सतलुज दरिया को लेकर आई नई Update, बजी खतरे की घंटी!
punjabkesari.in Saturday, Sep 13, 2025 - 03:24 PM (IST)

धर्मकोट: सतलुज नदी के पानी के स्तर में लगातार गिरावट के साथ ही पंजाब के कई इलाकों में बर्बादी की स्पष्ट तस्वीर सामने आ रही है। खासकर गांव भैणी और इसके आसपास के गांव मेरूवाला में सतलुज नदी के बांध से सटे क्षेत्रों को भारी नुकसान पहुंच रहा है। नदी के बदलते रुख ने न केवल खेती की जमीन को प्रभावित किया है, बल्कि लोगों के घरों और जान-माल को भी खतरे में डाल दिया है।
गांव भैणी के पूर्व सरपंच सुखजिंदर सिंह और स्थानीय निवासी हरप्रीत सिंह भैणी ने बताया कि सतलुज नदी ने मखण सिंह के घर के पास अपना रुख बदल लिया है। इसके परिणामस्वरूप नदी का बहाव सीधे गांव के बांध की ओर बढ़ रहा है, जिससे खेतों की जमीन तेजी से कट रही है। सुखजिंदर सिंह ने कहा कि हमारी जमीन नदी के साथ मिल रही है। अगर समय पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो गांव का बड़ा हिस्सा नदी की भेंट चढ़ सकता है। इसी तरह गांव मेरूवाला के सरपंच ने बताया कि मखण सिंह के घर को भी नदी के बदलते रुख ने पूरी तरह नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया है। हरप्रीत सिंह ने बताया कि पिछले कई दिनों से वे अपने घर को बचाने की कोशिशें कर रहे थे, लेकिन नदी के अनिश्चित रुख ने उन्हें मजबूर कर दिया कि वे घर की ईंटें हटाएं और मलबे को सुरक्षित स्थान पर ले जाएं। उन्होंने कहा कि हमने हर संभव कोशिश की, लेकिन जब नदी का रुख नहीं बदला, तो हमें घर को तोड़ना पड़ा, ताकि कम से कम कुछ सामग्री सुरक्षित रह सके।
हरप्रीत सिंह ने बताया कि स्थानीय लोग अपने सीमित साधनों के साथ जमीन और घरों को बचाने की कोशिशें कर रहे हैं। जब पानी का स्तर ऊंचा था, तब उन्होंने बांध को मजबूत करने की पूरी कोशिश की। अब भी वे जमीन की सुरक्षा के लिए दिन-रात एक कर रहे हैं। हम अपने लोगों की जान-माल की रक्षा के लिए पूरी मेहनत से काम कर रहे हैं, लेकिन सरकार की मदद के बिना यह संभव नहीं है। हल्का धर्मकोट के विधायक द्विंदरजीत सिंह लाड़ी ढोस ने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए संबंधित अधिकारियों को तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि हम प्रभावित लोगों को किसी भी तरह की मुश्किल नहीं आने देंगे। पंजाब सरकार पूरी तरह पीड़ित इलाकों के साथ खड़ी है। समय-समय पर बाढ़ पीड़ितों को हर संभव सहायता प्रदान की गई है, और आम आदमी पार्टी के वॉलंटियर भी पूरी मेहनत से काम कर रहे हैं। सतलुज नदी के बदलते रुख ने न केवल जमीन और घरों को नुकसान पहुंचाया है, बल्कि स्थानीय लोगों की आजीविका पर भी गंभीर असर डाला है। गाँव भैणी और मेरूवाला के अधिकांश निवासी खेती पर निर्भर हैं और उनकी उपजाऊ जमीन नदी के साथ कटने से उनकी आर्थिक स्थिति बिगड़ रही है। सुखजिंदर सिंह ने बताया कि गांव के कई किसानों की फसलें पहले ही बाढ़ की भेंट चढ़ चुकी हैं, और अब जमीन की कटाई ने उनकी बाकी बची उम्मीदों को भी धक्का दिया है। सुखजिंदर सिंह ने पंजाब सरकार से अनुरोध किया है कि वे तुरंत ठोस कदम उठाएं, जिससे गांव भैणी और मेरूवाला के क्षेत्रों को बचाया जा सके। उन्होंने सुझाव दिया कि नदी के बांध को मजबूत करने और पानी के रुख को बदलने के लिए वैज्ञानिक तरीकों को अपनाया जाए।