सुखबीर और मजीठिया के खिलाफ जारी वारंट हाईकोर्ट ने लिए वापिस

punjabkesari.in Monday, Mar 25, 2019 - 05:56 PM (IST)

चंडीगढ़(हांडा): पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने जस्टिस रंजीत सिंह की क्रिमिनल कम्प्लेंट पर पंजाब के पूर्व डिप्टी सी.एम. व शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल और शिअद विधायक बिक्रम सिंह मजीठिया को गैर जमानती वारंट जारी कर दिए, लेकिन कुछ ही देर बाद कोर्ट ने आदेश बदलकर फिर केवल नोटिस जारी किया।

जस्टिस रंजीत सिंह ने क्रिमिनल कम्प्लेंट दी थी, जिसमें आरोप लगाए थे कि बेअदबी मामले में उनकी अध्यक्षता में गठित जांच आयोग के कार्यकाल दौरान सुखबीर और मजीठिया ने पत्रकार सम्मेलन में आयोग और उन पर निजी तौर पर छींटाकशी की थी। जस्टिस अमित रावल ने मामले में एक बार फिर नए सिरे से दोनों को अंडर सैक्शन 204 के तहत नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। इसमें साफ किया गया कि सुखबीर और मजीठिया को खुद कोर्ट में पेश नहीं होना पड़ेगा जबकि इससे पहले जारी आदेशों में कहा था कि दोनों को अगली सुनवाई पर इन पर्सन हाजिर होना होगा, लेकिन कहीं भी सी.जे.एम. की ओर से सम्मन या वारंट जारी किए जाने का जिक्र नहीं था, जो कन्फ्यूजन पैदा कर रहा था।

जस्टिस रावल ने कहा कि कोर्ट में आए रिकार्ड में बताया गया कि जब सुखबीर बादल को नोटिस भेजा तो घर पर कंस्ट्रक्शन चल रही थी और कोई मौजूद नहीं था। नोटिस लेकर गए कोर्ट कर्मी को मजीठिया भी घर पर नहीं मिले ऐसे में नोटिस रसीव नहीं करवाया जा सका इसलिए जमानती वारंट जारी नहीं किए जा सकते। उन्होंने संबंधित कोर्ट ऑफिसर को भी हिदायत दी कि भविष्य में ऐसे मामलों में सतर्क रहें। ऐसा पहली बार हुआ है जब बचावपक्ष की ओर से आदेशों के खिलाफ अपील की हो और उसी वक्त सुनवाई हुई हो। जस्टिस रंजीत सिंह की क्रिमिनल कम्प्लेंट पर 6 माह तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान है।

Mohit