बड़ा मॉक टैस्ट कराने की तैयारी में शिक्षा विभाग, प्राइमरी से 12वीं कक्षा के Students लेंगे भाग

punjabkesari.in Monday, Aug 10, 2020 - 02:39 PM (IST)

लुधियाना/चंडीगढ़(विक्की, रमनजीत): स्कूल शिक्षा प्रणाली को और प्रभावशाली बनाने के उद्देश्य से शिक्षा मंत्री विजय इंद्र सिंगला के दिशा-निर्देशों के अंतर्गत पंजाब अचीवमैंट सर्वेक्षण (पी.ए.एस.) करवाने के लिए शिक्षा विभाग ने तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है। यह देश के किसी भी राज्य द्वारा अपनी किसम की पहली पहल होगी। शिक्षा मंत्री ने यह सर्वेक्षण वैज्ञानिक ढंग से करवाए जाने पर बल दिया है।

सिंगला द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों के अनुसार इस सर्वेक्षण के प्रबंधों को अंतिम रूप देने के लिए स्कूल शिक्षा सचिव कृष्ण कुमार ने सर्वेक्षण से संबंधित सभी अधिकारियों से वीडियो कांफ्रैंसिंग द्वारा मीटिंगें कर प्रबंधों का जायजा लिया और उनको सभी मापदंडों से यह सर्वेक्षण करवाने के लिए निर्देश जारी किए। पी.ए.एस. न सिर्फ विद्यार्थियों और अध्यापकों को नैश्नल अचीवमैंट सर्वे के लिए तैयार करेगा बल्कि यह विद्यार्थियों की समझने की क्षमता मजबूत करने के साथ-साथ विद्यार्थियों की तर्क योग्यता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह सर्वेक्षण राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में करवाया जाएगा और इसमें प्राइमरी से 12वीं कक्षा के विद्यार्थी भाग लेंगे। यह सर्वेक्षण ‘नैश्नल अचीवमैंट सर्वे’ के मापदंडों पर आधारित होगा। इसमें विद्यार्थियों के सीखने के परिणामों का मूल्यांकन किया जाएगा। सर्वेक्षण अंग्रेजी, विज्ञान, गणित और सामाजिक अध्ययन सहित चुनिंदा विषयों पर आधारित होगा। इसमें बहुविकल्पीय प्रश्न (एम.सी.क्यू.) होंगे। 


छात्रों के लिए तैयार होगा प्रश्न बैंक
सर्वेक्षण की प्रक्रिया अगस्त के दूसरे पखवाड़े में शुरू होगी और सितम्बर तक एक बड़ा मॉक टैस्ट कार्यक्रम तैयार किया गया है। छात्रों को विभिन्न विषयों की बुनियादी अवधारणाओं को समझने के लिए एक प्रश्न बैंक तैयार किया जा रहा है। पी.ए.एस. को सुचारू रूप से चलाने के उद्देश्य से शिक्षा विभाग ने जिला शिक्षा अधिकारियों, उप जिला शिक्षा अधिकारियों, ब्लाक प्राइमरी शिक्षा अधिकारियों, पढ़ो पंजाब पढ़ाओ पंजाब को-आर्डीनेटर्स, जिला शिक्षा सुधार टीमों और सोशल मीडिया  को-आर्डीनेटर्स को संवेदनशील करने के लिए वैबीनारों का आयोजन शुरू किया है। इस सर्वेक्षण के सफल आयोजन के लिए माता-पिता को भी इसमें शामिल होने के लिए प्रेरित किया गया है और माता-पिता की शिरकत सरकारी स्कूलों के बदल रहे चेहरों के सम्बन्ध में लोगों को जागरूक करने में सहायता करेगी।
 


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