सुनील जाखड़ ने अबोहर की रेल समस्याओं पर रेल राज्यमंत्री से की मुलाकात

punjabkesari.in Wednesday, Aug 01, 2018 - 07:25 PM (IST)

अबोहर (भारद्वाज): प्रदेश कांग्रेस प्रधान व सांसद सुनील जाखड़ ने आज संसद सत्र के दौरान रेल राज्य मंत्री राजन गोहेन से मुलाकात की। उन्होंने अबोहर व आसपास के क्षेत्र की रेल समस्याओं में सुधार लाने के लिए कई अहम मुद्दे उठाए। 

मंत्री को दिए ज्ञापन में कहा कि अबोहर रेलवे स्टेशन को जंक्शन का दर्जा तो 6 वर्ष पूर्व दे दिया गया था लेकिन उसके अनुकूल इसका विकास नहीं किया गया। जंक्शन अबोहर-फाजिल्का सैक्शन शुरू होने पर बनाया गया था, लेकिन बाद दोपहर स्टाफ के अभाव के कारण इस सैक्शन पर 6 वर्षों में कोई नई रेलगाड़ी नहीं शुरू की गई। इस बारे में तत्कालीन रेल मंत्री, रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष व महाप्रबंधक से मुलाकातों के दौरान कई सुझाव दिए गए थे, लेकिन उनमें से ज्यादातर पर अभी तक कार्रवाई नहीं हुई।

जाखड़ ने कहा कि श्रीगंगानगर को राजस्थान का पंजाब कहा जाता है। उसके साथ-साथ जिला मुख्यालय फाजिल्का में रहने वालों की रेल समस्याएं भी अबोहर से जुड़ी हुई हैं। जब भी यह मांग की गई कि श्रीगंगानगर से अबोहर के रास्ते लंबी दूरी की रेलगाडिय़ां चलाई जाएं तो असमर्थतता जताते हुए यह तर्क दिया जाता था कि श्रीगंगानगर में केवल एक वाशिंग लाइन है, इसलिए और अधिक गाडिय़ां चलाना संभव नहीं, लेकिन अब जबकि श्रीगंगानगर में दो वाशिंग लाइन स्थापित की जा चुकी हैं, जिन पर एक साथ 24-24 कोच की गाडिय़ों की वाशिंग व तकनीकी रखरखाव की समूचित व्यवस्था है, तो लंबी दूरी की रेलगाडिय़ां चलाने में कोई दिक्कत नहीं आएगी। 

अबोहर रेलवे स्टेशन पर सुविधाएं बढ़ाने की मांग करते हुए जाखड़ ने कहा कि प्लेटफार्म नंबर 2 का निर्माण हुए एक दशक बीत गया लेकिन अभी तक दो छोटे शैड उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि रेलवे के आधुनिकीकरण का अभियान वर्तमान सरकार ने चलाया, लेकिन अबोहर रेलवे स्टेशन को पूर्णतया सोलर ऊर्जा प्रणाली से नहीं जोड़ा गया। आरक्षण परिसर में जो एटीवीएम मशीनें लगाई गई हैं, वह बिजली गुल होने पर बंद हो जाती हैं।

जाखड़ ने कहा कि 54702 बीकानेर-अबोहर व 54703 अबोहर-जोधपुर पैसेंजर गाड़ी को कैंसर एक्सप्रैस कहा जाता है। यह रेलगाड़ी सायं 6:40 पर अबोहर पहुंचने के बाद 7:10 बजे रवाना हो जाती है। बाद दोपहर अढ़ाई बजे से साढ़े 7 बजे के बीच अबोहर से श्रीगंगानगर जाने के लिए कोई रेलगाड़ी उपलब्ध नहीं। यदि बीकानेर पैसेंजर ट्रेन का ठहराव बठिंडा आदि रेलवे स्टेशनों पर कम करके इसे श्रीगंगानगर तक बढ़ाया जाए तो सायंकाल यात्रियों को आने वाली परेशानी से छुटकारा दिलाया जा सकता है। 

 


 

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