राजग सरकार ने संघवाद के सिद्धांत का उल्लंघन, राज्यों की शक्तियों का दुरुपयोग किया: सुखबीर

punjabkesari.in Tuesday, Dec 15, 2020 - 09:26 AM (IST)

अमृतसरः शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने संघवाद के सिद्धांत का उल्लंघन किया है और राज्यों की शक्तियों का दुरुपयोग किया है। आंदोलनकारी किसानों के साथ एकजुटता के साथ पवित्र शहर में गोल्डन गेट प्रवेश द्वार पर एक विशाल धरने को संबोधित करते हुए बादल ने कहा कि शिअद एक सच्चे संघीय ढांचे की बात करने वाली पहली पार्टी है। ‘‘तब हम अलगाववादियों के रूप में ब्रांडेड थे। हालांकि आज सभी राज्य एक संघीय ढांचे के पक्ष में हैं और यह महसूस करते हैं कि यदि ऐसा होता तो किसान अपने अधिकारों के लिए आंदोलन नहीं कर रहे होते।'' 

बादल ने राजग सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि राजग ने न केवल संघवाद के खिलाफ, बल्कि विरोध करने की स्वतंत्रता पर भी प्रहार किया गया, उन्होंने कहा कि वक्त ने ऐसा मोड़ ले लिया है कि अगर कोई केंद्र सरकार के साथ समझौता करता है तो वह ‘देशभक्त' है, लेकिन यदि कोई उनका साथ छोडता है और उनके खिलाफ बोलता है तो उसे देश द्रोही कहकर पुकारा जाता है। ‘‘क्या हरसिमरत कौर बादल ने तीन कृषि कानूनों के विरोध में केंद्रीय मंत्रालय से इस्तीफा दे दिया वह देश द्रोही हैं, क्या प्रकाश सिंह बादल को कोई ऐसा व्यक्ति कह सकता है जिसने किसानों से एकजुट होकर पद्म विभूषण लौटाया हो। राजग सरकार पर आपत्ति जताने वालों को ‘टुकड़े टुकड़े' गैंग की तरह कहा जा रहा है, बादल ने कहा कि जो लोग पहले किसानों के रूप में संदर्भित थे, उन्हें चरमपंथी कहा जा रहा था क्योंकि वे कृषि कानूनों पर सरकार के बयान से सहमत नहीं थे। शिअद अध्यक्ष ने यह स्पष्ट किया कि किसान देश से नहीं लड़ रहे थे बल्कि केवल अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे थे।

बादल ने किसान आंदोलन को सिख बनाम हिंदू संघर्ष में बदलने की कोशिशों की भी निंदा की। यह दिल्ली में शुरू हुआ है और अब इस कदम के पीछे की ताकतें इसे पंजाब में दोहराना चाहती हैं। शिअद बहुत स्पष्ट है कि अगर पंजाब को समृद्ध करना है तो राज्य में शांति और सांप्रदायिक सछ्वाव सुनिश्चित करना होगा। शिअद शांति और सांप्रदायिक भाईचारे को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। इस अवसर पर बोलते हुए, पूर्व मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि उन्होंने कहा था कि किसानों की चिंताओं को ध्यान में रखे बिना किसी भी कानून को अंतिम रूप नहीं दिया जाना चाहिए। ‘‘किसान आज आंदोलन कर रहे हैं क्योंकि उनके विचार नहीं लिए गए थे। श्रीमती बादल ने कहा कि यह चौंकाने वाला है कि ठंड से किसानों और उनके परिवारों की पीड़ा केंद्र सरकार के दिल में नहीं गई।'' उन्होंने कहा कि यह और भी दुर्भाग्यपूर्ण है कि किसानों को यह भरोसा नहीं है कि सरकार उन्हें नक्सली और आतंकवादी के रूप में चित्रित करना शुरू कर रही है। 

इस अवसर पर बोलते हुए, बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि अब सत्ताधारी भाजपा के राष्ट्रीय नेता किसान विरोध में चीन और पाकिस्तान का हाथ होने का दावा कर रहे थे, लेकिन यह भूल गए कि किसने किसान विरोधी बिल पेश किया था। ‘‘विडंबना यह है कि जब देश के लिए बलिदान और योगदान की बात आती है, तो हमें सबसे अच्छा माना जाता है, लेकिन हम उनके फैसले को चुनौती देते हैं, वे हमें राष्ट्र-विरोधी, गुंडे और यहां तक ??कि आतंकवादी के रूप में चित्रित करने के लिए तत्पर हैं लेकिन लोकतंत्र में यह स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं संयुक्त राष्ट्र महासचिव के साथ-साथ अमेरिका और कनाडा सरकार को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने हमारी लड़ाई का समर्थन करते हुए कहा कि लोगों को शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने का अधिकार है। मैं पांच बार के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के साथ-साथ कलाकारों को भी धन्यवाद देता हूं, जो किसानों के समर्थन में आगे आए।

Mohit