पंजाब में भाजपा के भरोसे है टकसाली अकाली दल

punjabkesari.in Wednesday, Jan 16, 2019 - 11:58 AM (IST)

जालंधर(रविंदर): पंजाब की राजनीति में जल्द ही नए समीकरण देखने को मिल सकते हैं। बरगाड़ी कांड को लेकर अकाली दल की नीतियों से टूट कर बने नए टकसाली अकाली दल ने भाजपा लीडरशिप पर भरोसा जताया है। यह आने वाली बदली राजनीति के संकेत हैं। यानी टकसाली अकाली दल पंजाब में अपनी राजनीति की नींव भाजपा के बल पर मजबूत करना चाहता है। इससे टकसाली अकाली दल को 2 फायदे होंगे, एक तो केंद्रीय राजनीति तक टकसाली अकाली दल की पकड़ मजबूत होगी तो दूसरी तरफ भाजपा को साथ लेकर शिरोमणि अकाली दल को झटका देने की पूरी तैयारी की जा सकेगी।

टकसाली नेताओं को भाजपा लीडरशिप पर पूरा भरोसा
टकसाली अकाली दल के नेता रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा, सेवा सिंह सेखवां व रतन सिंह अजनाला ने साफ तौर पर कहा है कि उन्हें भाजपा की लीडरशिप व उनकी नीतियों पर पूरा भरोसा है। 1984 सिख दंगों के मामले में नए सिरे से एस.आई.टी. बनाकर जिस तरह से कांग्रेसी नेता सज्जन कुमार को सजा दिलाई गई है, उससे भाजपा की पहचान सिख जनता में अलग तौर पर उभर कर सामने आई है।

अकाली दल से नाता तोड़ने की भाजपा के समझ रखी मांग
इसके अलावा भाजपा ने श्री करतारपुर साहिब कॉरीडोर को खोलकर भी प्रदेश की जनता को ऐतिहासिक क्षण दिए हैं। टकसाली अकाली दल का मानना है कि वह प्रदेश में भाजपा के साथ जाने को पूरी तरह से तैयार है, बशर्ते शिरोमणि अकाली दल से भाजपा प्रदेश में अपना नाता तोड़े। इसके अलावा टकसाली अकाली दल पंजाब में पूरी तरह से अन्य राजनीतिक पार्टियों के साथ गठजोड़ की संभावना तलाश रहा है ताकि पंजाब की राजनीति में शिरोमणि अकाली दल व कांग्रेस को तगड़ी टक्कर दी जा सके। सेवा सिंह सेखवां का कहना है कि उनकी  पार्टी  के साथ जहां अकाली दल के कई बड़े नेता सम्पर्क में हैं, वहीं सुखपाल खैहरा की पंजाबी एकता पार्टी व अन्य पार्टियां भी सहयोग करने को तैयार हैं। 

आप के साथ गठजोड़ में भी नहीं है कोई दिक्कत
सेखवां ने यहां तक कहा कि उन्हें आम आदमी पार्टी से गठजोड़ करने में भी कोई दिक्कत नहीं है और वह इस पार्टी के नेताओं को भी पंजाब में गठजोड़ के लिए मना लेंगे। एच.एस. फूलका की भाजपा के साथ बढ़ती नजदीकियों को भी टकसाली अकाली दल ने अच्छा बताया है। उनका कहना है कि फूलका व उनका मिशन एक ही है। अगर फूलका भाजपा में शामिल होते हैं तो यह पंजाब की राजनीति के लिए शुभ संकेत है। फिलहाल भाजपा लीडरशिप पर भरोसा जताकर टकसाली अकाली दल ने गेंद भाजपा हाईकमान के पाले में डाल दी है। 


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