swine flu का कहरः 2016 का टूटा रिकार्ड, दो माह में 7 लोगों को मौत की नींद सुलाया

punjabkesari.in Tuesday, Feb 12, 2019 - 09:11 AM (IST)

अमृतसर (दलजीत): स्वाइन फ्लू ने जिले अमृतसर में पूरी तरह से अपने पैर पसार लिए है। स्वाइन फ्लू के जहरीले वायरस ने साल 2016 को रिकार्ड तोड़ते हुए पिछले दो माह से 7 लोगों को मौत की नींद सुला दिया है। उक्त बीमारी को लेकर जहां लोग दहशत में है, वहीं जिले के कुछ प्राइवेट अस्पताल लोगों की दहशत का फायदा उठाकर अपनी जेबें भर रहे हैं। 

जानकारी के अनुसार सर्दी बढ़ते ही स्वाइन फ्लू का वायरस तेजी से पनपने लगा था। अमृतसर की निवासी कुलजीत कौर, गीता की गुरु नानक देव अस्पताल में मौत हो गई थी। दोनों में  स्वाइन फ्लू की बीमारी जैसे लक्षण पाए गए थे। जनवरी माह में 5 लोग स्वाइन फ्लू से मौत के मुंह में चले गए, जबकि दो मरीजों की फरवरी में मौत हो गई है। कुछ दिन पूर्व तो एक भाजपा नेता की पत्नी को भी स्वाइन फ्लू की बीमारी जैसे लक्षण होने के कारण उसकी मौत हो गई थी। जिले में 7 मौतें होने के कारण लोग दहशत में हैं तथा वह अब छोटी-मोटी बीमारी को भी स्वाइन फ्लू से जोड़कर देख रहे हैं। 

लोगों की दहशत का फायदा उठाते हुए जिले के कुछ प्राइवेट अस्पताल पैसा बनाने की खातिर स्वाइन फ्लू का प्राइवेट स्तर पर 8500 रुपए का एच-1 टैस्ट पॉजीटिव आने पर मरीज को वसूल रहे हैंतथा बिना एन-1 टैस्ट करवाए ही उक्त बीमारी की पुष्टि कर रहे हैं। सेहत विभाग द्वारा एच-1 तथा एन-1 टैस्ट सरकारी मैडीकल कॉलेज की लैबोरेटरी में मुफ्त किया जा रहा है परन्तु लोगों में जागृति तथा प्राइवेट अस्पतालों की मनमर्जियों के कारण मुफ्त सुविधा का लाभ आम मरीजों तक नहीं पहुंच पा रहा है।

वर्ष 2016 में हुई थी 6 मौतें
स्वाइन फ्लू से वर्ष 2016 में 6 मौते हुई थीं जबकि 2018 में एक मरीज जिले में पाया गया था। वर्ष 2019 में अभी तक सेहत विभाग द्वारा किसी भी मरीज को स्वाइन फ्लू होने की पुष्टि नहीं की गई है। सेहत विभाग द्वारा जिला स्तरीय सरकारी अस्पताल तथा अन्य ब्लॉकों के अस्पताल के अलावा गुरु नानक देव अस्पताल में उक्त बीमारी की स्पैशल आइशोलेशन वार्ड बनाई गई है, जिसमें नि:शुल्क तौर पर स्वाइन फ्लू के लक्षण पाए जाने वाले मरीजों का इलाज किया जाता है। 

डॉक्टर पैसे बनाने की खातिर कर रहे गलत प्रचार 
वहीं जय गोपाल लाली तथा राजिंदर शर्मा राजू बताते हैं कि उक्त बीमारी को लेकर लोगों में डर का माहौल है छोटी-मोटी बीमारी को भी स्वाइन फ्लू से जोड़कर देखा जा रहा है। मोहल्लों में मैडीकल क्लीनिक खोल कर बैठे डॉक्टर पैसे बनाने की खातिर लोगों में गलत प्रचार कर रहे हैं। सेहत का ध्यान ना होने के कारण लोग उनकी ठगी का शिकार हो रहे हैं। विभाग को तुरंत ऐसे लोगों पर कार्रवाई करनी चाहिए जो लोगों की मजबूरी का फायदा उठाते हैं। 

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