फोन पर पत्नी से कहा कल करूंगा बात पर फिर आई सर्जिकल स्टाइक के हीरो की शहादत की खबर

punjabkesari.in Wednesday, Sep 26, 2018 - 01:20 PM (IST)

बटाला(बेरी, विनोद, हरमन): जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के तंगधार सैक्टर में आतंकियों की घुसपैठ रोकते हुए शहादत का जाम पीने वाले 4 पैरा स्पैशल फोर्स के लांसनायक संदीप सिंह का गांव कोटला खुर्द में पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। इससे पहले तिरंगे में लिपटी शहीद के पार्थिव शरीर को श्रीनगर से सेना के जहाज ए.एन. 32 से पठानकोट के एयरफोर्स स्टेशन पर लाया गया। वहां से हैलीकॉप्टर के जरिए शहीद के पार्थिव शरीर को तिबड़ी कैंट ले जाया गया, जहां से शहीद की यूनिट के जवान व तिबड़ी से 17 राज राइफल यूनिट के जवान सड़क मार्ग से शहीद के तिरंगे में लिपटे हुए पार्थिव शरीर को जब गांव लेकर पहुंचे तो सारा माहौल गमगीन हो उठा। 

शहीद की माता कुलविंदर कौर, पत्नी गुरप्रीत सिंह व बहन खुशमीत कौर की करुण चित्कारें पत्थरों का कलेजा छलनी कर रही थीं।  वहीं शहीद का 5 वर्षीय बेटा अभिनव गुमसुम व नम आंखों से अपने शहीद पिता की तिरंगे में लिपटे शरीर को एकटक निहारते हुए अपनी मां के आंसू पोंछ रहा था।  

शहीद की यूनिट की ओर से उनके कमांडिंग अफसर कर्नल एस. मुथु कृष्णन, कर्नल एच. संधू, कर्नल कुलदीप सिंह, कर्नल नवीन कुमार, मेजर मुकुल शर्मा, कैप्टन रछपाल सिंह, सूबेदार मेजर मंगल सिंह, ए.डी.सी. जनरल सुभाष चंद्र, जिला रक्षा सेवाएं भलाई विभाग के डिप्टी डायरैक्टर कर्नल सतवीर सिंह, शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविंदर सिंह विक्की, कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा के भाई इंद्रजीत सिंह आदि ने रीथ चढ़ाकर शहीद को सलामी दी। इनके अलावा शहीद की माता कुलविंदर कौर, पिता जगदेव सिंह, पत्नी गुरप्रीत कौर, भाई मंदीप सिंह, 5 वर्षीय बेटे अभिनव ने भी शहीद को सैल्यूट किया। 

शहीद भाई की कलाई पर राखी बांध बहन ने दी अंतिम विदाई
शहीद की इकलौती बहन खुशमीत कौर ने अपने शहीद भाई की कलाई पर राखी बांध कर जब उसे अंतिम विदाई दी तो आसपास मौजूद हर एक की आंखों से आंसुओं की धारा बह निकली। यहां तक कि शहीद की यूनिट के मेजर मुकुल शर्मा भी अपने आंसुओं को रोक नहीं पाए। परिषद के महासचिव कुंवर रविंदर सिंह विक्की ने बताया कि खुशमीत जैसी बहन पर सारे देश को नाज है।   

शहीद के पिता व बेटे ने चिता को दी मुखाग्नि 
शहीद के पिता जगदेव सिंह व 5 वर्षीय बेटे ने जब शहीद की चिता को मुखाग्नि दी तो श्मशानघाट में मौजूद सैंकड़ों लोगों ने शहीद संदीप सिंह अमर रहे, भारत माता की जय, पाकिस्तान मुर्दाबाद, आतंकवाद मुर्दाबाद के जयघोष कर अपने क्षेत्र के लाडले की शहादत को नमन किया।

मुझे शहीद की मां कहलाने का गौरव प्रदान किया : मां
शहीद की बहादुर माता कुलविंदर कौर ने अपने शहीद बेटे की अर्थी को कंधा देकर पड़ोसी देश पाकिस्तान को यह संदेश दिया कि भारत की मांओं के कंधे में इतनी ताकत है कि वह अपने शहीद बेटे को कंधा देकर श्मशान ले जा सकती हैं। उन्होंने कहा कि मुझे अपने बेटे के जाने का दुख तो बहुत है, लेकिन इस बात का गर्व भी है कि संदीप ने अपनी शहादत देकर मुझे एक शहीद की मां होने का गौरव प्रदान किया।

एक दिन ऐसा काम कर जाऊंगा सारा देश मुझ पर गर्व करेगा : शहीद का दोस्त
इस अवसर पर शहीद के दोस्त लवप्रीत सिंह ने बताया कि संदीप अगस्त महीने में जब 15 दिन की छुट्टी पर आया था तो उसने उससे कहा कि जिंदगी में कुछ ऐसा करो कि लोग आप पर गर्व करें, तो उसने संदीप से कहा कि हमने क्या करना है, तुम ही कुछ ऐसा कर सकते हो, तो संदीप ने कहा कि मैं तो एक दिन ऐसा काम कर जाऊंगा कि सारा देश मुझ पर गर्व करेगा और तुम मुझे टी.वी. चैनल पर देखोगे और गांव में मेरा एक भव्य यादगारी गेट भी बनाना।

बेटे को भी भेजूंगी सेना में : शहीद की पत्नी
हीद की पत्नी गुरप्रीत कौर ने नम आंखों से बताया कि मेरे पति एक बहादुर सैनिक थे, जिन्होंने पीठ पर नहीं सीने पर गोली खाकर बहादुरी का परचम फहराया। इसलिए वह अपने इकलौते बेटे अभिनव को भी सेना में भेजेगी ताकि उसमें वह हमेशा अपने शहीद पति की छवि देखती रहे। उसने बताया कि शनिवार को उसकी अपने पति से फोन पर बात हुई थी। थोड़ी देर बात करने के बाद उसने कहा कि फायरिंग चल रही है, इसलिए कल बात करेंगे, मगर उसके बाद उनका कोई फोन नहीं आया, मगर सोमवार को आई उनकी शहादत की खबर ने उन पर ऐसा वज्रपात किया कि शायद ही वह सदमे से कभी उबर पाए।

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