ज्ञानी जैल सिंह इंजीनियरिंग कॉलेज के स्टूडैंट का इसरो में चयन

punjabkesari.in Friday, Jul 20, 2018 - 08:38 PM (IST)

बठिंडा (आजाद): ज्ञानी जैल सिंह कैंपस कालेज ऑफ इंजीनियरिंग एड टैक्नोलाजी व महाराजा रंजीत सिंह पंजाब तकनीकी यूनीवर्सिटी बठिंडा के मैकेनिकल इंजीनियरिंग के विद्यार्थी सोनल ने भारतीय परमाणु शोध संस्था (इसरो) के वैज्ञानिक बनने का कीर्तिमान हासिल किया है। इस होनहार विद्यार्थी ने बिहार के छोटे से शहर पलांगा से उठकर इसरो में वैज्ञानिक बनकर कालेज और अपने माता-पिता का नाम रोशन किया है। 

सोनल कुमार बहुत ही मेहनत से इस मुकाम पर पहुंचा जहां सिर्फ प्रतिभा को स्थान मिलता है। हाल ही में इसने अपनी पहली पोस्टिंग कर्नाटक में वैज्ञानिक के तौर पर पदभार ग्रहण कर लिया है। सोनल ने अपने सारे वैज्ञानिक कैरियर दौरान हुनरमंद होने से 89.8 प्रतिशत अंक हासिल किया है। उसके स्कोर ने ही उसके सपने और बाद में सफलता की बुनियाद रखी है। इसी समय ही उसने इसरो में एक साइंटिस्ट बनने को फैसला किया, इस पर उसने पता नहीं था कि क्या करना चाहिए, इसलिए कड़ी मेहतन करनी पड़ी थी, पर यह पता था कि वह इसरो जाना चाहता है। अपने लक्ष्य हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करने के कई सालों बाद इसरो में उतीर्ण होने वाला यह छात्र बिहार के उस क्षेत्र का पहला वैज्ञानिक बन गया है। 

सोनल के परिवार के करीबियों में से ज्यादातर इसरो का नाम तक नहीं सुने थे, जब तक इसरो में नहीं गए थे, पर उनकी सफलता ने उनका सगे संबंधियों को बहुत खुशी हुई। सोनल के पिता योगेंद्र प्रताप सिंह व गांव वासी इस चमकते सितारे के सफलता मनाने के लिए मिठाइयां बांटी गई। सोनल कुमार अपने परिवार के सदस्यों को सफलता का श्रेय देते कहते हैं कि उसका रोल मॉडल पूर्व राष्ट्रपति डा.ए.पी.जे.अब्दुल कलाम है। सोनल कुमार ने कहा कि डा. कलाम ने देश के लिए वैज्ञानिकों के लिए काम करके भारत के राष्ट्रपति बने। मैं उनकी तरह ही बनना चाहता हूं।  एम.आर.एस.पी.टी.यू. के वाइस चांसलर डा.मोहन पाल सिंह ईशर,रजिस्टार डा.जसवीर सिंह हुदल और मकैनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रधान डा.बलविद्र सिंह सिंद्धू ने सोनल कुमार की इस उपलधी की सराहना की और प्रशंसा करते हुए जल्द ही सम्मानित करने का फैसला किया। 

 

Des raj