करतारपुर कॉरीडोर को लेकर पाक अपना रहा है दोगली नीति,सभी शर्तें अनुचित :सुखबीर

punjabkesari.in Wednesday, Jul 03, 2019 - 08:20 AM (IST)

चंडीगढ़(अश्वनी):पाकिस्तानी सरकार करतारपुर कॉरीडोर जैसे अति संवेदनशील मुद्दे पर दोगली बोली बोल रही है। कॉरीडोर के लिए किए जा रहे काम संबधी पाकिस्तान बड़ी-बड़ी बातें कर रहा है, पर वास्तविकता यह है कि 320 मीटर लंबा पुल बनाने की बजाय महज ऊंची सड़क का निर्माण किया जा रहा है। उक्त शब्द शिरोमणि अकाली दल अध्यक्ष तथा फिरोजपुर से सांसद सुखबीर बादल ने पार्टी मुख्यालय में  पत्रकार वार्ता के दौरान कहे। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने रोजाना सिर्फ 700 श्रद्धालुओं को दर्शनों की आज्ञा देने की शर्त लगा दी है। यह शर्त पहले से ही साल के सीमित दिनों पर लगाई गई है। उसके द्वारा श्रद्धालुओं के लिए रखी गई  परमिट फीस तथा प्रवेश शुल्क ही बहुत ज्यादा है। पाकिस्तान ने यह सुविधाएं भी सिर्फ भारतीय नागरिकों को देने के प्रस्ताव पर रखा है, प्रवासी भारतीय इन  सुविधाओं का उपयोग नहीं कर सकते।

बड़ा दिल करें पाक
सुखबीर ने कहा कि पाकिस्तान की सभी शर्तें अनुचित हैं। उन्होंने पाकिस्तान को अपना दिल बड़ा करने की अपील की। उन्होंने कहा कि अनुचित पाबंदियों का अर्थ यह होगा कि ‘खुले दर्शन दीदार’ के लिए की जाती सिख अरदास अधूरी रह जाएगी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सरकार ने श्रद्धालुओं के लिए लगाई प्रवेश और परमिट फीस हटा देनी चाहिए तथा आम दिनों में 5000 श्रद्धालुओं तथा विशेष दिनों में रोजाना 15000 श्रद्धालुओं को दर्शन करने की अनुमति देनी चाहिए।

करतारपुर कॉरीडोर के शीघ्र निर्माण के लिए प्रधानमंत्री का जताया आभार

शिरोमणि अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर बादल ने करतारपुर कॉरीडोर का शीघ्र निर्माण करने और सिख संगत की भावनाओं से संबंधित अहम व चिरकालीन मुद्दों को जल्द हल करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत सरकार का आभार व्यक्त किया है। यहां पत्रकारों को संबोधित करते हुए शिअद अध्यक्ष ने कहा कि केंद्र सरकार ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए रावी दरिया पर पुल और आधुनिक यात्री टर्मिनल भवन के निर्माण का कार्य तेज कर दिया है। इस प्रोजैक्ट के लिए 290 करोड़ की लागत वाली लगभग 50 एकड़ जमीन एक्वायर की जा चुकी है। ‘यात्री टर्मिनल भवन’ अक्तूबर, 2019 तक पूरा हो जाएगा और कारीडोर को नैशनल हाईवे के साथ जोडऩे वाला नैशनल हाईवे सितम्बर तक तैयार हो जाएगा।

केंद्र ने 314 व्यक्तियों की सरकारी काली सूची को छांटकर 40 व्यक्तियों की सूची बनाई 

बादल ने 1984 कत्लेआम मामलों पर एस.आई.टी. बनाने के लिए प्रधानमंत्री का आभार जताया। उन्होंने कहा कि मोदी की कार्रवाई के कारण ही सज्जन कुमार को सजा हो पाई है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ का केस भी दोबारा खोला जा चुका है और गृह मंत्रालय ने अदालत को 1984 कत्लेआम केसों की जल्द सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाने के लिए लिखा है। बादल ने कहा कि केंद्र सरकार ने शिअद का अनुरोध स्वीकार करते हुए कनाडा, अमेरिका, ब्रिटेन और जर्मनी जैसे देशों में भारतीय दूतावासों द्वारा बनाई सिखों की काली सूची को खत्म कर दिया है। केंद्र सरकार ने 314 व्यक्तियों की सरकारी काली सूची को भी छांटकर 40 व्यक्तियों की सूची बना दिया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार सजा पूरी कर अलग-अलग जेलों में बंद सिख कैदियों की रिहाई संबंधी शिअद के अनुरोध पर सक्रियता से अमल कर रही है। यह मामला विचाराधीन है तथा जल्द परिणाम सामने आने की संभावना है। 

सिख कत्लेआम का कोई भी दोषी नहीं बच पाएगा सजा से
सुखबीर ने कोर्ट द्वारा 40 बंदियों को दिए मुआवजे की तर्ज पर जोधपुर के 325 सिख बंदियों को मुआवजा देने के लिए सैद्धांतिक तौर पर सहमत होने के लिए गृह मंत्रालय का आभार व्यक्त किया। बादल ने बताया कि 1984 के सिख विरोधी दंगों दौरान 194 केस सुप्रीम कोर्ट में दर्ज किए गए थे जिनमें  से 186 केसों को सबूतों के अभाव में रद्द कर दिया गया था। रद्द किए गए इन 186 केसों को मोदी सरकार की तरफ से पुन: जांच के लिए खोल दिया गया है। बादल ने कहा कि 84 सिख कत्लेआम का कोई भी दोषी सजा से बच नहीं सकेगा।

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