली एमबीए की छात्रा साक्षी शर्मा को भी बहु -राष्ट्रीय कंफनियों की तरफ से नौकरी की पेशकश हुई है। 


रिसर्च के क्षेत्र में एमसीए के विद्यार्थी हरसिमरन सिंह ने ओरतों की सुरक्षा के लिए एक सेफ्टी बैल्ट तैयार की है, जिसे किसी ओरकी तरफ से जबरदस्ती खोलने पर इसकी चिप में इंस्टाल किए गए पांच फोन नंबर पर घंटी चली जाएगी, जिन में से एक नंबर पुलिस का होगा। इसके अतिरिक्त दो पहिया वाहनों की चोरी से निजात दिलवाने के लिए चण्डीगढ़ यूनिवर्सिटी घड़ूंआं के इंजीनियरिंग के दो विद्यार्थियों रोपड़ से खुशविन्दरपाल सिंह और भोगपुर, जालंधर के विकरमजीत सिंह ने एक बायोमेट्रिक यंत्र की खोज की है, जिसे स्कूटर, मोटरसाईकिल पर लगाने से वाहन केवल चालक के अंगूठो की पहचान होने पर ही खुलेगा जिस के साथ वाहनों की चोरी पर नकेल कसी जा सकेगी।


 
 

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