खुलासाः अंग्रेजी में कमजोर सैंकड़ों छात्रों को झांसा दे रहे ट्रैवल एजेंटों ने भेजा Ukraine

punjabkesari.in Tuesday, Mar 01, 2022 - 02:18 PM (IST)

जालंधरः ट्रैवल एजेंटों की तरफ से विदेश भेजने के नाम पर लोगों के साथ ठगी के मामले तो अक्सर सामने आते ही रहते हैं लेकिन अब कुछ ट्रैवल कारोबारियों की तरफ से अपनी जेब गर्म करने के लिए अंग्रेज़ी में कमजोर विद्यार्थियों को यूक्रेन भेजने के भी कई मामले सामने आने लगे हैं। विद्यार्थियों को यूक्रेन पहुंच कर वहां से यूरोप पहुंचाने का झांसा दिया जाता था जिस कारण उनसे लाखों रुपए भी लिए जाते थे। 

कोरोना काल के कारण पूरी दुनिया में लॉकडाउन चल रहा था और सभी देशों की फ्लाइटस बंद थी, जिस कारण सभी दूतावास भी बंद थे। हर देश ने अपने नागरिकों की सुरक्षा को यकीनी बनाने के लिए कई तरह की पाबंदियां लगा दीं। वहीं सभी देशों में लॉकडाऊन और फ्लाइटस बंद होने के साथ ट्रैवल कारोबारियों का काम भी ठप्प हो गया और वे वर्क फ्रॉम होम करने लगे। कईयों के लिए दफ़्तर का किराया तक निकालना और स्टाफ को वेतन तक देना मुश्किल हो गया।  सूत्रों मुताबिक पंजाब के कुछ ट्रैवल कारोबारियों ने इस बीच अपनी, जेब गर्म करने के लिए अंग्रेज़ी में कमज़ोर भारतीय विद्यार्थियों को यूक्रेन भेजने के लिए विज्ञापनों का खेल शुरू किया, जिसमें आम तौर पर देखने को मिलता था, ‘‘स्टडी इन यूक्रेन, स्टडी गैप अप टू 10 ईयर, आईलैट्स की ज़रूरत नहीं, ख़र्च सिर्फ़ 3 से 5लाख रुपए।’’ कई लोग इन ट्रैवल कारोबारियों के झांसे में फंसने लगे।

आम तौर पर पढ़ाई के लिए कनाडा, यू. के. और दूसरे कई देशों में जाने के इच्छुक विद्यार्थियों के लिए आईलेट्स  पास करना ज़रूरी होता था। इस कारण अंग्रेज़ी में कमज़ोर विद्यार्थी आईलेट्स करने से गुरेज़ करते थे। इसी बीच कई भारतीय विद्यार्थी यूक्रेन के विज्ञापन देख कर इन ट्रैवल कारोबारियों के हत्थे चढ़ गए। उन्हें यूक्रेन पहुंच कर वहां से यूरोप जल्द पहुंचाने का झांसा दिया जाता था। इसके साथ ही पंजाब के कई ट्रैवल कारोबारियों की तरफ से अंग्रेज़ी में कमज़ोर विद्यार्थियों को 8 महीने का  यूक्रेनन भाषा सीखने के लिए 3से 5लाख तक के पैकेज निकाल दिए गए। सूत्रों मुताबिक यूक्रेनन भाषा सीखने के लिए विद्यार्थियों का ख़र्च सिर्फ़ 70 से 75 हज़ार रुपए आता था परन्तु उक्त ट्रैवल कारोबारी अपनी, जेबों गर्म करन के लिए विद्यार्थियों के पास से 5-5लाख तक वसूल कर उन्हें  युक्रेन भेजते रहे।

कमज़ोर विद्यार्थियों का इस तरह फायदा उठाते थे ट्रैवल कारोबारी
बताया जा रहा है कि और ज्यादा अंग्रेज़ी में कमज़ोर विद्यार्थी यूक्रेनन भाषा का कोर्स करने में सफल नहीं होते थे, जिस कारण फेल होने पर उन्हें या तो अपने देश वापस आना पड़ता था या उन्हें दोबारा लैंग्वेज कोर्स करने के लिए फीस फिर से जमा करवानी पड़ती थी। कई विद्यार्थी फ़र्ज़ी एजैंटों के हत्थे चढ़ कर यूक्रेन से यूरोप जाने की कोशिश करते थे। बस इस बात का फ़ायदा पंजाब के कुछ ट्रैवल कारोबारियों ने खूब उठाया और लैंग्वेवज कोर्स करवाने और यूक्रेन के पैकेज से करोड़ों रुपए कमा लिए। बताया जा रहा है कि यूक्रेन में कड़ाके की सर्दी के कारण काम की भी भारी कमी है, जिस कारण वहां गए विद्यार्थियों को रहने और खाने के लिए अपने परिजों के पास से ही रुपए मंगवाने पड़ते थे। वहीं, अब यूक्रेन के हालात देख कर वहां फंसे भारतीय विद्यार्थियों के परिजन भी दिन -रात डर के साए में जी रहे हैं। 


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Vatika

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