बेअदबी की घटनाओं में कांग्रेस का हाथ : सुखबीर

punjabkesari.in Tuesday, Mar 17, 2020 - 04:06 PM (IST)

चंडीगढ़(अश्वनी): शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह यदि यह दावा कर रहे हैं कि वह अभी जवान हैं और अगला चुनाव लड़ेंगे तो उन्हें उनकी जवानी मुबारक। शिरोमणि अकाली दल 5 बार के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल जैसे तजुर्बेकार की सरप्रस्ती व निगरानी में अगला चुनाव लड़ेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि पार्टी फैसला करेगी तो प्रकाश सिंह बादल भी चुनाव लड़ेंगे। सुखबीर बादल पंजाब की कांग्रेस सरकार के 3 साल पूरे होने पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह द्वारा किए गए दावों को लेकर पत्रकार सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। 

सुखबीर ने अकाली-भाजपा सरकार के समय हुई बेअदबी की घटनाओं के लिए कांग्रेस को पूरी तरह जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि स्पष्ट तथा ठोस सबूतों ने यह बात साबित कर दी है कि उक्त घटनाएं चुनाव से पहले अकाली-भाजपा सरकार को बदनाम करने के लिए रची गई एक गहरी साजिश का हिस्सा थीं। बादल ने कहा कि इसके बाद की घटना ने इस साजिश में कांग्रेस का हाथ होने का पुख्ता सबूत दे दिया है। उन्होंने कहा कि मुख्य चश्मदीद गवाह सुरजीत सिंह के बयान ने कांग्रेस सरकार को परेशान किया हुआ था जिसे दबाने के लिए कांग्रेस के नेताओं को लगाया गया जिस वजह से उक्त मुख्य गवाह की रहस्यमयी परिस्थिति में मौत हो गई। मृतक मुख्य गवाह की पत्नी जसबीर कौर के बयान ने स्थिति को स्पष्ट कर दिया है। इस सबके बावजूद कैप्टन अमरेंद्र सिंह सरकार कांग्रेसी नेताओं को संरक्षण दे रही है। 
सुखबीर ने कहा कि 4 सप्ताह में नशा खत्म करने का वायदा करने वाली सरकार की असलियत का इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि हाल ही में पकड़ी गई हैरोइन की खेप में कांग्रेसी नेताओं की सीधे तौर पर मिलीभगत साबित हो रही है। 

कैप्टन से पूछे सवाल 
सुखबीर ने कैप्टन से पूछा कि मुख्यमंत्री अपनी सरकार द्वारा शुरू किया कोई एक विकास कार्य या समाज कल्याण की योजना गिनवाएं। इन 3 सालों में सी.एम. कितनी बार अपने कार्यालय या पंजाब आए? इन 3 सालों में कितनी बार कैप्टन परमात्मा का आशीर्वाद लेने के लिए श्री हरिमंदिर साहिब या अन्य धार्मिक स्थानों पर गए? कैप्टन सरकार ने अपने चुनावी घोषणा पत्र के वायदों से मुकरकर लोगों से धोखा किया है। किसानों की कर्ज माफी, आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवारों को राहत व सरकारी नौकरी, गन्ना किसानों का मिलों की तरफ पड़ा करोड़ों का बकाया कई मामले लंबित पड़े हैं। 

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