फतेहवीर को बाहर निकालने वाले शख्स का बयान-मैंने प्रशासन से मांगा था 1 घंटे का समय

punjabkesari.in Tuesday, Jun 11, 2019 - 09:24 AM (IST)

संगरूरःफतेहवीर को बेरवौल से निकालने वाले व्यक्ति ने बड़ा बयान दिया है। उसने कहा कि  प्रशासन फतेह को बाहर निकालने के लिए भीड़ कम होने का इंतजार कर रहा था। बच्चे को बाहर निकालने के लिए उसने पहले दिन भी कोशिश की थी,पर उसके बाद उसे मौका नहीं दिया गया। व्यक्ति ने दावा किया कि उसने कई बार उच्चाधिकारियों से सम्पर्क भी किया था। उसने कहा था कि उसे एक घंटे का समय दिया जाए। प्रशासन ने उसकी एक न सुनीं। वह तो भीड़ कम होने का इंतजार करते रहे। जब उसे मौका दिया गया तो उसने सिर्फ 15 मिनटों में बच्चे को बाहर निकाल लिया।  

फतेहवीर की मौत के बाद लोगों का प्रदर्शन
उल्लेखनीय है कि डेढ़ सौ फुट गहरे बोरवेल में गिरे दो साल के बच्चे फतेहवीर सिंह को 5 दिन बाद बाहर निकाला गया है, जिसे चंडीगढ़ के PGI अस्पताल ले जाया गया। यहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। फतेहवीर की मौत की खबरों के बाद लोग घटनास्थल तथा पी.जी.आई के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं। 

इस तरह बोरवैल में गिरा था फतेह

गौरतलब है कि सुनाम इलाके में पड़ते सुगरूर जिले के गांव भगवानपुरा निवासी सुखविंदर सिंह का परिवार खेत में काम कर रहा था। इस दौरान उनका खेल रहा 2 साल का बेटा फतेहवीर सिंह न जाने कब उस तरफ चला गया, जहां पिछले 10 साल से बंद पड़े बोरवेल को प्लास्टिक की बोरी से ढ़क रखा था। धूप और बारिश वगैरह में कमजोर हो चुकी बोरी पर जैसे ही बच्चे का पैर पड़ा, वह उसी में ही उलझकर बोरवैल में नीचे चला गया। बच्चा 120 फुट गहराई और 9 इंच की पाइप में फंस गया था। बच्चे के नीचे गिरने का पता चलते ही घर वालों के हाथ-पैर फूल गए। उन्होंने आनन-फानन में पुलिस प्रशासन को सूचित किया। प्रशासन घटनास्थल पर हाजिर हो गया व तुरंत बचाव कार्य शुरू कर दिया गया था। बच्चे को निकालने के लिए एन.डी.आर.एफ., डेरा प्रेमी और आर्मी की टीमें जुटी रही थी। 

बोरी से ढका हुआ था बोरवैल
जिले के भगवानपुरा गांव में अपने घर के पास सूखे पड़े इस बोरवेल में गुरुवार शाम को फतेहवीर गिर गया था। इससे पहले अधिकारियों ने बताया कि यह बोरवैल एक बोरी से ढका हुआ था। फतेहवीर खेलते हुए वहां पहुंचा और उसमें गिर गया। उसकी मां ने अपनी इस इकलौती संतान को बचाने की बहुत कोशिशें की लेकिन वह इसमें नाकामयाब रही। बचाव दल रविवार को उसके करीब पहुंच गया था, लेकिन उसे निकाला नहीं जा सका। कुछ तकनीकी समस्याएं सामने आ गईं थीं।  
 

 

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