सिंथैटिक ड्रग्स मामला:CBIअदालत ने की पूर्व अकाली मंत्री व बेटे सहित 4  की डिस्चार्ज एप्लीकेशन डिसमिस

punjabkesari.in Saturday, Sep 01, 2018 - 08:16 AM (IST)

मोहाली(कुलदीप): करोड़ों की सिंथैटिक ड्रग्स तस्करी मामले से जुड़े एक केस में सी.बी.आई. की विशेष अदालत ने पूर्व अकाली जेल मंत्री सरवन सिंह फिल्लौर, उसके बेटे दमनवीर सिंह फिल्लौर तथा पूर्व मुख्य संसदीय सचिव अविनाश चन्द्र सहित 4 आरोपियों की डिस्चार्ज एप्लीकेशनों को डिसमिस कर दिया है। अदालत ने ई.डी. द्वारा पेश किए गए चालान के सभी आरोपियों के खिलाफ मनी लॉङ्क्षन्ड्रग एक्ट तहत आरोप तय करने संबंधी आदेश जारी कर दिए हैं। अब अगली तारीख पर अदालत द्वारा आरोप तय कर दिए जाएंगे। 

उक्त सभी मनी लॉड्रिंग केस में आरोपी हैं जिन्होंने पंजाब पुलिस के डिसमिस डी.एस.पी. जगदीश भोला से मिलकर सिंथैटिक ड्रग तस्करी से करोड़ों रुपए इकट्ठे किए थे। एन्फोर्समैंट डायरैक्टोरेट (ई.डी.) ने गत वर्ष आरोपियों के खिलाफ सी.बी.आई. की अदालत में मनी लॉड्रिंग एक्ट तहत चालान पेश कर दिया था। ई.डी. के डिप्टी डायरैक्टर निरंजन सिंह द्वारा ई.डी. के स्पैशल प्रॉसीक्यूटर जगजीतपाल सिंह सराओ के माध्यम से पेश किए गए चालान में सरवन सिंह फिल्लौर (पूर्व जेल मंत्री), अविनाश चंद्र (पूर्व विधायक तथा पूर्व मुख्य संसदीय सचिव पंजाब), जगजीत सिंह चाहल, परमजीत सिंह चाहल, इन्द्रजीत कौर चाहल (पत्नी जगजीत सिंह चाहल), दविन्द्र कांत शर्मा (हिमाचल प्रदेश), जसविन्द्र सिंह, सचिन सरदाना, सुशील कुमार सरदाना, कैलाश सरदाना (पत्नी सुशील सरदाना), रशमी सरदाना (पत्नी सचिन सरदाना), दमनवीर सिंह फिल्लौर के साथ कुल 8 कम्पनियों के नाम शामिल किए गए थे।

ई.डी. द्वारा पेश किए गए चालान में बताया गया था कि उक्त आरोपियों ने ड्रग तस्करी से बनाए गए पैसों से खुद तथा अपनी कम्पनियों के पार्टनरों के माध्यम से चल व अचल जायदाद बनाई और अपनी उक्त कम्पनियों में पैसा लगाया। पंजाब पुलिस ने वर्ष 2012-14 में ड्रग तस्करी संबंधी कई एफ.आई.आर. दर्ज की थीं। ई.डी. द्वारा 25 मार्च 2013 को प्रीवैंशन ऑफ मनी लॉङ्क्षन्ड्रग (पी.एम.एल.ए.) एक्ट तहत केस दर्ज किया था। बताने योग्य है कि गत वर्ष दिसम्बर में अदालत ने आरोपियों द्वारा दायर की गई जमानत याचिकाओं को भी रद्द कर दिया था। प्राप्त जानकारी मुताबिक ई.डी. द्वारा ड्रग तस्करी केस से जुड़े लोगों की 61.62 करोड़ रुपए की कीमत वाली प्रॉपर्टीज अटैच की जा चुकी हैं जिनमें शोरूम, एग्रीकल्चर लैंड, रिहायशी मकान, 7 लग्जरी कारें, फिक्स डिपॉजिट सहित कम्पनियों के नाम पर सम्पत्ति भी शामिल थी।

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