मेरे दादा ‘मन’ के ‘मोहन’ हैं,अगर फिल्म में मर्यादा को पहुंची ठेस तो जाएंगे अदालत: कोहली

punjabkesari.in Tuesday, Jan 01, 2019 - 12:11 PM (IST)

अमृतसर(सफर): 2018 जाते-जाते देश में ‘द एक्सीडैंटल प्राइम मिनिस्टर’ फिल्म का ट्रेलर दे गया है जो 2019 के चुनावों में प्रधानमंत्री के पद की होड़ में देश की सबसे बड़ी 2 सियासी पार्टियों की प्रतिष्ठा से जुड़ता दिखाई दे रहा है। बहाना फिल्म का है लेकिन चोट सीधे वोट पर की गई है। कांग्रेस इस फिल्म के जवाब में ‘फेंकू प्राइममिनिस्टर’ बनाने के ‘ऐलान-ए-जंग’ के बाद किरदारों में अमिताभ बच्चन से लेकर जहां नवाजुद्दीन सिद्दीकी को अपने साथ जोडने के लिए ‘हाथ’ मिला सकती है। वहीं दूसरी तरफ 2018 में रिलीज हुए ‘द एक्सीडैंटल प्राइम मिनिस्टर’ के ट्रेलर के बाद देश के पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह का किरदार निभा रहे अनुपम खेर की धीमी आवाज बड़ी तेजी से प्रधानमंत्री की ‘छवि’ लेकर आ रही है जिसे सोशल मीडिया में कई अलग-अलग नाम सियासत देने लगी है। 

दादा का अपमाम बर्दाशन नहीं करूंगा

इसी बात को लेकर डा. मनमोहन सिंह का परिवार नाखुश है। ‘पंजाब केसरी’ से खास बातचीत करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह के पौत्र रंदीप सिंह कोहली कहते हैं कि फिल्म की कहानी अभी सामने नहीं आई है, ट्रेलर देखकर ही कोई निर्णय नहीं लिया जा सकता है, पिक्चर अभी बाकी है। अगर फिल्म में प्रधानमंत्री पद की गरिमा को ठेस लगाते हुए दिखाया गया तो प्रजातंत्र है, अदालत के दरवाजे सभी के लिए खुले हैं। मेरे तो दादा जी हैं, कोई भी पौत्र अपने दादा के अपमान को कैसे सहन कर सकेगा जब दादा जी की ईमानदारी की कसमें दुनिया के देश खाते हैं। अगर फिल्म में दादा जी की छवि धूमिल की गई तो कटघरे में वे सभी चेहरे होंगे चाहे वे भाजपा के राष्ट्रीय प्रधान अमित शाह हों या मौजूदा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी या कोई और। 

किताबों में पढ़ाई जानी चाहिए पूर्व प्रधानमंत्री की जीवनी

पंजाब केसरी’ से खास बातचीत में रंदीप सिंह कोहली कहते हैं कि मेरा दादा तो ‘मन’ के ‘मोहन’ हैं। उनकी जीवनी किताबों में पढ़ाई जानी चाहिए। उन्होंने देश को जो दिशा 10 सालों में दी उसी में कई योजनाओं को नया नाम देकर ‘मोदी सरकार’ अब तक वाहवाही लेती रही है। दादा की 10 सालों की सरकार में उनके चरित्र पर उनकी ईमानदारी व देश के प्रति कर्तव्य निष्ठा पर सवाल उठाने के लिए सियासी पार्टी फिल्म बनाती है और उसे दादा जी के ही मीडिया सलाहकार की किताब के हवाले से कहानी लिखने के पीछे की कहानी पिछले साढ़े 4 सालों से ‘पी.एम. हाऊस’ में लिखी जा रही थी। ट्रेलर सामने आया है, अगर फिल्म में मर्यादा को ठेस पहुंची तो अदालत के दरवाजे मैं अपने दादा डा. मनमोहन सिंह की प्रतिष्ठा के लिए जाऊंगा। 

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