Year Ender 2020: पंजाब की वो घटनाएं जिसने एक ही झटके में उजाड़ दिए पूरे परिवार

punjabkesari.in Thursday, Dec 24, 2020 - 04:56 PM (IST)

जालंधर/अमृतसरः हमारा जीवन खूबसूरत होने के साथ-साथ संघर्ष से भरा हुआ भी है। अगर यहां सुख है तो दुख भी है, अगर सुबह है तो रात भी है और अगर मिठास है तो खटास भी है। जिंदगी के हर अच्छे-बुरे वक्त को खुशी-खुशी निकालने से ही मनुष्य का संपूर्ण विकास संभव होता है। लेकिन कई बार इंसान किसी असफलता या असुविधाजनक परिस्थितियों के कारण निराश हो जाता है जिस कारण खुदकुशी करने के लिए भी तैयार हो जाता है और अपनी जान गंवा लेता है। वर्ल्ड हेल्थ संगठन की पिछले साल की रिपोर्ट अनुसार संसार भर में हुई कुल मौतों में से 1.4 फीसदी मौतें केवल खुदकुशी के कारण ही होती है और विश्वभर की मौतों के अलग-अलग कारणों में 18वां सबसे बड़ी कारण खुदकुशी ही है। दुनिया में हर 40 सैकेंड में एक मौत खुदकुशी के कारण होना बहुत ही हैरान करने वाली बात है। खुदकुशी चाहे कर्ज के नीचे आए किसी गरीब व्यक्ति की हो या फिर किसी अमीर व्यक्ति की हो, उनके मरने से उनके परिवारों, रिश्तेदारों और दोस्तों के सपनों की भी मौत हो जाती है। अगर साल 2020 की बात की जाए तो इस साल में जहां एक तरफ कोरोना के कारण तबाही मची रही वहीं दूसरी ओर पंजाब में पूरे परिवारों द्वारा किसी ना किसी परेशानी के चलते मौत को गले लगा लिया गया।

बठिंडा में व्यापारी द्वारा पत्नी और बच्चों को गोलियां मारकर खुद भी की खुदकुशी
बठिंडा ग्रीन सिटी में एक व्यापारी द्वारा पहले अपनी पत्नी औऱ बच्चों को गोलियां मारकर मौत के घाट उतार दिया गया फिर खुद को गोली मारकर खुदकुशी कर ली गई। मृतक दविंदर गर्ग किसी समय शहर के कुछ अमीरों में आता था, जिसका काफी पैसा चिटफंड कंपनी में डूब गया था, जिसके बाद वह मानसिक तौर पर परेशान रहता था। इसके चलते दविंदर गर्ग ने पहले अपने बच्चे 14 वर्षीय लड़की, 10 वर्षीय लड़के और पत्नी को अपने लाइसेंसी रिवाल्वर से गोली मारी और खुद को भी गोली मार ली।



पत्नी की मौत के बाद भगता भाई में 3 बच्चों को मौत के घाट उतार फिर खुद की आत्महत्या
भगता भाई के पास ही गांव हमीरगढ़ में तीन मासूम बच्चों के पिता द्वारा उनको मारने के बाद आत्महत्या कर ली गई थी। जानकारी अनुसार बेअंत सिंह भगता भाई में रिक्शा चलाकर अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहा था। उसकी पत्नी लवप्रीत कौर कैंसर से पीड़ित थी। इनके तीन बच्चे प्रभजोत सिंह (7), अर्श कौर (3) और खुशी कौर (1) थे। कैंसर पीड़ित पत्नी के इलाज में उसकी उम्र भर की कमाई लग गई, जबकि एक महीना पहले लवप्रीत कौर की मौत भी हो गई थी। बेअंत सिंह अपनी पत्नी को बहुत प्यार करता था लेकिन सारे रिश्तेदारों से काफी खफा था। उसको लगता था कि अगर रिश्तेदार मदद करते तो उसकी पत्नी बच सकती थी। पत्नी की मौत के बाद वह बच्चों को अकेले घर छोड़कर भी नहीं जा सकता था। इसलिए उसको घर ही रहना पड़ता था और वह मानसिक तौर पर बुरी तरह टूट चुका था। अंत मानसिक परेशानी के कारण उसने बच्चों को मारकर खुद भी खुदकुशी कर ली।



फरीदकोट में एक परिवार के 4 सदस्यों ने की खुदकुशी
फरीदकोट के गांव कलेर में एक परिवार के 4 सदस्यों द्वारा आग लगाकर खुदकुशी करने का मामला सामने आया है। मृतकों की पहचान मूल रूप से राजस्थान के जिला सीकर निवासी धर्मपाल (40), पत्नी सीमा (36), बेटी मनिका (15) और बेटे हतीश कुमार (10) के तौर पर की गई है। मृतक व्यक्ति धर्मपाल यहां के एक ईंटों के भट्ठे पर मुंशी का काम करता था। पुलिस को प्राथमिक जांच के दौरान उनके घरों एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है, जिसमें उन्होंने इतना बड़ा कदम उठाने का कारण लॉकडाउन और खराब आर्थिक हालात को बताया है। 



गुरदासपुर में पूरे परिवार ने की खुदकुशी, मरने से पहले बनाई वीडियो
गुरदासपुर में पति-पत्नी और एक बेटी द्वारा इकट्ठे जहर पीकर खुदकुशी करने ली गई। जानकारी अनुसार खुदकुशी करने से पहले परिवार द्वारा एक वीडियो भी बनाई गई है, जिसमें उन्होंने परेशान करने वालों का जिक्र किया है। वीडियो में भारती शबनम ने बताया कि उसके भाई ने किसी के हाथ उनको सल्फाज भेजी है और कहा कि बदनामी से अच्छा यह खाकर मर जाओ। उसने कहा कि मैं और मेरी पति नरेश कुमार और बेटी मानसी सल्फाज खाकर खुद को खत्म करने जा रहे हैं। वीडियो में उन्होंने बताया कि उनकी मौत का जिम्मेदार हरदीप कुमार, उसकी पत्नी नीती पठानिया, नरिंदर विज और उसकी बहन नीतू, जग्गा पटवारी, जशपाल बेदी, अमित सुनियारा, दीपा महाजन, अदर्श हैं। उन्होंने मांग की कि हमें मौत के बाद इंसाफ दिलाया जाए। इसके बाद उन्होंने परिवार सहित सल्फाज निगल लिया।

Mohit