आतंकी लंडा का दायां हाथ माने जाने वाले रवि को प्रोडक्शन वारंट पर लाई पुलिस, खुल सकते है बड़े राज

punjabkesari.in Friday, Dec 09, 2022 - 08:56 AM (IST)

फिल्लौर (भाखड़ी): विदेश में बैठे आतंकवादी लखबीर सिंह लंडा का दायां हाथ माने जाने वाले अमृतसर जेल में बंद रवि बलाचौरिया को फिल्लौर पुलिस प्रोडक्शन वारंट पर लाई है।रवि बलाचौरिया ने ही जेल में बंद होने के बावजूद बाहर बैठे शूटरों को पंजाब के 6 लोगों को मरवाने के लिए हथियार दिलवाए थे। लंडा के और कौन से साथी बाहर हैं, वे उसके निर्देश पर आगे क्या योजनाएं बना रहे हैं पुलिस रवि बालचौरिया से सख्ती से सभी राज उगलाएगी। उसे अदालत में पेश कर उसका 5 दिन का रिमांड हासिल किया गया है। लंडा के तीनों शूटर पुलिस के हाथ नहीं लगते तो पंजाब में और बड़ा खेला जाना था खूनी खेल 3 दिन पहले ही स्थानीय पुलिस के इंस्पैक्टर सुरिंदर कुमार और उनकी टीम ने आतंकवादी लंडा के 3 शूटरोें को भारी मात्रा में असले सहित गिरफ्तार किया था। पूछताछ में तीनों शूटरों ने बताया था कि पंजाब में 6 लोगों को मौत के घाट उतारने और खत्री गैंग से अपना बदला लेने केे लिए बहुत बड़ा खूनी खेल खेलना था। इसके लिए वे लंडा के संदेश का इंतजार कर रहे थे। अगर समय रहते पुलिस इन्हें ना पकड़ पाती तो पंजाब का माहौल और भी खराब होना था।

रवि बलाचौरिया जेल में बैठा ऐसे दिलवाता था अवैध गतिविधियों को अंजाम
अमृतसर
 जेल में बंद होने के बावजूद रवि बलाचौरिया हर वक्त अपने आका आतंकवादी लंडा के संपर्क में रहता था। लंडा विदेश में बैठा पंजाब में अपने गैंग की सरगर्मियों पर नजर रखता था। पकड़े गए तीनों शुटरों ने खुलासा किया कि लंडा ने पंजाब में 6 लोगों को मौत के घाट उतारने के अलावा रुपया इकट्ठा करने के लिए रवि को अपहरण, फिरौती और बड़ी लूटपाट की वारदातों को अंजाम देने के निर्देश भी दिए। उन्हें मेरठ से 7 पिस्टल, 2 रिवॉल्वर गैंग के आदमी को बोल उन्हें उपलब्ध करवा दिए।

पंजाब की जेलें गैंगस्टरों का बन चुकी हैं महफूज ठिकाना
पंजाब 
में आए दिन गैंगस्टर किसी न किसी को मौत के घाट उतार कर या तो फरार हो जाते हैं और जो पकड़े जाते हैं पुलिस उन्हें जेल भेज देती है। पंजाब की जेलें गैंगस्टरों का सबसे महफूज ठिकाना बन गई हैं, जहां बैठे गैंगस्टर मोबाइल फोन के दोबारा बाहर बैठे अपने साथियों से बड़े से बड़ा काम करवा रहे हैं और फिर काम होने के बाद जेल में बैठे उसकी सोशल मीडिया पर जिम्मेदारी भी ले रहे हैं।

गैंगस्टरों को वी.वी.आई.पी. कल्चर के तहत जेलों से लाना और अदालतों में पेश करना छोटे अधिकारियों का मनोबल तोड़ रहा
एक
 वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पकड़े जाने के बाद या फिर जेलों में बंद गैंगस्टरों को रिमांड पर लाने और ले जाने के लिए आजकल जो वी.वी.आई.पी. कलचर अपनाया जा रहा है, वह पूरी तरह से गलत है। इससे आजकल की युवा पीढ़ी उनकी तरफ आकर्षित होती है और आम जनता में डर का माहौल पैदा होता है। इसका सबसे बुरा प्रभाव थाने में तैनात पुलिस मुलाजिमों पर भी पड़ रहा है जो उनके साथ सख्ती से पेश आने से संकोच करते हैं।

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Vatika