”Thar-Bullet वाले संभल जाएं!” DGP के बयान ने मचाया बवाल, सोशल मीडिया पर बहस तेज

punjabkesari.in Monday, Nov 10, 2025 - 10:56 AM (IST)

जालंधर(अनिल पाहवा): ऊंचा बॉडी फ्रेम, चौड़े टायर और 'रफ एंड टफ' लुक या फिर ‘धुग-धुग’ की आवाज़। यह दो अलग-अलग ट्रैंड इन दिनों पंजाब ही नहीं, बल्कि भारत के कई राज्यों के लोगों में खास लोकप्रिय हैं। हम बात कर रहे हैं महिंद्रा की ट्रैंडी गाड़ी थार तथा रॉयल एनफील्ड की बुलेट की, जो उत्तर भारत के युवाओं में सेंसेशन बने हुए हैं। अधिकतर आज के युवा दो वाहनों की हसरत रखता है।

कोई खरीद लेता है, कोई किसी दोस्त से लेकर चला लेता है तो कई हसरत भरी निगाह से देख कर समय निकाल लेता है, लेकिन हैं ये दोनों ही युवाओं के फेवरेट। लेकिन इन दो वाहन चलाने वालों के बारे में डायरैक्टर जनरल ऑफ पुलिस (डी.जी.पी.) ने ब्यान देकर नई बहस छेड़ दी है।  हरियाणा के डी.जी.पी. ओ.पी. सिंह का एक बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसके बाद महिंद्रा थार तथा रॉयल एनफील्ड बुलेट के दीवाने कटघरे में दिख रहे हैं। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि जिसके पास थार है, उसका दिमाग घूमा होगा। पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि पुलिस जब सड़क पर चैकिंग करती है तो हर गाड़ी को नहीं रोकती, लेकिन यदि सामने थार या बुलेट मोटरसाइकिल आती है तो ध्यान अपने आप चला जाता है। उन्होंने कहा कि थार हो तो कैसे जाने दें? बुलेट हो तो कैसे नजरअंदाज करें? सारे बदमाश इन्हीं पर चलते हैं। ऐसे वाहन अक्सर उन युवाओं के पास पाए जाते हैं जो सड़क पर स्टंट, तेज रफ्तार और दिखावे को अपनी पहचान मानते हैं। यह सिर्फ वाहन नहीं, यह उनके रवैये का प्रतीक बन जाता है।

"थार' और 'बुलेट'का क्रेज: शौक या स्टेटस सिंबल?
आजकल छोटे कस्बों से लेकर बड़े शहरों तक युवा वर्ग में थार और रॉयल एनफील्ड बुलेट रखने का एक अलग ही जुनून देखने को मिलता है। थार में ऊंचा बॉडी फ्रेम, चौड़े टायर और 'रफ एंड टफ' लुक। बुलेट की भारी आवाज और ‘धुग-धुग’ की पहचान। युवा कहते हैं कि यह गाड़ी नहीं... एटीट्यूड है। पर पुलिस कहती है एटीट्यूड नहीं... अक्सर परेशानी की वजह यह दो वाहन ही होते हैं। लेकिन बात यह भी साफ है कि 'थार' और 'बुलेट' चलाने वाले सारे एक जैसे नहीं हैं। बहुत से लोग ऐसे हैं जिनके पास ये वाहन हैं लेकिन मर्यादित तरीके से वे वाहन चलाते दिखते हैं। ऐसे युवा कहते हैं कि वे थार शौक से चलाते हैं, कोई गलत काम नहीं करते। सिर्फ इसलिए कि कुछ लोग गलत करते हैं, तो सबको एक जैसा कैसे मान लिया जाए। 

कुछ घटनाएं जो बनाती हैं यह छवि
पिछले कुछ समय से ऐसी खबरें बढ़ गई हैं जिसमें कार या एस.यू.वी. पर सवार युवक स्टंट के चक्कर में या तो जान गंवा बैठे या फिर पुलिस के हत्थे चढ़ गए। हैरानी की बात है कि ऐसी घटनाओं में अधिकतर मामले थार से ही जुड़े हैं। कई जगह हाईवे पर थार से स्टंट करते वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते देखे जाते हैं। थार की खिड़की में बैठकर या दरवाजा खोल कर स्टंट करते युवा देखे जाते हैं। बुलेट की ‘कटआऊट साइलैंसर’ आवाज से रात-दिन शोर की शिकायतें, रोड पर रेसिंग और ट्रैफिक रूल्स की अनदेखी भी इसी का हिस्सा है। हालांकि हर थार या बुलेट चलाने वाला गलत नहीं, लेकिन कुछ शरारती और 'दंबग' इमेज बनाने वाले युवाओं ने इन वाहनों की पहचान को प्रभावित किया है  लेकिन ट्रैफिक रूल्ज़ पर गौर करें तो यह चिंता बढ़ाने वाली बात है। 

क्यों बढ़ रहा है यह ट्रेंड?
पंजाब, हरियाणा व चंडीगढ़ की रोड-कल्चर में स्टाइल, पर्सनैलिटी, शो-ऑफ बड़ा फैक्टर हावी है। युवाओं के इस फैक्टर पर 'थार' और 'बुलेट' फिट बैठते हैं। पंजाब-हरियाणा में युवाओं में पावरफुल और बोल्ड लुक वाले वाहनों के क्रेज के कारण इन दो वाहनों की डिमांड भी ज्यादा है। ऊपर से सोशल मीडिया पर थार और बुलेट राइड रील्स की बाढ़ आई हुई है। स्टेटस सिंबल के तौर पर यह दोनों ही आगे हैं। थार की कीमत जहां 12 लाख से शुरू होकर 25 लाख के करीब तक जाती है, वहीं बुलेट की कीमत 1.60 लाख से लेकर 3 लाख तक जा पहुंचती है। भारत में सितंबर महीने के आंकड़े के अनुसार देश भर में 11,800 के करीब थार बिकीं, जबकि रॉयल एनफील्ड बुलेट की बिक्री 1.24 लाख के करीब युनिट रही।


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Vatika

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