विधायक सुखबीर बादल व मजीठिया ने झूठ बोलकर सदन की गरिमा को ठेस पहुंचाईः दादूवाल

punjabkesari.in Monday, Dec 17, 2018 - 09:23 PM (IST)

बठिंडा (विजय): अकाली दल के अध्यक्ष व पूर्व उप मुख्य मंत्री विधायक सुखबीर बादल व मजीठिया पर विधान सभा को गुंमराह करने का आरोप लगाते हुए संत बलजीत सिंह दादूवाल ने कहा कि उन्होंने सदन की गरिमा को ठेस पहुंचाई जिसलिए उन्हें विधान सभा से निलंबित किया जाए। मीडिया को संबोधन करते हुए दादूवाल ने कहा कि 26 अगस्त 2018 सायं विक्रमजीत सिंह मजीठिया ने ट्वीट कर जत्थेदार दादूवाल व कैप्टन अमरेंद्र सिंह मुख्य मंत्री पंजाब चंडीगढ़ में उनके निवास पर मीटिंग कर रहे है व जस्टिस रणजीत सिंह की बेअदबी मामले में रिपोर्ट से छेड़छाड़ की जा रही है।

उन्होंने कहा कि इस टवीट को सभी मीडिया चैनलों ने प्रमुखता से प्रकाशित किया जबकि यह सरासर झूठ था। इसी तरह सुखबीर बादल ने कहा था कि कैप्टन चनन सिंह सिद्धू के फार्म हाऊस मुल्लापुर पर जस्टिस रणजीत सिंह, दादूवाल, ध्यान सिंह मंड, गुरदीप सिंह बठिंडा व सुखपाल खैहरा की बैठक हुई। उन्होंने कहा कि विधायक सुखबीर बादल ने यह झूठ सदन में बोला जिससे विधान सभा को गुंमराह किया गया क्योंकि सभी नेताओं ने इस खबर का खंडन किया था। सरबत खालसा द्वारा दमदमा साहिब के थापे गए जत्थेदार भाई बलजीत सिंह दादूवाल ने कहा कि सुखबीर बादल व मजीठिया का झूठ आज उस समय उजागर हुआ जब पंजाब सरकार ने अकाली दल, कांग्रेस व आम आदमी पार्टी के विधायक अधारित कैबिनेट मंत्री सुखविंद्र रंधावा के नेतृत्व में जांच कमेटी बनाई थी जिसकी रिपोर्ट विधान सभा को सौंप दी गई। इस रिपोर्ट से मजीठिया व सुखबीर बादल द्वारा लगाए गए सभी आरोप निराधार पाए गए और उन्हें सदन को गुंमराह करने का आरोपी करार दिया गया।

उन्होंने कहा कि सुखबीर बादल व मजीठिया को सदन से माफी मांगनी चाहिए और आगे से झूठी बयान बाजी पर गुरेज करना चाहिए। एक उतर में दादूवाल ने कहा कि 34 वर्ष बाद सिख विरोधी दंगों की अहम भूमिका निभाने वाले सज्जन कुमार को दिल्ली उच्च न्यायलय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई जिससे पीड़ितों को इंसाफ मिला।

 

Mohit