खरीद एजैंसियों के अधिकारियों से परेशान आढ़ती ने ब्यास दरिया में छलांग लगा की आत्महत्या

punjabkesari.in Friday, Nov 29, 2019 - 09:52 AM (IST)

श्रीहरगोबिन्दपुर/ बटाला/घुमाण/टांडा-उड़मुड़(रमेश, बेरी, सर्बजीत, पंडित): गुरदासपुर जिले के कस्बा घुमान से संबंधित एक आढ़ती ने गत सुबह ब्यास दरिया पुल से दरिया में छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली। आढ़ती जगजीत सिंह पुत्र जोगिंदर सिंह निवासी घुमान की मौत का कारण फूड सप्लाई महकमे विभाग के ए.एफ.एस.ओ., पनग्रेन के इंस्पैक्टर व एक स्थानीय निवासी की ओर से परेशान किए जाना था। टांडा पुलिस ने मृतक के भतीजे अवनीत सिंह के बयान के आधार पर ए.एफ.एस.ओ. जसविंदर सिंह, खरीद एजैंसी के इंस्पैक्टर संदीप कुमार व धर्मकंडा मालिक साहिब सिंह पुत्र चंचल सिंह निवासी मंड खिलाफ आत्महत्या को मजबूर करने का मामला दर्ज किया है।

अवनीत अनुसार उनसे खरीदी गई धान की फसल की लोडिंग और पेमैंट के लिए लाखों रुपए का कमीशन मांग कर उक्त आरोपी उन्हें परेशान कर रहे थे। टांडा पुलिस को दर्ज करवाए बयान में अवनीत सिंह ने बताया कि उसके चाचा व उसके पिता सुखजिंद्र सिंह पिछले 40 साल से गांव घुमान की दाना मंडी में आढ़त का कार्य कर रहे हैं और उनका किसानों के साथ एडवांस लेन-देन होता है। उनकी मंडी में सरकारी खरीद एजैंसी पनग्रेन व मार्कफेड ने इस सीजन में धान की खरीद की। इस सीजन में उन्हें सरकार की ओर से खरीद के लिए बारदाना नहीं मिला और जो बारदाना आधा सरकारी एजैंसियों व आधा शैलर मालिकों ने देना था लेकिन उन्हें बारदाना उक्त अधिकारियों की ओर से न मिलने की सूरत में उन्हें खुद का 3 लाख रुपए खर्च कर खरीदना पड़ा।
 

इस दौरान बारिश के दिनों में जब खरीद किया हुआ धान खराब हो रहा था तो उक्त अधिकारियों ने मंडी में से खरीदे गए धान की लोडिंग करवाने की अपील की, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। उन्होंने बताया कि मंडी में अक्सर उन्हीं आढ़तियों की लोडिंग होती थी जिनका इनके साथ लेन-देन होता था। उसने बताया कि घुमान में ही साहिब सिंह का पैट्रोल पंप है, जहां उसने कंडा बनाया हुआ है और उसकी उक्त अधिकारियों के साथ मिलीभगत होने के चलते मंडी में से लोड हुए फसल का गेट पास साहिब सिंह के कंडे से ही जारी होता था। उनकी खरीदी गई फसल की जब लोडिंग नहीं हुई तो उन्होंने उक्त अधिकारियों को 
बार-बार फसल लोड करने की अपील की और उन्हें उनकी रकम जारी करने को कहा, लेकिन उन्होंने कोई सुनवाई नहीं की।

दूसरी तरफ फसल बेचने वाले किसान उनसे लगातार अपनी फसल के पैसे मांग रहे थे और कई बार उनकी किसानों से कहासुनी भी हुई थी। वह और उसके चाचा लगातार अक्तूबर-नवम्बर महीने में उक्त अधिकारियों के पास अपनी फरियाद लेकर जाते रहे लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। 27 नवम्बर को वह और उसके चाचा साथी आढ़ती शिविंद्र सिंह के साथ जब साहिब सिंह के पंप पर बनाए दफ्तर पर उक्त अधिकारियों को मिले और उन्होंने लोड हुई फसल की अपनी रकम व लोङ्क्षडग संबंधी मीटिंग की लेकिन उन्होंने कहा कि जो 300 रुपए प्रति किं्वटल काट आपकी आढ़त ने अनाज की डाली है वह

पहले जमा करवाई जाए क्योंकि उसमें से करीब 25 लाख तीनों पहले ही ले चुके थे और दोनों अधिकारियों सहित साहिब सिंह ने उन्हें कहा कि जो उनका 90 लाख का बकाया रहता है वह तभी देंगे जब उनकी फसल की लोङ्क्षडग करवाई जाएगी। उन्होंने हमें डराया कि 30 नवम्बर को पेमैंट सरकार की ओर से बंद हो जाएगी और बाद में 6 से 7 महीने लग जाएंगे। कमीशन के लिए तंग-परेशान करते हुए उन्होंने हमारी एक न सुनी और उसका चाचा बार-बार पेमैंट न मिलने की परेशानी जाहिर करता रहा।
 
सुबह 10 बजे के करीब दरिया में लगाई थी छलांग
गत सुबह उसके चाचा बाबा नामदेव जी के गुरु घर से माथा टेक कर नहीं आए और सुबह 10 बजे उसकी चाची रमिंद्रजीत कौर ने उसे फोन किया कि उसके चाचा ने अपने ससुराल घर अमृतसर फोन किया है कि वह उक्त आरोपियों के कारण 50 लाख रुपए का कर्जाई हो गया है और दरिया में छलांग लगा देगा। सूचना पर जब वह मौके पर पहुंचे और देखा तो चाचा का मोटरसाइकिल पर खड़ा था। बाद में उसके चाचा की लाश गांव संगरावां के नजदीक मिल गई। पुलिस ने अपने कमीशन के लिए आरती को मारने के लिए मजबूर करने वाले तीनों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। घटनास्थल पर पहुंचे थाना प्रभारी इंस्पैक्टर हर गुरदेव सिंह ने बताया कि पुलिस ने मामला दर्ज कर तफ्तीश शुरू कर दी है।

  


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