''हिस्ट्री आफ पंजाब'' किताब को लेकर उठे एतराजों पर शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन ने दिया यह बयान

punjabkesari.in Monday, Feb 28, 2022 - 06:34 PM (IST)

एस.ए.एस. नगर : पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के मुख्य गेट पर पिछले कई दिनों से 12वीं कक्षा की किताब 'हिस्ट्री आफ पंजाब' में सिख इतिहास के तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने विरुद्ध बलदेव सिंह सिरसा की अगुवाई में धरने संबंधी चेयरमैन पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड प्रो. योगराज की तरफ से एक बयान जारी किया गया है।

चेयरमैन पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड प्रो. योगराज अनुसार उनके पास इस किताब संबंधी जो सूचना सामने आई है, उसके अनुसार यह किताब साल 2009 से बाजार में बिक्री की जा रही है, जबकि शिकायतकर्त्ता की तरफ से इस की सूचना फरवरी 2022 में दी गई। जहां तक बोर्ड का सम्बन्ध है, इस किताब के प्रकाशन या इसके लेखक की नियुक्ति बोर्ड के अधिकार क्षेत्र में नहीं है। दफ्तरी रिकार्ड अनुसार यह किताब साल 2009 से साल 2017 तक एक सब-समिति और अकादमिक कौंसिल की सिफारिश उपरांत उस समय पर तत्कालीन चेयरमैन की तरफ से नोटीफाई करने की परवानगी दी गई थी।

प्रो. योगराज की तरफ से इस सम्बन्ध में और जानकारी देते बताया गया कि 9 फरवरी 2022 को प्राप्त हुई शिकायत पर तुरंत कार्रवाई करते मामले की पड़ताल आई.पी.एस. मल्होत्रा जांच आफिसर को सौंप दी गई जोकि अभी कार्रवाई अधीन है। परीक्षक आफिसर को यह निर्देश दिए गए हैं कि पड़ताल रिपोर्ट हर हालत में 5 मार्च तक पेश की जाए। पड़ताल रिपोर्ट प्राप्त होने पर इस सम्बन्धित बोर्ड के अधिकार क्षेत्र में आती हर योग्य कार्रवाई की जाएगी। यदि कोई इस तरह का तथ्य उभर कर सामने आता है, जिस संबंधी पंजाब सरकार को सूचित करना जरूरी हो या इस संबंधी कार्रवाई करना किसी और विभाग के अधिकार क्षेत्र में आता हो तो इस पर भी तत्काल कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। 

चेयरमैन, पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड की तरफ से यह भी बताया गया कि डा. मनजीत सिंह सोढी की तरफ से लिखी और मल्होत्रा बुक डीपू, जालंधर की तरफ से प्रकाशित की गई एक और किताब जिसको शिक्षा बोर्ड की तरफ से साल 2007 से 2017 तक हर साल प्रकाशित करने की स्वीकृति दी गई, संबंधी बलदेव सिंह सिरसा की तरफ से दी शिकायत पर कार्रवाई करते पड़ताल करवाई गई। पड़ताल रिपोर्ट प्राप्त होने पर शिक्षा बोर्ड के 16 आधिकारियों /कर्मचारियों विरुद्ध विभागीय कार्यवाही करते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किए जा चुके हैं। जहां तक इस किताब में शिकायतकर्त्ता अनुसार तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का आरोप है, इस संबंधी साहित्यकारों और विद्वानों की तीन सदस्यता समिति बना कर जांच पड़ताल हेतु सारा मामला पहले ही उनको रैफर किया जा चुका है। इस मामले की निरंतरता में यह बताना भी जरूरी है कि अक्तूबर, 2017 में उस समय पर के चेयरमैन कृष्ण कुमार आई.ए.एस. की तरफ से प्राईवेट पब्लिशरों की तरफ से छापें जा रही किताबें और शिक्षा बोर्ड की तरफ से इनको दी जा रही स्वीकृति की प्रक्रिया को पहले ही बंद किया जा चुका है जिसके बाद कोई भी किताब शिक्षा बोर्ड की तरफ से नोटीफाई नहीं की गई। 

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Content Writer

Subhash Kapoor

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