Jalandhar : विधायक Raman Arora के बेटे की जमानत याचिका पर कोर्ट ने दिया यह फैसला
punjabkesari.in Friday, Jun 06, 2025 - 05:40 PM (IST)

जालंधर (भारद्वाज ,जतिंदर) : जालंधर में सेंट्रल हलके के विधायक रमन अरोड़ा के बेटे राजन अरोड़ा की जमानत याचिका पर आज कोर्ट ने फैसला सुनाया। बताया जा रहा है कि कोर्ट ने रमन अरोड़ा के बेटे की जमानत याचिका खारिज कर दी है। बता दें कि भ्रष्टाचार के आरोप में सेंट्रल हलके के विधायक रमन अरोड़ा को गिरफ्तारी के बाद जेल भेज दिया गया हैं, वहीं उनके बेटे राजन अरोड़ा की अदालत में जमानत याचिका दायर की गई थी, जिसे लेकर आज कोर्ट में सुनवाई थी। लेकिन कोर्ट ने फिलहाल राजन अरोड़ा की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। वहीं एटीपी विशिष्ट की ज़मानत भी अदालत ने ख़ारिज कर दी है।
अतिरिक्त सैशन जज जसविंदर सिंह की अदालत द्वारा विधायक रमन अरोड़ा के बेटे राजन अरोड़ा द्वारा अपने वकील के माध्यम से लगाई गई अग्रिम जमानत और नगर निगम प्रशासन के एटीपी सुखदेव वशिष्ट द्वारा अपने वकील के माध्यम से लगाई गई रेगुलर जमानत की अर्जी पर दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद दलीलों से सहमत होते हुए एटीपी की रेगूलर जमानत व विधायक के बेटे राजन अरोड़ा की अग्रिम जमानत रद्द कर दी है। ऐसे में दोनों की मुश्किलें काफी बढ़ गई हैं। अब दोनों को माननीय पंजाब एंव हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ चुका है।
उल्लेखनीय है कि विजिलेंस पुलिस को जांच के दौरान राजन के विरुद्ध कई अहम सबूत मिले हैं। इसलिए कस्टडी में पूछताछ बहुत जरूरी है, जबकि नगर निगम प्रशासन का सारा कार्य विधायक का बेटा राजन अरोड़ा ही देखता था। और दूसरी ओर इस मामले में फरार चल रहे विधायक के समधी राजू मदान व बेटे राजन अरोड़ा को पकड़ने के लिए विजिलेंस पुलिस की 3 विशेष टीमें लगाई हुई हैं। परंतु विजिलेंस पुलिस न तो समधी राजू मदान और ना ही विधायक के बेटे राजन अरोड़ा को गिरफ्तार कर सकी है।
वहीं लंबे समय से फरार उनके करीबी आढ़ती महेश मखीजा ने भी गिरफ्तारी के डर से अदालत में सरेंडर किया है, जिसे विजिलेंस ने अपनी गिरफ्त में लेते हुए औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया है। विधायक के कहने पर मखीजा ने कई जगहों पर संपत्तियों के लेन-देन को अंजाम दिया। कई डील तो ऐसी थीं, जिनमें प्रॉपर्टी महेश के नाम पर ली गई थी। यही नहीं जब भी कोई बड़ी डील होती थी तो मखीजा की एक महिला रिश्तेदार सक्रिय रूप से बीच में आकर सौदे को पक्का कराती थी। इस मामले में अभी तक विजीलैंस जांच जारी है, और आने वाले समय में कई और अधिकारियों पर गाज गिरने की संभावना है।