बदलते दौर के मध्य अब सूचना व तकनीक को आधार बना शिक्षा का प्रसार करना होगा : गुरदीप सिंह सिहरा
punjabkesari.in Saturday, Aug 22, 2020 - 08:07 PM (IST)
फगवाड़ा(जलोटा): उत्तर भारत में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ व अग्रणी स्वीकारी जाती जीएनए यूनिवर्सिटी के प्रांगण में आज पंजाब में अपनी तरह की पहली वर्चुअल कन्वोकेशन 2020 का सफल आयोजन किया गया । वर्चुअल कन्वोकेशन में इंजीनियरिंग बैच से संबंधित सन 2015 के जीएनए यूनिवर्सिटी के छात्र वर्ग को जीएनए यूनिवर्सिटी के प्रबंधकों द्वारा उनके घर पर ही डिग्रियां प्रदान की गई। दिलचस्प पहलू यह रहा कि कन्वोकेशन में यूनिवर्सिटी में 5 लोग ही मौजूद रहे और इस दौरान छात्र वर्ग को उनके घरों पर बेहद सरलता के साथ डिग्रियां प्रदान कर दी गई।
पंजाब केसरी के साथ वार्तालाप करते हुए जीएनए यूनिवर्सिटी के प्रो चांसलर व देश के जाने माने उद्योगपति एवं जीएनए गियर्स के डायरेक्टर गुरदीप सिंह सिहरा में बताया कि वर्चुअल कन्वोकेशन के दौरान यूनिवर्सिटी प्रबंधन द्वारा यह सुनिश्चित किया गया था की छात्र वर्ग को इस प्रकार डिग्री प्रदान की जाए कि उसको कन्वोकेशन में मौजूद रहने का एहसास भी रहे और वह कोविड-19 के दौर में अपने घर में रहते हुए पूर्ण रूप से सुरक्षित भी हो।
गुरदीप सिंह सिहरा ने कहा कि आज जीएनए यूनिवर्सिटी के सन 2015 से संबंधित इंजीनियरिंग बैच के छात्र वर्ग जिनमें मेकाट्रॉनिक्स एंड ऑटोमेशन इंजीनियरिंग, मैकेनिकल एयरोस्पेस, कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग, आटोमोटिव मेकाट्रॉनिकस ,सिविल व इलेक्ट्रॉनिकस एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग इत्यादि से संबंधित करीब 240 से ज्यादा विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान की गई है।
उन्होंने बताया कि इस ऐतिहासिक समारोह में करीब 25 होनहार छात्र वर्ग को विभिन्न श्रेणियों के तहत स्वर्ण, कांस्य व रजत मैडल के साथ सम्मानित किया गया है। कन्वोकेशन में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करने पधारे गुरदीप सिंह सिहरा ने कहा की वर्तमान युग आधुनिक सूचना व तकनीक को आधार बना उच्च शिक्षा का प्रसार करने का है। इसी के तहत आज यूनिवर्सिटी द्वारा अपनी तरह कि की गई पहल के तहत वर्चुअल कन्वोकेशन 2020 का आयोजन किया गया है।
इस मौके पर वर्चुअल कन्वोकेशन का हिस्सा बने जीएनए यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ वी.के रतन ने कहा कि आज पूरे विश्व में कोरोनावायरस का गंभीर संकट बना हुआ है और हर कोई इससे प्रभावित हो रहा है। डॉ रतन ने साथ ही कहा कि इस दौर को बतौर चुनौती स्वीकार करते हुए उच्च शिक्षा का प्रसार आधुनिक तकनीक के तहत अब ऑनलाइन प्रोसेस से छात्र वर्ग तक पहुंचाना प्रत्येक शैक्षिक संस्थान की नैतिक जिम्मेदारी बन गया है। उन्होंने कहा कि शिक्षा ही एक ऐसा अनमोल रत्न है जिसकी आभा सदैव ओजस्वी व्यक्तित्व को निखारने में निर्णायक रहती है। ऐसे में हमें हर हाल में शिक्षा का प्रसार जारी रखना है।
इस मौके पर जीएनए यूनिवर्सिटी की डीन एकेडमिक डॉ. मोनिका हंसपाल ने अपने स्वागत भाषण में सभी छात्र वर्ग को वर्चुअल कन्वोकेशन 2020 का हिस्सा बनने व घर पर मिली डिग्रियों की बधाई दी। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास यही रहेगा कि हम यूनिवर्सिटी में सूचना और तकनीक का भरपूर प्रयोग कर ऑनलाइन स्टडी पर फोकस करते हुए छात्र वर्ग को संकट के इस दौर में शैक्षिक कोर्स पहुंचाते रहे।
समारोह के दौरान डॉक्टर आर.के महाजन (रजिस्ट्रार जीएनए यूनिवर्सिटी) ने सभी छात्र वर्ग को डिग्रियां मिलने पर बधाई देते हुए कहा कि वह आज जीएनए यूनिवर्सिटी के उस ऐतिहासिक कार्यक्रम का हिस्सा बने हैं जिसके तहत उनको एक नए अनुभव का एहसास हुआ है और उनको अपने घर में ही डिग्री प्रदान हुई है। इससे पहले यूनिवर्सिटी के प्रांगण में वर्चुअल कन्वोकेशन 2020 के आगाज से पूर्व मौके पर मौजूद रहे गणमान्यो द्वारा अपने हाथों से शमा रोशन की गई । इस मौके पर जीएनए यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर कम एसोसिएट डीन डॉ विक्रांत शर्मा सहित अन्य गणमान्य मौजूद थे।
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