रातों-रात बदल दिए कई परीक्षा केंद्र, पेपर से पहले टैंशन में घिरे विद्यार्थी

punjabkesari.in Tuesday, Mar 03, 2020 - 07:55 PM (IST)

लुधियाना(विक्की): पिछले लंबे समय से बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी में जुटे 8वीं के विद्यार्थियों को शायद इस बात का बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि परीक्षा में अपीयर होने से पहले उन्हें अपना सैंटर ढूंढने के लिए सड़कों पर धक्के खाने पड़ेंगे। स्टूडैंटस को परीक्षाओं में तनावमुक्त होकर उत्सव की तरह भाग लेने की बातें जहां देश में हो रही हैं वहीं पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड की कार्यप्रणाली बच्चों को टैंशन मुक्त की बजाय टैंशन ग्रस्त कर रही है।

ऐसा ही हुआ आज 8वीं के कुछ विद्यार्थियों के साथ जिन्होंने अपना पहला पेपर देने से पहले पीएसईबी की अव्यवस्थाओं की परीक्षा दी। बोर्ड के प्रबंधों की पोल भी पहले पेपर के दोरान उस समय खुल गई जब रोल नंबर स्लिप पर लिखे अपने सैंटर पर पहुंचने के बावजूद भी स्टूडैंटस को ऐन मौके पर दूर-दराज क्षेत्रों में बनाए गए नए सैंटरों पर जाने का फरमान जारी कर दिया। 9 बजे सुबह पेपर का समय निकलता देख स्टूडैंटस के साथ स्कूल संचालकों के भी पसीने छूटने लगे लेकिन उनकी समस्या का समाधान ऐन मौके पर किसी के पास नहीं था। इसी वजह से बच्चे एक सैंटर से दूसरे और दूसरे से तीसरे सैंटर में पहुंचने के लिए सड़कों पर धक्के खाते रहे। कई परीक्षा केंद्रों पर बच्चों का पेपर भी करीब 1 घंटे से अधिक समय की देरी से शुरू हुई।

जानकारी के मुताबिक कई निजी स्कूल ऐसे रहे जिनका परीक्षा केंद्र बोर्ड की ओर से रातों रात बदल दिया गया और स्कूल संचालकों को इस बात की कोई सूचना तक नहीं दी गई। इसके अलावा जिन स्कूूल संचालकों ने अपना परीक्षा केंद्र स्वयं बदलवाने के लिए बोर्ड को पत्र लिखा था उनके परीक्षा केंद्र बदल दिए गए लेकिन जिन स्कूलों में उनका नया परीक्षा केंद्र बनाया गया वहां सूचित करके बच्चों के रोल नंबर नहीं भेजे गए। ऐसे में उन स्कूलों के बच्चों को पहले नए फिर पुराने परीक्षा केंद्र में परीक्षा देने जाना पड़ा।

सैंटर ढूंढने के लिए की अढ़ाई घंटे तक जदोजहद
ताजपुर रोड पर स्थित एक स्कूल के 12 विद्यार्थियों को परीक्षा से पहले अढ़ाई घंटे तक अपना सैंटर ढूंढने के लिए जदोजहद करनी पड़ी। स्कूूल संचालक ने बात करने पर बताया कि पहले बोर्ड की ओर से उनका परीक्षा केंद्र सेखेवाल सरकारी स्कूल में बनाया गया। लेकिन जब आज विधार्थी सुबह परीक्षा केंद्र पर पहुंचे तो वहां से पता चला कि उनका परीक्षा केंद्र तो सरकारी स्कूल हीरां नजदीक कोहाड़ा में बदल दिया गया है। आनन-फानन में स्टूडैंटस उक्त सैंटर में पहुंचे तो वहां पर भी उनको परीक्षा में अपीयर नहीं होने दिया गया जिसके बाद काफी प्रयास करने के बाद पता चला कि ताजपुर रोड के दयाल स्कूल में उनके स्टूडैंटस का परीक्षा केंद्र बना है। ऐसे में बच्चों ने फिर उक्त परीक्षा केंद्र पहुंचकर 11.30 बजे पेपर लिखना शुरू किया और 1.30 घ्ंाटे बाद उनसे पेपर वापिस ले लिया गया।

शालीमार और एवीएम स्कूल के विधार्थी भी हुए परेशान
शालीमार स्कूल जनता नगर के विद्यार्थियों ने बताया कि पहले बोर्ड ने उनका परीक्षा केंद्र मालवा स्कूल माडल ग्राम में बनाया था। लेकिन जब वे पेपर देने के लिए अपने सैंटर में पहुंचे तो उनको बताया गया कि उनका परीक्षा केंद्र माडल टाउन के सरकारी स्कूल में बना दिया गया है। इस वजह से उनको जल्दबाजी में अपना नया सैंटर ढूंढना पड़ा। वहीं एवीएम स्कूल टिब्बा रोड के आनंद सिंह ने बताया कि उनका परीक्षा केंद्र पहले बोर्ड ने सलेम टाबरी के ज्योति माडल स्कूल में बना दिया गया। उन्होंने बोर्ड को पत्र लिखकर सैंटर बदलने की मांग की थी लेकिन बोर्ड कर्मचारी ने उनको फोन करके सूूचित किया कि उनका नया सैंटर चंडीगढ़ रोड के एक स्कूल में बना दिया गया है।

आज सुबह जब वह 45 स्टूडैंटस को लेकर उक्त सैंटर पहुंचे तो वहां पर विद्यार्थियों को परीक्षा में नहीं बैठने दिया गया। पेपर शुरू होने का समय निकलता देख वह बच्चों को लेकर पुराने सैंटर में पहुंचे जहां बच्चों ने पेपर दिया। वहीं हंबड़ा स्थित न्यू पंजाब पब्लिक स्कूल का परीक्षा केंद्र पहले नूरपुर बेट स्कूल में बनाया गया लेकिन स्टूडैंटस जब नूरपुर बेट पहुंचे तो उनको वहां से सैंटर हंबड़ा में बनाए जाने बारे पता चला। बोर्ड की ओर से रातों रात बदले गए परीक्षा केंद्रों के कारण कई अन्य स्कूलों के विधार्थी भी परेशान हुए।

बोर्ड अधिकारी ने नहीं उठाया फोन
वहीं स्टूडैंटस को हुई इस तरह की परेशानी बारे जब अधिकारियों से पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने फोन उठाना मुनासिब नहीं समझा। डीईओ स्वर्णजीत कोर ने बताया कि शिक्षा विभाग की ओर से स्थापित किए गए कंट्रोल रूम पर उक्त बारे एक स्कूल की शिकायत आई थी जिसे तुरंत हल करके विद्यार्थियों को परीक्षा में बिठाया गया।


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Vaneet

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