फौज बारे दिए बयान पर अभी भी कायम हूंः खैहरा

punjabkesari.in Wednesday, Feb 20, 2019 - 12:35 PM (IST)

संगरूर(बेदी): फौज विरोधी बयान पर सोशल मीडिया पर हो रहे विरोध के बाद सुखपाल खैहरा ने कहा कि वह अपनी तरफ से दिए गए बयान पर अभी भी कायम हैं। खैहरा ने कहा कि 1991 में कुपवाड़ा जिले के कुनन और पोशपुरा गांव में फौजियों की तरफ से दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया था।

‘पंजाब केसरी’ के साथ बातचीत करते हुए खैहरा ने कहा कि देश में सुरक्षा दस्ते और फौज कानून से ऊपर है। मेरे कहने का यह मतलब नही था कि सारी फौज गलत है, मेरे कहने का मतलब था कि ऐसी घटनाओं से फौज के अक्स पर धब्बा लगता है। आज भी वह अपने स्टैंड पर कायम हैं। कुनन और पोशपुरा के दुष्कर्म का केस आज भी सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। खैहरा ने साफ किया कि वह अभी भी अपने स्टैंड पर कायम हैं और उनके फौज पर बयान को गलत ढंग के साथ पेश किया गया था यदि उनकी पूरी बात सही ढंग के साथ पेश की जाती तो लोगों को समझ आ जाना था कि उन्होंने कोई भी गैर वाजिब बात नही की।

पुलवामा के हमले की सख्त शब्दों में निंदा करते खैहरा ने कहा कि पुलवामा हमले पीछे पाकिस्तान या किसी आतंकवादी का हाथ हो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी राजनीतिक तौर पर बातचीत के द्वारा ढूंढा जाना चाहिए। खैहरा ने कहा कि वह भी चाहते हैं कि बातचीत जारी रखनी चाहिए क्योंकि भारत और पाकिस्तान दोनों मुल्क न्यूक्लियर पावर हैं यदि दोनों मुल्कों के बीच जंग लगती है तो सबसे अधिक नुक्सान पंजाब का होगा। यदि न्यूक्लियर पावर मुल्क बातचीत के द्वारा मामला सुलझा सकते हैं तो भारत पाकिस्तान क्यों नही सुलझा सकते। खैहरा ने कहा कि भाजपा बताए कि देश और फौज पर हो रहे हमलों के लिए कौन जिम्मेदार है। 

खैहरा ने कहा कि 1984 के सिख कत्लेआम को आज 34 साल का समय बीत चुका है जबकि इसके जिम्मेदार जगदीश टाइटलर जैसे आतंकवादियों को आज तक सजा नही दी गई। सरकारों का हमेशा ही पंजाब और कश्मीर के लिए अलग स्टैंड रहा है जबकि पुलवामा हमले पीछे सिर्फ नवजोत सिद्धू और सुखपाल खैहरा को दोषी बनाया गया है। 
 

Anjna