उम्रकैद नहीं सज्जन कुमार को दी जाए फांसीःसुखबीर

punjabkesari.in Monday, Dec 17, 2018 - 01:12 PM (IST)

चंडीगढ़ः करीब 34 साल बाद 1984 सिख दंगे से जुड़े एक मामले में दिल्ली हाईकोर्ट की डबल बेंच ने निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए सज्जन कुमार को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। हाईकोर्ट ने सज्जन को हिंसा कराने और दंगा भड़काने का दोषी पाया है। वहीं हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद शिअद प्रधान सुखबीर बादल ने खुशी जताते कहा कि  यह ऐतिहासिक फैसला है।  उन्होंने  कहा किसज्जन को मिलने वाली सजा कम है। उसे फांसी की सजा होनी चाहिए थी। सुखबीर ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल हमेशा से 84 दंगा पीड़ितों को इंसाफ के लिए लड़ता आ रहा है।  

बता दें कि 1984 को दिल्ली छावनी के राजनगर क्षेत्र में एक ही परिवार के पांच सदस्यों को मार दिया गया था और इस हत्याकांड में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार भी आरोपी है।इससे पहले हाईकोर्ट डबल बेंच के जस्टिस एस मुरलीधर और जस्टिस विनोद गोयल की बेंच ने इस मामले पर 29 अक्टूबर को सीबीआई, पीड़ितों और दोषियों की ओर से दायर अपीलों पर दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

84 सिख दंगा मामले में 2013 में सज्जन कुमार को निचली अदालत ने बरी कर दिया था, जबकि अन्य आरोपियों को दोषी करार दिया था। अन्य आरोपियों में पूर्व कांग्रेस पार्षद बलवान खोखर, कैप्टन भागमल, गिरधारी लाल और दो अन्य लोग शामिल थे।

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