सुखबीर बादल के लगाए गए आरोपों के बाद सुखजिंदर रंधावा का जवाब
punjabkesari.in Saturday, Dec 18, 2021 - 12:55 PM (IST)

जालन्धर (धवन): पंजाब के उप-मुख्यमंत्री (गृह) सुखजिंद्र सिंह रंधावा ने अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल द्वारा सत्ता में आने पर उन्हें (रंधावा) जेल भेजने की दी गई धमकी का जवाब देते हुए कहा कि वह किसी भी जांच से डरने वाले नहीं हैं क्योंकि उन्होंने कोई भी गलत कार्य नहीं किया है। रंधावा ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि सुखबीर को यह बात पता होनी चाहिए कि जो व्यक्ति गलत कार्य करता है उसके मन में ही घबराहट होती है जबकि उन्होंने सरकारी स्तर पर पुलिस विभाग में नियुक्तियां भी मैरिट के आधार पर की थीं।
उन्होंने कहा कि नशों तथा धार्मिक बेअदबी के मामलों को लेकर चल रही जांच में तेजी लाई गई है। जब उनसे पूछा गया कि क्या अकाली नेताओं को गिरफ्तार करने के उद्देश्य से डी.जी.पी. को बदल कर चट्टोपाध्याय को चार्ज दिया गया है तो उन्होंने कहा कि यह फैसला मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी द्वारा लिया गया है। उन्होंने कहा कि चट्टोपाध्याय की रिपोर्ट नशों से संबंधित थी जबकि एस.टी.एफ. की रिपोर्ट भोलाकांड से जुड़ी हुई थी।
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उन्होंने कहा कि गृह मंत्री की डी.जी.पी. की निुयक्ति में कोई भूमिका नहीं होती तथा सरकार द्वारा सामूहिक फैसला लिया जाता है। वह समझते हैं कि चट्टोपाध्याय ने भी पुलिस में लम्बे समय तक सेवाएं दी हैं तथा वह अब कार्यवाहक डी.जी.पी. के रूप में भी अच्छी सेवाएं देंगे। उन्होंने पूर्व कार्यवाहक डी.जी.पी. इकबालप्रीत सिंह सहोता को हटाए जाने के संबंध में कहा कि सहोता ने भी अच्छा कार्य किया तथा उनमें भी कोई कमी नहीं थी।
रंधावा ने कहा कि अकाली वैसे ही नशों को लेकर चल रही जांच के मामले में शोर मचा रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि मौजूदा कांग्रेस सरकार राजनीतिक द्वेष की भावना से किसी के खिलाफ भी कार्रवाई नहीं करेगी। अकालियों को अनावश्यक ही डर सता रहा है इसलिए वे बार-बार अदालत में जा रहे हैं। रंधावा ने स्पष्ट किया कि वास्तव में राजनीतिक द्वेष की भावना से काम सुखबीर के पिता प्रकाश सिंह बादल ने शुरू किया था। बादल ने 1977 में ज्ञानी जैल सिंह के खिलाफ द्वेष की भावना से केस दर्ज किए थे। उसके बाद कैप्टन अमरेन्द्र ने बादलों तथा बादलों ने कैप्टन अमरेन्द्र के खिलाफ केस दर्ज किए। बाद में दोनों ने आपस में हाथ मिला लिया।
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गृह मंत्री से जब पूछा गया कि नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा बार-बार सरकार की कार्यप्रणाली को लेकर असंतोष जाहिर किया जा रहा है, तो रंधावा ने कहा कि पंजाब कांग्रेस प्रधान होने के नाते सरकार को चेताना सिद्धू का कर्तव्य है। रंधावा ने कहा कि उनके पिता स्व. संतोख सिंह रंधावा भी पंजाब कांग्रेस कमेटी के प्रधान रहे थे। वह अच्छी तरह से जानते हैं कि कांग्रेस प्रधान की जिम्मेदारियां क्या होती हैं? परन्तु मौजूदा कांग्रेस सरकार ने जनता से किए कई वायदों को पूरा किया है।
रंधावा ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने डिफाल्टरों को राहत दी तथा भूमिहीन व अनुसूचित जाति के लोगों के 520 करोड़ के ऋण माफ किए। पैंशनरों के खाते में अब सीधी पैंशन जा रही है। बिजली दरों में भी सरकार ने 3 रुपए प्रति यूनिट की कमी की है। इसी प्रकार व्यापारियों को सी-फार्म से राहत दी गई है। इतने अधिक कार्य पूर्व की कोई भी सरकार नहीं कर सकी।
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कांग्रेस टिकटों को लेकर मतभेदों के बारे में रंधावा ने कहा कि कांग्रेस एक परिवार है जहां पर छोटी-मोटी बातें होती रहती हैं परन्तु वह जानते हैं कि एक बार कांग्रेस नेतृत्व जिसे भी टिकट अलाट कर देगा उसे जिताना प्रत्येक कांग्रेसी का कर्तव्य होगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पुन: सरकार बनाएगी। रंधावा ने स्पष्ट किया कि आने वाले चुनावों में पंजाब के लोग सोच-समझ कर वोट देंगे क्योंकि उन्हें पता है कि न तो आम आदमी पार्टी पंजाब का भला कर सकती है और न ही अकाली दल।
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