सुषमा के झूठे आश्वासनों के साथ पति का इंतजार करती रही मंजीत

punjabkesari.in Wednesday, Mar 21, 2018 - 08:36 AM (IST)

गोराया (मुनीश): पिछले 4 वर्षों से केन्द्र सरकार की ओर से दिए जा रहे झूठे आश्वासनों के साथ पति का इंतजार कर रही गांव रूड़का कलां (गोराया) की बेटी मंजीत कौर पर आज उस समय दुख का पहाड़ टूट पड़ा जब उसे पता चला कि उसका पति अब कभी भी उनके पास नहीं आएगा क्योंकि मंगलवार सुबह विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की ओर से ईराक में फंसे 39 भारतीयों की मौत की पुष्टि कर दी गई। इस बाबत मंजीत कौर ने बताया कि उसका पति दविंद्र सिंह (48) पुत्र केवल सिंह निवासी चक्क देसराज (गोराया) वर्ष 2011 में अपने परिवार की रोजी-रोटी के लिए ईराक के एक शहर की कम्पनी में गया था जहां वह लोहे का काम करता था।

उसने बताया कि उसकी 15 जून 2014 को अपने पति से आखिरी बार बात हुई। इसके पश्चात आज तक उसका कोई फोन नहीं आया और न ही उसका कोई सम्पर्क हो रहा था। आखिरी बार जब उसकी पति से बात हुई थी तो उसने बताया था कि उसका पासपोर्ट जिस कम्पनी में वह काम करता है, के पास है। 10 जून 2014 को उसे वेतन मिल जाएगा और वह वापस भारत आ जाएगा। बाद में इराक में भारतीयों को बंधक बनाने की बात सामने व उन्हें मार डालने की बात सामने आई तो प्रशासनिक अधिकारी जिनमें डी.सी. जालंधर, एस.एस.पी. देहात उनके घर आए थे जिन्होंने उन्हें आश्वासन दिया था कि उसका पति सही-सलामत है लेकिन आज उन्हें उसकी मौत की खबर आई है जिससे उनके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट गया है। 

9 बार मिल कर लगाई थी विदेश मंत्री से गुहार
मंजीत कौर ने बताया कि वह अपने पति की सलामती के लिए करीब 9 बार दिल्ली में विदेश मंत्री से मिल कर आई थी और हर बार विदेश मंत्री की ओर से उसे यही भरोसा दिया जाता था कि उन्होंने अपनी टीम विदेश में भेजी हुई है जो उसके पति को सही-सलामत वापस ले आएगी। 

किराए के मकान में रह कर व सिलाई करके मंजीत कर रही परिवार का गुजारा 
ईराक में मारे गए दविंद्र सिंह के परिवार के आॢथक हालत किसी से छिपे नहीं हैं। उसकी पत्नी मंजीत कौर अपने मायके गांव में तीनों बच्चों 15 वर्षीय बलराज, 9 वर्षीय गगनदीप व रमनदीप (जुड़वा) के साथ किराए के मकान में रहती है और गांव में ही सिलाई का काम करके अपने परिवार का गुजारा करने को मजबूर है। मंजीत जो खुद बीमार रहती है, ने बताया कि पंजाब सरकार की ओर से उन्हें मदद दी जा रही थी जिससे उनके परिवार का गुजारा चल रहा है। गांव वासियों ने मीडिया के जरिए केन्द्र सरकार व पंजाब सरकार से मांग करते हुए कहा कि पीड़ित परिवार की सरकार मदद करे व उसकी पत्नी को सरकारी नौकरी दे।

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